-त्रिवेणीगंज अनुमंडल में लहर्निया गांव है जहां 50 एकड़ में लगे बगीचे में रहते हैं करीब पांच लाख चमगादड़ ।

प्रशांत कुमार/सुपौल (ओम एक्सप्रेस ब्यूरों)

हॉरर फिल्मों में भयावहता बढ़ाने के लिए दिखाए जाने वाले चमगादड़ बिहार के एक गांव में सुख-समृद्धि का प्रतीक माने जाते हैं। लोग इनकी पूजा करते हैं। स्थानीय प्रो. अजय सिंह चमगादड़ों का अभयारण्य बनाने के लिए भी प्रयासरत हैं।आज कई देशों में कोरोना का कहर है, विशेषज्ञ भी आशंका जाहिर किया है कि खतरनाक वायरस का जननी चमगादड़ है ,ऐसे में आम लोग चमगादड़ से न सिर्फ सतर्क रहते है बल्कि उससे खौफजदा भी है।बाबजूद इनके पूर्वजों ने चमगादड़ों को बगीचे में पनाह दी और आज अजय उसी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। 50 एकड़ के इस बगीचे में चमगादड़ों के रहने के लिए खास तौर पर पेड़ लगाए गए हैं।

अजय और उनके परिवार के लोग इस बात का ध्यान रखते हैं कि चमगादड़ों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाए।सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज अनुमंडल में लहर्निया गांव है जहां 50 एकड़ में लगे बगीचे में करीब पांच लाख चमगादड़ रहते है , और लोग इसे शौक से पाल रहे हैं ।खास बात ये है कि इस बस्ती के लोग चमगादड़ की संरक्षण करते हैं लोगो का मान्यता है कि इस बस्ती के लिए चमगादड़ वरदान है और इसी के मौजूदगी के कारण आज तक वस्ति में कोई भी आपदा नहीं आ सका है ।ग्रामीणों का विश्वास है कि चमगादड़ों के रहने से महामारी नहीं फैलती. सभी ग्रामीण चमगादड़ों की देखरेख करते हैं. हाल में आये भूकंप में भी चमगादड़ ने संकेत दे दिया था । चमगादड़ को देखने दूर-दूर से इस गाँव लोग पहुंचते हैं.ग्रामीण कहते हैं कि यहां जो चमगादड़ रहते हैं वे शाकाहारी हैं और अन्य चमगादड़ों की अपेक्षा में बड़े हैं. इसे दुर्लभ श्रेणी का चमगादड़ माना जाता है. ये अंधेरे में निकलने हैं और सुबह होने से पहले लौट आते हैं.कहना है कि इन चमगादड़ो ने कभी फसल या फलों का नुकसान नहीं किया है।

चमगादड़ पालने वाले अजय सिंह के परिवार सहित गाँव के लोग इसे शुभ मानते हैं. ग्रामीण भी इस मान्यता की पुष्टि करते हैं।कहा गया है कि 2008 में आई कोसी की प्रलयंकारी बाढ़ में भी यह इलाका डूबने से बचा रहा।ग्रामीणों का विश्वास है कि चमगादड़ों के रहने से महामारी नहीं फैलती. सभी ग्रामीण चमगादड़ों की देखरेख करते हैं. हाल में आये भूकंप में भी चमगादड़ ने संकेत दे दिया था । चमगादड़ को देखने दूर-दूर से इस गाँव लोग पहुंचते हैं।