-बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा “उच्च शिक्षा में मानवीय मूल्यों का समावेश” विषयक एक सप्ताह की ऑनलाइन कार्यशाला का उच्च व तकनीकी शिक्षा सचिव सुची शर्मा के मुख्य आतिथ्य में हुआ आगाज

बीकानेर।शिक्षा का मुख्य उदेश्य केवल मात्र नौकरी पाना ही नहीं अपितु समूचा चरित्र निर्माण करना है। भारत पर इतने वैचारिक आक्रमण होने के बाद भी ये हमारी शिक्षा ही थी जो हमारे संस्कारों को जीवित रखे हुए है । ये विचार उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग, राजस्थान सरकार की सचिव सुचि शर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा ऑनलाइन माध्यम से आयोजित हो रही एक सप्ताह की “उच्च शिक्षा में मानवीय मूल्यों का समावेश” विषयक कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में कही। उन्होंने ‘सा विद्या या विमुक्तये’ वाक्य की व्याख्या कर कहा की विद्या वह है कि जो मुक्ति प्रदान करे। जिसके द्वारा हम रोग, शोक, द्वेष, पाप, दीनता, दासता, गरीबी, बेकारी, अभाव, अज्ञान, दुर्गुण, कुसंस्कार आदि की दासता से मुक्ति प्राप्त कर सकें वह विद्या है।कालांतर में कई भारत पर वैचारिक आक्रमण के बाद आज मानवीय मूल्यों की शिक्षा की प्रासंगिता अधिक है ।उन्होंने बीटीयु द्वारा मानवीय मूल्यों के क्षेत्र में किये गए विशेष प्रयासों व हर कोर्स में इसकी अनिवार्यता को लेकर बीटीयु की भरसक सराहना की।

उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करते हुए बीटीयु के कुलपति प्रो. एच. डी. चारण ने कहा कि विद्यार्थियों को इंडस्ट्री रेडी बनाने के साथ सोशल रेडी भी बनाना शिक्षा जगत के संस्थानों का प्रथम कर्तव्य होना चाहिए l परस्पर सहयोग की भावना, समाज के प्रति कुछ कर गुजरने का जज्बा, पशुओं व प्रकृति के साथ सामंजस्य बैठाना ही मानवीय मूल्यों का स्वयं में समावेश करने का पहला कदम है । इस हेतु बीटीयु में ‘आनंदम’ कोर्स सभी शैक्षणिक विभागों में लागू होगा । इसके तहत संबंधित विभाग विद्यार्थियों को हर दिन समाजोपयोगी कार्य आवंटित करेगा ।

समारोह के अंत में अतिथियों, विशषज्ञों, तथा प्रतिभागियों धन्यवाद ज्ञापन बीटीयु के अकादमिक निदेशक डॉ. यदुनाथ सिंह ने किया ।

समापन कार्यक्रम का सञ्चालन कार्यक्रम समन्वयक डॉ अलका स्वामी ने करते हुए बताया की इस वर्कशॉप में राजस्थान के लगभग 1000 विद्यार्थी, अभिभावक, शिक्षक इत्यादि ने लाभार्जन लिया. डॉ अल्का ने बताया की इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को मानवीय मूलों की शिक्षा प्रदान करने के साथ साथ विभिन्न सामाजिक, सास्कृतिक, कार्य कुशलता आदि क्षेत्रों पर विस्तृत विचार-विमर्श एवं चर्चा करना है ताकि मानवीय मूल्यों पर आधारित शिक्षा व्यवस्था को बढ़ावा दिया जा सके। कार्यशाला को राष्ट्रीय स्तर के मानवीय मूल्यों के शिक्षाविदों द्वारा संबोधित किया जाएगा । इस अवसर पर बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के तथा एफिलिएटेड महाविद्यालयों के विभिन्न संकायों के डीन, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण एवं विद्यार्थी ऑनलाइन माध्यम से उपस्थित थे।