– सरेह नथानिया में गोचर प्रतिनिधियों की सभा समाज सँभालेगा गोचर औऱ गाय, सरकारें जुड़े बीकानेर। सरेह नथानिया गोचर की चहारदीवारी की तर्ज पर गंगाशहर गोचर की भी शीघ्र ही चाहरदीवारी बनाने का प्रस्ताव है। सरेह नथानिया गोचर स्थित हनुमान मंदिर परिसर में अगले पखवाड़े प्रस्तावित गोचर प्रतिनिधियों की सभा में इस पर निर्णय होगा। इस सभा में गोचर संरक्षण,विकास और गोचर बचाओं राष्ट्रीय आंदोलन के कई बिंदुओं पर विचार भी किया जाएगा। सभा में तय किया जाएगा कि गोचर का मुद्दा अब समाज और देशभर में सार्वजनिक मुद्दों पर काम करने वाली संस्थाएं औऱ लोग मिलकर संभालेंगे। गोचर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे देवी सिंह भाटी, बृज नारायण किराडू तथा अन्य लोगों ने यह अलख जगानी शुरू की हैं की गोचर औऱ गाय को समाज सँभाले, सरकारें इसमें सहयोगी बने। इसी मुद्दे पर ठोस कार्यनीति बनाने के लिए सरेह नथानिया गोचर चारागाह पर यह सभा रखी गई है।। इस सभा में संयुक्त गोचर विकास समिति, देवी सिंह भाटी, बृज नारायण किराडू , बंशी लाल तंवर, शिव गहलोत, विभिन्न गोचर से जुड़े प्रतिनिधियों के साथ राष्ट्रीय गोचर बचाओ आंदोलन की रूपरेखा पर विचार करेगी । समिति का मानना है कि राज्य सरकार गोचर, ओरण, जोहड़ पायतन औऱ बहाव क्षेत्र को लेकर कार्यनीति को प्रभावी बनाए। गोचर, ओरण को लेकर उच्च न्यायालय औऱ सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की सरकार पालना करवाए।। गोचर ओरण हमारी जीवन संस्कृति है। यह पर्यावरण, इकोलॉजी ( पारिस्थितिकी तन्त्र ) के लिए कितना महत्वपूर्ण हैं। सरकारें इसे समझे औऱ जनता को समझाएं। समिति के गोचर बचाओ मुद्दे पर राष्ट्रीय सम्मेलन के प्रस्ताव पर विचार होगा। साथ ही पर्यावरण, सार्वजनिक सम्पदा संरक्षण के मुद्दों पर काम करने वाली संस्थाओं और समूहों के साथ भी गोचर औऱ गाय के मुद्दे को व्यापक रूप देने पर विचार किया जा रहा है। गोचर बचाओ राष्ट्रीय आंदोलन के अगुवा देवीसिंह भाटी मानते हैं कि गोचर और गाय समाज सँभाले इस प्रयास में बड़ी संख्या में लोग जुटने शुरू हुए हैं। भारी जन समर्थन मिला है। गांव गाँव से फोन और लोग आ रहे हैं कि हमारी गोचर का संरक्षण हो। देशभर से खासकर गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, हिमाचल औऱ हरियाणा के लोग गोचर संरक्षण के राष्ट्रीय आंदोलन से जुड़े हैं। बृज नारायण किराडू कहते हैं सभा में प्रदेश और देश में गोचर या सार्वजनिक भू संपदा कैसे सुरक्षित हो तथा इस मुद्दे का व्यापक असर कैसे हो इस बात पर विचार किया जाना है। सरेह नथानिया गोचर की दीवार बनने और प्रदेश में बाकी स्थानों पर गोचर सुरक्षा कैसे हो इस पर काम चल रहा है।