बीकानेर । बीकानेर दुगड़ भवन में विराजित शासन श्री साध्वी पानकुमारी जी प्रथम ( श्री डूंगरगढ़ ) 97 वर्ष का सायं 6.45 बजे स्वर्गवास हो गया है. आज सुबह प्रयाण यात्रा होगी. तेरापंथ धर्म संघ में अग्रगणी में सबसे बड़ी थी। आचार्य तुलसी की हाथों 17 वर्ष की उम्र में वि.सं.1997 में दीक्षित हुयी थी। आपका जन्म वि.सं.1980 में श्री डूंगरगढ़ में हुआ। साध्वी श्री अभी पिछले 6 वर्षों से बीकानेर में ही प्रवासरत थी. उनके अन्तिम संस्कार मंगलवार को गोगागेट सर्किल पास स्थित ओसवाल शमसान घात पर किया जाएगा।

साध्वी डॉ परमयशा जी , साध्वी विनम्र यशा जी , साध्वी मुक्ता प्रभाजी , व साध्वी कुमुद प्रभाजी इनके साथ दुगड़ भवन में प्रवासरत है। साध्वी श्री ने तेरापंथ धर्म संघ की 81 वर्ष तक सेवा की थी। तेरापंथ सभा बीकानेर के अध्यक्ष पदम बोथरा ने बताया की मंगलवार सुबह 8 .15 बजे अंतिम यात्रा प्रारम्भ होगी।
साध्वी श्री के नातीले( गृहस्थजीवन के परिजन ) नाहर व पुगलिया परिवार के लोग दिल्ली से बीकानेर के लिए प्रस्थान कर चुके हैं।