-: बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा 3500 विद्यार्थियों की प्रतिभागिता के साथ “तकनीकी शिक्षा में मानवीय मूल्यों का समावेश” विषयक एक सप्ताह की ऑनलाइन कार्यशाला का नेशनल बोर्ड ऑफ़ एक्रीडीटेशन दिल्ली के मुख्य आतिथ्य में हुआ समापन

बीकानेर।संकट के समय विपरीत परस्थितियों को अवसर में तब्दील कर आगे बढ़ना ही अर्जित की गयी शिक्षा का मूल है ।हम अपने अंदर झांककर एक अच्छे व्यक्ति से मुलाकात कर सकते हैं । स्वयं को समझना, संसार को समझने से बेहतर है । यही समझ हर विकट परिस्थितियों से उबारती है । ये विचार नेशनल बोर्ड ऑफ़ एक्रीडीटेशन दिल्ली के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल ने बतौर मुख्य अतिथि बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा ऑनलाइन माध्यम से आयोजित हो रही एक सप्ताह की “तकनीकी शिक्षा में मानवीय मूल्यों का समावेश” विषयक कार्यशाला के समापन समारोह में कही । उन्होंने सरलतम परिभाषा में बताया कि मन में बैठी हुई गहरी आस्था, जो यह तय कराती है कि हमें क्या करना है और कैसे करना है, वह मानवीय मूल्य हैं। एनबीए के बारह प्रोग्राम आउटकम में से पांच आउटकम प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष तौर पर मानवीय मूल्यों से संबंधित हैं जो इस विषय की गहनता को इंगित करते हैं । उन्होंने कहा की अन्य विश्वविद्यालय मानवीय मूल्यों पर बात करते हैं, जबकि बीटीयू ने इस पर गहनता से कार्य कर इसे हर कोर्स में लागु किया है ।उन्होंने बीटीयु द्वारा मानवीय मूल्यों के क्षेत्र में किये गए विशेष प्रयासों व हर कोर्स में इसकी अनिवार्यता को लेकर बीटीयु की भरसक सराहना की ।

समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए बीटीयु के कुलपति प्रो. एच. डी. चारण ने कहा कि समाज का अस्तित्व मानव मूल्यों पर निर्भर करता है एवं इसमें लगातार सुधार करना प्रत्येक शिक्षण संस्थान की जिम्मेदारी है। पेशेवर नैतिकता के साथ काम शुरू करने से पहले, हर व्यक्ति को अपने भीतर के मानवीय मूल्यों की जांच करनी चाहिए, अगर उनमें सुधार की आवश्यकता है तो पहले सुधार पर ध्यान देना चाहिए।

समापन कार्यक्रम का सञ्चालन डॉ सरोज लखावत ने किया ।समारोह के अंत में अतिथियों, विशषज्ञों, तथा प्रतिभागियों धन्यवाद ज्ञापन करते हुए बीटीयु के मानवीय मूल्य संकाय की अधिष्ठाता डॉ. अलका स्वामी ने बताया की कार्यशाला का उद्देश्य मानव मूल्यों का ज्ञान कराकर पशु चेतना से मानव चेतना में प्रतिस्थापन का प्रयास बताया। उन्होंने बताया की पिछले 10 दिनों में में राजस्थान के लगभग 3500 विद्यार्थी, अभिभावक, शिक्षक इत्यादि ने लाभार्जन लिया. कार्यशाला को राष्ट्रीय स्तर के मानवीय मूल्यों के शिक्षाविदों ने संबोधित किया। इस अवसर पर बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के तथा एफिलिएटेड महाविद्यालयों के विभिन्न संकायों के डीन, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण एवं विद्यार्थी ऑनलाइन माध्यम से उपस्थित थे।