– जिला निष्पादन समिति की बैठक आयोजित
बीकानेर, 25 फरवरी। जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने अन्नपूर्णा योजना के तहत आवंटित बजट को आनुपातिक रूप से सभी ब्लाॅक शिक्षा अधिकारियों को आवंटित करने के निर्देश दिए और कहा कि सभी ब्लाॅक शिक्षा अधिकारी बजट प्राप्त होते ही संबंधित विद्यालयों को राशि जारी करें ताकि विद्यालयों में दूध आपूर्ति बाधित ना हो।
गौतम मंगलवार को कलेक्टेªट सभागार में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की जिला निष्पादन समिति तथा राष्ट्रीय पोषाहार योजना की समीक्षात्मक बैठक में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने विद्यालयों में विद्यार्थियों को दिए जा रहे दूध की गुणवता पर विशेष जोर दिया और कहा कि इसके लिए एक कार्मिक की अलग से जिम्मेदारी तय की जाए। उन्होंने मिड-डे-मील योजना में खाद्यान्न आपूर्ति के दौरान उसकी क्वालिटी पर निगरानी रखने के निर्देश दिए और कहा कि कार्यकारी एजेन्सी अगर घटिया खाद्यान्न सामग्री की आपूर्ति करती है तो उसे प्राप्त ना करें साथ ही खाद्यान्न को तोल कर प्राप्त करें। खाद्यान्न सामग्री पूर्ण गुणवता की हो यह सुनिश्ेिचत किया जाए। उन्होंने विद्यालयों में संसाधन बढ़ाने के लिए जनसहभागिता योजना में कार्य करवाने पर जोर दिया और कहा कि विद्यालय प्रबंधक अपने-अपने क्षेत्र के भामाशाहों को इस योजना से जोड़ने के लिए प्रेरित करें। सभी ब्लाॅक शिक्षा अधिकारी इस संबंध में विशेष प्रयास करेंगे तो विद्यालयों में संसाधनों की कमी नहीं रहेगी।

जिला कलक्टर ने कहा कि स्कूलों में भोजन एवं स्वच्छता साथ-साथ चलनी चाहिए। विद्यार्थियों को अध्यापक सदाचारी बनाएं तथा उन्हें स्वच्छता के बारे में जागरूक करंे। बच्चों के बाल, नाखून,दांत आदि की जांच समय-समय पर की जाए। उन्होंने कहा कि सभी अध्यापक भावनात्मक रूप से विद्यालय से जुड़ेंगे तभी उत्कृष्ट परिणाम मिलेंगे।
जिला कलक्टर ने जिले के सभी स्कूलों में मिड डे मील के पोषाहार को गुणवत्ता व स्वच्छता के साथ बनाने के निर्देश दिए और कहा कि विद्यालयों में बच्चों को स्वच्छता की आदत विकसित की जाए। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उन्हें सदाचारी बनाएं तथा शनिवार को बच्चों के लिए स्वास्थ्य, खेल-कूद, बालसभाएं जैसे कार्यक्रम आयोजित करें।
जिला कलक्टर ने स्कूलों में किचन गार्डन की समीक्षा करते हुए कहा कि शनिवार के दिन किचन गार्डन को मेंटेन करने के लिए अध्यापक सहित विद्यार्थियों का भी सहयोग लिया जाए। जिन स्कूलों में बालिकाएं अध्ययनरत है, उनमें सेनेटरी नैपकिन की उपयोगिता सुनिश्चित की जाए। सेनेटरी नैपकिन की प्रभारी महिला अध्यापिका को बनाया जाए। अगर किसी स्कूल में महिला अध्यापिका नहीं है, तो किसी वरिष्ठ बालिका को इस का इंचार्ज बनाया जाए। पुरूष अध्यापक के पास सेनेटरी नैपकिन का चार्ज नहीं होना चाहिए।
जिला कलक्टर ने उजियारी पंचायत के संबंध में जानकारी ली और निर्देश दिए कि आगामी सत्र में कोई भी बच्चा स्कूल से वंचित न रहे। इस संबंध में निष्ठा के साथ कार्य करें। समय रहते गांव में सर्वे करते हुए, इस बात का पता करें कि शाला जाने के योग्य कितने बच्चे हैं ? बच्चों के पिता-माता को शिक्षा के महत्व के बारे में बताएं और बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलाने का उनसे आग्रह करें। स्कूलों में बच्चों का शत प्रतिशत नामांकन होना चाहिए।

जिला कलक्टर ने जिला रैकिंग व ब्लाॅक रैकिंग की समीक्षा करते हुए इस संबंध में जिन ब्लाॅक की रैकिंग कमजोर है, उनमें विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्हांेने समग्र शिक्षा अभियान के तहत चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने के संबंधित अभियन्ताओं को निर्देश दिए। उन्होंने बीकानेर शहर में भूमिहीन ऐसे विद्यालय जो अन्य भवनों में संचालित हो रहे है को चिन्हित कर, उसकी सूची यूआईटी से भूमि उपलब्ध करवाने के प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों में विद्युत कनेक्शन तथा छात्र और छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय होने चाहिए। इसके लिए सभी ब्लाॅक शिक्षा अधिकारी सूचनाओं का संकलन करें कि किन-किन स्कूलों में विद्युत कनेक्शन नहीं है और शौचालय नहीं है।
बैठक में ए डी एम (प्रशासन) ए एच गौरी, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी राजकुमार शर्मा, प्रारंभिक जिला शिक्षा अधिकारी प्रेम शंकर झा, ब्लाॅक शिक्षा अधिकारी नोखा मोहमद सलीम पडिहार, सहायक परियोजना समन्यक समग्र शिक्षा कैलाश बड़गुजर सहित ब्लॉक शिक्षा अधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे
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