बीकानेर/ 24 अक्टूबर 2019 स्वयंसेवी शिक्षण संस्था संघ राजस्थान का संभागीय सम्मेलन संगठन के धोबी धोरा स्थित संगठन कार्यालय में संपन्न हुआ।सम्मैलन का शुभारंभ शिक्षाविद दिलीप भारद्वाज पल्लू ने सरस्वती की तस्वीर के सामने द्वीप प्रज्जविलत कर किया। संगठन के मिडिया प्रभारी शैलेश भादानी ने बताया कि
सम्मेलन में बीकानेर संभाग के हनुमानगढ़ गंगानगर चूरू व बीकानेर जिले के सभी ब्लॉकों के अध्यक्षों ने भाग लिया। सम्मेलन में आये ब्लॉक अध्यक्षों ने निजी विद्यालयों की समस्याओं पर विचार विमर्श कर उनके समाधान की मांग के लिए एक समग्र ज्ञापन तैयार कर उनके समाधान करवाने के लिए सरकार एवं विभाग को प्रस्तुत करने का निर्णय लिया।

सम्मेलन में शामिल प्रतिनिधियों ने शिक्षा विभाग एवं माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी की जाने वाली मान्यता-क्रमोन्ति के नाम पर लिए जा रहे विभिन्न शुल्क एवं जटिल मान्यता प्रक्रिया व कुछ अव्याहारिक नियमो पर सम्मेलन में उपस्थित प्रतिभागियों ने चिंता जाहिर की। मान्यता के लिए तीन लाख की एफडी बालिका फाउंडेशन एवं रिपैनल के नाम पर वसूली जा रही शुल्क को अनुचित बताया। मान्यता प्रक्रिया सरल करने, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा स्थाई मान्यता के नाम पर वसूली जा रही पेनाल्टी माफ करने की मांग की। इस पर भी चर्चा की गई कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड एक एग्जाम एजेंसी है, उसे किसी भी तरह की स्थाई अस्थाई मान्यता प्रदान करने का अधिकार होना चाहिए।

बोर्ड से केवल संबंधता होनी चाहिए। वह भी एक साथ शुल्क जमा करवा कर। आरटीई की प्रवेश प्रक्रिया को लेकर भी विचार-विमर्श किया गया।कि प्रवेश की प्रक्रिया जुलाई में शुरू होनी चाहिए क्योंकि राजस्थान में अभी भी विद्यार्थियों को जुलाई नहीं विद्यालय आने की आदत है जबकि फरवरी में प्रवेश प्रक्रिया शुरू करना अव्यवाहरिक है। इसी के साथ यह भी मांग की गई कि प्रवेश प्रक्रिया काउंसलिंग के आधार पर होनी चाहिए। यह सम्पूर्ण प्रक्रिया जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय स्तर पर संपादित होनी चाहिए। जिला शिक्षा अधिकारी स्तर पर होनी से अनावश्यक कागजी कार्यवाही से बचा जा सकेगा साथ ही भौतिक सत्यापन के नाम पर व्याख्याता और प्रधानाचार्यो का समय बर्बाद नहीं होगा।

इसी के साथ निजी विद्यालय समय पर प्रवेश प्रक्रिया भौतिक सत्यापन आदि विभाग द्वारा जारी टाइमफ्रेम के अनुसार समय पर संपन्न करवाते हैं, लेकिन भुगतान कभी भी समय पर नहीं हो रहा है इससे निजी विद्यालय में प्रवेश दिए गए कि बाललों का अभिभावकों से शुल्क नहीं ले सकते। और सरकार भी समय पर भुगतान नहीं करती है जिससे निजी विद्यालय को भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है विभाग सरकार द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्ति एवं सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के समान के गैर सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को दिए जाने की मांग सम्मेलन में की गई। खेलकूद प्रतियोगिता में निर्णायको वह चयनकर्ताओं में निजी विद्यालयों के शारीरिक शिक्षकों की भी भागीदारी सुनिश्चित करने की मांग की थी। विद्यालय में सहशैक्षणिक गतिविधियाें के रूप में एनसीसी, स्काउट गाइड, एनएसएस, विज्ञान क्लब, लिटरेसी क्लब आदि गतिविधियों को बढ़ावा देने का प्रयास संगठन द्वारा किए जाने की मांग की।

सम्मैलन में संगठन को प्रदेश स्तर पर सक्रिय करने का निर्णय लिया गया इसके लिए संभाग के प्रत्येक ब्लॉक मुख्यालय पर स्कूल संचालकों की बैठक आयोजित करने एवं जिला मुख्यालय पर बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया। उपस्थित संभाग के सभी ब्लॉक अध्यक्षों ने कोडाराम भादू को संभाग अध्यक्ष चुना तथा प्रदेश में संगठन को मजबूत करने के लिए एक टीम बनाकर संभाग अध्यक्ष के नेतृत्व में सभी जिलों में निजी विद्यालय से संपर्क करने की जिम्मेवारी सौंपी सम्मेलन में। राजेश व्यास द्वारा सभी ब्लाक अध्यक्षों का आभार व्यक्त किया।