बीकानेर 29 नवम्बर। जैन महासभा बीकानेर ने माणिक चन्द सुराणा की स्मृति सभा जैन पब्लिक स्कूल में आयोजित की। सभा में समाज के सभी घटकों ने भाग लिया तथा उन्हें पुष्पांजलि व भावांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी स्मृति में जैन महासभा चिर स्थाई आयाम स्थापित करने का प्रयास करेगी। पूर्व अध्यक्ष विजय कोचर ने कहा कि उनको सभी राजनैतिक दलों के नेता सम्मान देते थे। कोचर ने कहा माणिक चन्द सुराणा विराट व्यक्तित्व के धनी थे,74 वर्षों तक सेवा कार्य करके अपने जीवन को धन्य बनाया। अपने छात्र जीवन से राजनीति में आने वाले सुराणा डूंगर कॉलेज के अध्यक्ष रहे। कन्हैयालाल बोथरा ने कहा संघर्षशील व्यक्तित्व के धनी सुराणा जी की याद को अक्षुण रखने के लिए कोई स्थायी आयाम बनाना चाहिए। सुशील बच्छावत ने कहा उन्होंने बेदाग़ जीवन जिया यह संस्कारों के कारण सम्भव हुआ। उन्होेंने कहा कि बीकानेर संभाग में सभी विधानसभा क्षेत्रों में अपनी विशेष पेठ रखने वाले सुराणा जी लूणकरणसर, कोलायत , नोखा व बीकानेर से विधानसभा के चुनाव लड़कर अपनी लोकप्रियता साबित करने वाले एकमात्र राजनेता हुए। महेन्द्र बरडिया ने कहा कि राजनीति में जातिवाद के मिथक को तोड़ते हुए जाट बाहुल्य क्षेत्र से स्वतन्त्र प्रत्याशी के रूप में विजय प्राप्त करने वाले एकमात्र जननेता थे।
जैन महासभा अध्यक्ष जैन लूण करण छाजेड़ ने कहा कि सुराणा राजीनीति के पुरोधा थे तो उन्होंने जैन समाज से हमेशा पूरा जुड़ाव रखा। समाज में व्याप्त कुरीतियों व बुराईयों पर भी अपनी बेबाक राय देते थे। इस तरह की हस्ती के चले जाने से समाज में एक रिक्तता आ गयी है। छाजेड़ ने कहा मानिकचन्द जी सुराणा का निधन निश्चय ही दुःखद एवं मानसिक पीड़ाकारक है। श्री मानिकचन्द जी उदारमना, सरलहृदयी, सहनशील, व श्रद्धावान श्रावक थे। आपकी जीवन चर्या व आचरण से जैन जीवन शैली की प्रेरणा मिलती रहेगी ।

माणक चंद जी सुराणा की पोत्री दिव्या सुराणा ने भी अपनी अभिव्यक्ति व्यक्त करते हुए कहा कि दादा इतने व्यस्त रहते हुए भी हम लोगों से पूरा संपर्क रखते थे। वो राजनीति और समाज सेवा के चलते परिवार वालों को भी पुरा समय देते थे। मैंने प्यार से बाबा कहती थी। वो हमारी कॉलेज और हॉस्टल में हम से मिलने ले आते थे तो मेरे साथ की छात्राएं कहती थी कि तुम्हारे दादा तुमसे कितना प्यार करते हैं। हम उनको कभी भुला नहीं पाएंगे।
पूर्व अध्यक्ष जयचन्द लाल डागा ने कहा कि सुराणा के निधन से प्रदेश ने जनता के हितों के लिए संघर्ष करने वाले एक दिग्गज राजनेता को खो दिया है। वन्देमातरम मंच के विजय कोचर ने कहा कि प्रदेश के वित्त मंत्री, विधायक और सार्वजनिक जीवन में सेवाएं देते हुए उन्होंने राजस्थान विधानसभा में कुशल विधायक के रूप में विधायी कार्यों को प्रमुखता से छापा एवं आदर्श विधायक का खिताब पाया। महामंत्री सुरेंद्र जैन ने कहा कि श्री सुराणा ने कानूनी एवं वित्तीय मामलों के गहरे जानकार के रूप में अपनी पहचान कायम की तथा पदों की गरिमा बढ़ाते हुए अपनी विशेषता की अमिट छाप छोडी है।
भाजपा के महामंत्री मोहन सुराणा ने कहा कि राजनीती के क्षेत्र में अनमोल रत्न जननेता थे। उन्होंने कहा मानिकचन्द जी सुराणा सिद्धान्तों की राजनीती करते थे। समाजवाद उनका मूलमन्त्र था । विशाल गोलछा ने कहा हर दुःखी व्यक्ति के दुःख को दूर करने के लिए अग्रसर रहते थे।
तोलाराम बोथरा ने कहा कि राजनीती के अजातशत्रु थे। सुरपत बोथरा ने वीतराग परमात्मा से दिवंगत आत्मा को चिर शांति और शोक संतप्त परिजनों और उनके प्रशंसकों को यह आघात सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है। स्मृति सभा में माणिक चन्द सुराणा के परिजन तथा मूलचन्द डागा , गणेश बोथरा, अमरचंद सोनी , जतन संचेती , महेन्द्र बरड़िया , अशोक श्री श्रीमाल ,मनोज सेठिया , विनोद बोथरा, विजय बांठिया इत्यादि लोग सोशल डिसटेंसिंग व गाईड लाइन की पालना करते हुए पुष्पांजलि अर्पित की।