बीकानेर 10 नवम्बर 2020। जिले में कोरोना संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीकानेर, गंगाशहर नोखा, कोलायत सहित अनेक ग्रामीण इलाकों से रोजाना बड़ी संख्या में कोरेाना संक्रमित केस सामने आ रहे है। मंगलवार को प्राप्त हुई रिपोर्ट के अनुसार बीकानेर में मंगलवार को 340 कोरोना पाॅजिटिव केस सामने आए है। बीकानेर में कुल 25078 कोरोना रोगी मिल चुके है। बीकानेर में अब तक 279 जनों की कोरोना के कारण मौत हो चुकी है। इधर सीएमएचओ डाॅ. बी.एल. मीणा ने 1679 व्यक्तियों की जांच होने व 110 के पॉजिटिव आने की घोषणा की है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीकानेर में रविवार सुबह तक 283689 सैम्पलों की जांच हुई जिसमें 255619 नेगेटिव रिपोर्ट हुए तथा 28070 पाॅजिटिव केस सामने आए। पीबीएम अस्पताल में 4494 लोग भर्ती हुए। प्राप्त सूचना के अनुसार एसएआरआई में 25 कोरोना पाॅजिटिव भर्ती है जिनमें 10 ऑक्सीजन पर और 7 बाईपाप पर है। एसएसबी में 192 रोगी है। आईसीयू में 30 तथा वार्ड में 162 रोगी भर्ती है। बीकानेर में आज तक 324 लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें 279 बीकानेर के, 11 नागौर, 9 श्रीगंगानगर, 1 अजमेर, 16 चूरू, 1 हनुमानगढ़, 2 झुंझुनूं, 3 जैसलमेर, शेखावटी, पोकरण और जोधपुर के एक-एक है। अब तक कुल 3492 लोगों को छु्ट्टी दे दी गई है। कुल 110 लोग अस्थिर है।

गेस्ट हाउस एक निजी अस्पताल में परिवर्तित
जिला कलेक्टर अपनी पूरी ताकत के साथ कोरोना नियंत्रण करने, उपचार में कोई कोताही ना हो तथा लोगों में बचाव हेतु जागरूकता बढ़ाने के दिन रात लगे हैं। परन्तु सीएमएचओ विभाग अब कोरोना पॉजिटिव के इलाज में लगता है सक्षम नहीं है। मरीज स्वयं फोन कर रहें हैं की हमें कहां पहुंचना है तो कहतें हैं घर पर आप कोरेंटायन रहें। दवा भी फोन पर बताई जा रही है। अस्पताल व सेन्टर सभी फुल हो गए हैं, प्राइवेट अस्पतालों में भी जगह नहीं हैं। चिकित्सकों ने फोन उठाने बंद कर दिए हैं। आम अवाम परेशान है। सरकार के नुमाइन्दे प्रचार व प्रसार में लगे हुए हैं। जैसे की यह कोई मन्त्र हो जिससे कोरोना का इलाज हो जाएगा। नीम हकीम खतरे जान की स्थिति बन रही है। लोग दवा विक्रेताओं से दवाईयां ले रहें हैं या आयुर्वेद के नुक्शे से अपना इलाज कर रहें हैं। प्राइवेट अस्पताल जो कोरोना का इलाज कर रहें हैं उनके चांदी बन आयी है। इधर गंगाशहर में रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए एक निजी अस्पताल ने हंशा गेस्ट हाऊस को किराए पर लेकर उसमे ईलाज शुरू किया है।अब गेस्ट हाउस एक निजी अस्पताल में परिवर्तित हो गया है।

मीडिया वालों के पास ऐसे अनेक लोगों के फोन आ रहें है की हमें पॉजिटिव आये तीन .तीन दिन हो गए विभाग की तरफ से कोई खैर खबर लेने वाले नहीं आये। कोई सूचना भी विभाग की तरफ से नहीं आयी है। लोग मानसिक रूप से और ज्यादा प्रताड़ित हो रहें हैं। कोविड सेण्टर पहुंचने वालों की कोई पूछताछ नहीं । बिस्तरों की हालत ख़राब है। चिकित्सक देखने नहीं आते, यहां तक की कोविड सेण्टर पहुंचने के बाद इलाज भी तत्काल शुरू भी नहीं होता था । अब जिला कलेक्टर सक्रीय हो जाने से लोग कुछ आशान्वित हैं।