जयपुर /राजधानी के चर्चित श्वेता तिवारी व उसके 21 महिने के बेटे श्रीयम हत्याकांड मामले में पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने प्रेस कांफ्रेंस कर खुलासा किया है. पुलिस के अनुसार हत्या का मास्टरमाइंड पति रोहित तिवाड़ी दूसरी शादी करना चाहता था. शादी में बच्चा बाधा ना बने इसी के चलते मासूम बच्चे की भी कॉन्ट्रैक्ट किलिंग द्वारा हत्या करवा दी. रोहित ने 5 जनवरी को ही श्वेता के परिजनों को फोन कर कहा था कि इसे मेरे घर से ले जाओ.

मृतका के पहले भी लिखा था नोट
पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि यह महिला करीब पिछले डेढ़ साल से इस फ्लैट में रह रही थी. इस दौरान फ्लैट में कितने लोग आए उन सबकी जानकारी खंगाली गई. साथ ही कहा गया कि जहां से मृतका के पति के पास में फिरौती के मैसेज आ रहे थे उस नबंर के आधार पर पूरी टीम ने मामले का विश्लेषण किया गया. पुलिस के अनुसार 2011 में जब मृतका की शादी रोहित से हुई तब से ही इन दोनों के संबंध अच्छे नहीं थे. इसके बाद धीरे-धीरे इनके संबंध और खराब हो गए. इन सब के बीच मृतका ने एक बार ऐसा भी नोट लिखा था कि अगर मेरी जान चली जाती है तो इसका जिम्मेदार मेरा पति होगा. अभी सात तारीख को यह घटना हुई इससे पहले 5 तारीख को भी मृतका के पति ने उसके साथ मारपीट की थी. इस बात की शिकायत पीड़िता ने अपने पीहर और पड़ोसियों से की थी।

पुलिस कमिश्नर ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि इन बातों को ध्यान में रखते हुए ही पुलिस ने मृतका के पति से भी सख्ती से पूछताछ की. हमारी पूरी टीम के ग्राउंडलेवल पर काम करने से जानकारी मिली की इस पूरी जघन्य घटना का सूत्रधार मृतका का पति रोहित तिवारी ही है. रोहित तिवारी जयपुर से पहले उदयपुर में पोस्टेड था. तब उसकी आगरा निवासी हरिसिंह नाम के व्यक्ति से दोस्ती हुई. जिसके बाद उसकी मुलाकात हरि के साले सौरभ चौधरी से हुई. इसके बाद सौरभ चौधरी की पिछले कुछ समय से रोहित तिवारी से मुलाकात होती रहती थी. इसी बीच जब रोहित और श्वेता के बीच विवाद बढ़ने पर रोहित के मन में उसको रास्ते से हटाने का विचार आया. उसके बाद मृतका के पति रोहित तिवारी ने अपनी पत्नी श्वेता तिवारी व 21 महीने के बेटे श्रीयम को मारने के लिए सौरभ चौधरी को सुपारी दी थी.

अखबार में क्राइम की खबर पढ़कर बनाया प्लान
पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी रोहित ने 22 दिसंबर को अखबार में क्राइम की खबर पढ़कर इस घटना को अंजाम देने के लिए खुद को तैयार करना शुरू कर दिया था. इसी दौरान उसके दिमाग में बच्चे को भी खत्म करके नई जिंदगी शुरू करने का विचार भी आया. जब इस बारे में वह पूरी तरह से तैयार हो गया तो उसने यह पूरी बात हरिसिंह को बताई. इस पर हरिसिंह ने इस मालमे में सौरभ की मदद लेने को कहा. उसके बाद आरोपी रोहित ने इसको लेकर सौरभ से बात की. फिर इस हत्या की विस्तार से योजना तैयार की गई. उसी दिन यह तय होता है कि तुम्हें हत्या इस प्रकार से करनी है बाद में यह लगे की यह हत्या फिरौती को लिए की गई है. इसी के चलेत बच्चे की लाश को श्वेता से दूर ले जाकर फेंका गया. साथ ही यह सब पहचान को छुपाकर पुलिस को गुमराह करने के लिए किया गया. लेकिन पुलिस ने इस पूरी कहानी को कड़ी से कड़ी जोड़कर इसका खुलासा किया.

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मूसली से किया भरपूर प्रहार
प्रेस वार्ता में पुलिस कमिश्नर ने बताया कि 3 जनवरी को बनाए प्लान के अनुसार 7 तारीख को इस घटना को अंजाम देना तय किया, और जिस दिन इस घटना को अंजाम देना है उस दिन रोहित तिवारी की लोकेशन हर सूरत में उसके ऑफिश में ही आनी चाहिए. इसी बीच घटना वाले दिन सौरभ करीब 2 बजे के आसपास अपने चेहरे को थोड़ा से कवर करके फ्लैट में आता है और पहले से जानकारी होने के चलते वह वहां बैठकर चाय पिता है आपस में बातचीत करता है. उसके बाद वह किचन से मूसली को छूपाकर लाता है और उससे उस महिला के सिर पर भरपूर प्रहार करता है. इसके बाद वह महिला कही जिंदा ना बच जाए उसपर लगातार चार से पांच वार करता है. उसके बाद जब महिला एक दम शिथिल पड़ जाती है तो उसके बाद वह यही चीज दूसरे कमरे में जाकर बच्चे के साथ करता है. पहले उसका गला दबाता है फिर उसके बाद बच्चे को भी उसी मूसली से मार देता है. उसके बाद वह करीब 20 से 25 मिनट वहां रूकता है उसके बाद चाकू से महिला का गला भी काट देता है. जब वह पूरी तरह से संतुष्ट हो जाता है कि महिला और बच्चा मर गए तो वह बच्चे को एक टावल में लपेटकर उस बिल्डिंग के बगल में जंगल से इलाके में उसे चुपचाप फेंक देता है. उसके बाद वह कैमरे से बचने की कोशिश करते हुए बाहर निकल जाता है. बाद में साथ में वह मृतका के मोबाइल को भी ले जाता है. उसके बाद मृतका के फोन से सिम निकालकर नए फोन में सिम रखकर फिरौती का खेल शुरू करता है।