बीकानेर, 08 जनवरी। अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव के तहत गुरूवार की शाम 7 से रात्रि 9 बजे तक ऐतिहासिक सूरसागर में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होगा। इस संबंध मे जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने बुधवार की शाम सूरसागर में की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया और नगर विकास न्यास के अधिशाषी अभियन्ता को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सूरसागर पर सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए जाएं और लाईफ बोट, लाईफ गार्ड आदि की समस्त व्यवस्थाएं चाक-चैबन्द रहें।
गौतम ने सूरसागर पर की गई रंगीन रोशनी में कुछ बदलाव करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सूरसागर पर की गई रंगीन लाइट में राष्ट्रीय ध्वज के रंग (केसरिया, सफेद और हरा रंग) की लाइटो से खंभों को सजाया जाए, ताकि दूर से देखने वालों को तिरंगे की छवि दिखाई दे।

जिला कलक्टर ने म्युजियम सर्किल से मेजर पूर्ण सिंह सर्किल की ओर जाने वाली रोड के मध्य ऊंट की विभिन्न सजीव सी लगती झांकियों (आकृतियों) का अवलोकन किया। उन्होंने ऊंट नृत्य, कालबेलिया नृत्य, भंवाई नृत्य करती स्टेच्यू का अवलोकन किया और इसे मूर्तरूप देने वाली बीकानेर की कलाकार रूचिका जोशी से इस कला के बारे मे जानकारी ली। उन्होंने बताया कि बीकानेर को सुन्दर और स्वच्छ बनाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे है। बाहर से आने वाले देशी व विदेशी पर्यटकों को यहां की सांस्कृतिक, साहित्यक और लोक संस्कृति से परिचय कराने की दिशा में सजीव सी लगती झांकियां स्थापित की जा रही है। अभी इसकी शुरूआत की गई और शीघ्र ही बीकानेर की पाटा कल्चर पर इसी प्रकार की झांकिया स्थापित की जायेगी।

बीकानेर की रूचिका जोशी ने ये कलाकृतियां (झांकिया) करीब एक माह में बनाई है। उन्होंने बताया कि इस मार्ग पर उनके द्वारा राजस्थान की लोक संस्कृति और जनजीवन में बसे ऊंट सहित ऊंट पालक और लोक नृत्य की 8 मूर्तियां बनाई गई है। इस अवसर पर नगर विकास न्यास के अधिशाषी अभियन्ता संजय माथुर उपस्थित थे।