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बाड़मेर, 30 जून। प.पू. साध्वी सौम्यगुणाश्रीजी आदि ठाणा 6 के बाड़मेर नगर में चातुर्मास हेतु नगर प्रवेश बुधवार को प्रातः 6.30 बजे होगा।
खरतरगच्छ संघ चातुर्मास समिति अध्यक्ष प्रकाशचंद संखलेचा व सचिव रमेश पारख ने बताया कि विहार ग्रुप प्रेरिका साध्वी सौम्यगुणाश्री म.सा., साध्वी स्थितप्रज्ञाश्रीजी म.सा., साध्वी संवेगप्रज्ञाश्रीजी म.सा. व बाड़मेर नगर की कुलदीपिका नूतन दीक्षित साध्वी सहजप्रज्ञाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा- 4 का चतुर्विध धर्मसंघ का नन्दनवन खरतरगच्छ की राजधानी बाड़़मेर नगर में चातुर्मासिक नगर प्रवेश 1 जुलाई, बुधवार को सामैया के साथ स्थानीय जूना केराड़ू मार्ग स्थित वर्धमान स्वामी जिनालय से होगा।


उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में कोराना महामारी के मध्यनजर रखते हुए सरकार की गाइडलाइन की पालना करते हुए प्रवेश के सामैया में मास्क का प्रयोग करते हुए सोश्यल दूरी बनाते हुए अपने घरों के सामने ही खड़े रहकर स्वागत करे। घर के सामने रहकर ही गहूंली आदि के द्वारा गुरूवर्या श्री का स्वागत करना है। सरकार के नियमों के अनुसार अनुशासित होकर इस प्रवेश को भव्य बनाना है। चातुर्मास के चार माह ज्ञान-ध्यान-स्वाध्याय की अविरल गंगा बहेगी एवं त्याग, तप, आराधना की त्रिवेणी संगम होगा।

छाजेड़ ने बताया कि प्रवेश का सामैया वर्धमान स्वामी जिनालय, महावीर सर्किल से प्रातः 6.30 बजे प्रारम्भ होकर जूना केराडू मार्ग, ढ़ाणी बाजार, करमूजी की गली, प्रतापजी की पोल होते हुए चातुर्मास स्थल जिनकांतिसागरसूरि आराधना भवन पहुंचेगा जहां पर गुरूवर्या श्री का मंगलाचरण होगा।
आराधनामय चातुर्मास की झलकियां – छाजेड़़ ने बताया कि इस वर्ष सरकारी गाइडलाइन के अनुसार सामुहिक प्रवचन इत्यादि नही होगों। चातुर्मास में सामुहिक प्रवचन के स्थान पर धार्मिक क्लासेस रहेगी। प्रतिदिन प्रातः 5.30 बजे से 06.15 बजे तक वैराग्य गर्भित स्वाध्याय, प्रातः 06.30 बजे से 07.15 बजे तक ज्ञानवर्धक शिविर सूत्रपाठ शिविर, प्रातः 09.15 बजे से 10.00 बजे तक जैन कर्म सिद्धांत का स्वाध्याय (गौतमपृच्छा व कर्मग्रंथ पर आधारित), प्रातः 10.00 से 11.00 बजे तक गुरूवर्या श्री के दर्शन-वंदन, प्रातः 11.30 बजे से दोपहर 03.00 बजे तक मौन साधना, दोपहर 04.30 बजे से 05.15 बजे तक महिला क्लास,, दोपहर 05.15 से 06.00 बजे तक विविध विषय शिविर, दोपहर 05.00 बजे से 06.00 बजे तक गुरूवर्या श्री के दर्शन-वंदन, सांय 06.00 बजे से 07.00 बजे तक मौन साधना आदि अनेकविध अभूत अनुष्ठान इत्यादि इस चातुर्मास के दौरान सम्पन्न होगें। चातुर्मास के दौरान वासक्षेप इत्यादि नही दिया जायेगा, सामुहिक प्रतिक्रमण आदि क्रियाएं बंद रहेगी, साध्वीजी भगवंत के चरण स्पर्श नहीं करेगें, दर्शनार्थी आराधना भवन में मास्क पहनकर ही प्रवेश करेगें तथा सूर्यास्त के बाद साध्वीजी भगवंत के पास में श्रद्धालुओं का प्रवेश निषेध रहेगा।