हर्षित सैनी
रोहतक, 3 फरवरी। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने शोधार्थियों से अपना शोध कार्य गंभीरता से करें। वे मदवि के चौ. रणबीर सिंह इंस्टीटयूट आफॅ सोशल एण्ड इकोनोमिक चेंज के तत्वावधान में आयोजित किए जा रहे सामाजिक विज्ञान में शोध प्रविधि विषयक कार्यशाला का उद्घाटन करने के उपरांत विद्यार्थियों को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने विद्यार्थियों से समाज के लिए प्रासंगिक शोध करने तथा शोध के जरिए सामाजिक समस्याओं का समाधान तलाशने का आह्वान किया।
इस पांच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन सामाजिक विज्ञान संकाय के विषयों/विभागों समाज शास्त्र, भूगोल, इतिहास, मनोविज्ञान, राजनीति विज्ञान, लोक-प्रशासन, रक्षा एवं सामरिक अध्ययन तथा पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान के एम फिल तथा पीएचडी पाठ्यक्रम में नव प्रवेश प्राप्त शोधार्थियों के लिए किया जा रहा है।

प्रो. राजबीर सिंह ने शोध कार्य को गंभीरता से करने की सलाह देते हुए कहा कि शोधार्थी, अपने शोध के जरिए गुणवत्तापरक तथा समाजापयोगी ज्ञान सृजित करें। कुलपति ने डीन, अकेडमिक अफेयरस प्रो. नीना सिंह को विश्वविद्यालय में उत्कृष्ट शोध संस्कृति विकसित करने के सतत एवं गंभीर प्रयासों को सराहा।
इससे पूर्व डीन, अकेडमिक अफेयरस तथा चौ. रणबीर सिंह इंस्टीटयूट आॅफ सोशल एण्ड इकोनोमिक चेंज प्रो. नीना सिंह ने इस कार्यशाला की पृष्ठभूमि प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रत्येक शोधार्थी को अपना अपना विशिष्ट शोध विचार सृजित करना चाहिए। उन्होंने रिसर्च कार्य को माइंड ट्रेनिंग की संज्ञा दी। प्रो. नीना सिंह ने कह कि शोधार्थी ज्ञान-उपभोक्ता से ज्ञान-उत्पादक का सफर तय करता है।

इस पांच दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि तथा मुख्य वक्ता इंटरनेशनल इंस्टीटयूट आॅफ पापुलेशन स्टडीज मुंबई के प्रोफेसर डा. राम बाबू भगत ने कहा कि शोध में बहुलतावादी सोच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शोध कार्य भी सत्य के लिए आग्रह सरीखा है। इस लिए शोध कार्य में सच्चाई एवं एकनिष्ठता बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि शोध स्वयं सशक्तीकरण का माध्यम है।
आज कार्यशाला के तकनीकी सत्र में पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला के प्रो. जगतार सिंह ने शोध-साहित्य समीक्षा तथा स्तरीय शोध साहित्य पर व्याख्यान दिया। कार्यशाला का संचालन पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. एन. के. स्वैन ने किया। प्रो. स्वैन ने आभार प्रदर्शन भी किया।
इस कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में प्रो. देसराज, प्रो. सोनिया मलिक, प्रो. जे.एस. धनखड, प्रो. के.वी. चमार, प्रो. अंजना गर्ग, प्रो. राजेन्द्र शर्मा, प्रो. एम.आई. हसन, डा. प्रदीप जांगड़ा, डा. प्रताप सिंह, डा. राजेश कुमार, सुनित मखर्जी उपस्थित रहे। फैकल्टी आफॅ सोशल साईंसेज के शोधार्थियों ने इस कार्यशाला में भाग लिया।