कोलकत्ता , 15 अप्रैल। स्व. दुर्गावती चौधरी की स्मृति में 23 वीं काव्य गोष्ठी का आयोजन रचनाकार – एक साहित्यिक एवं सांस्कृतिक क्रांति के आभासी पटल पर नव संवत्सर के उपलक्ष्य में किया गया। दो सत्र में हुए इस कार्यक्रम में देश विदेश से करीब 17 कवि जुड़े।

कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल की नई गठित हिंदी अकादमी की सदस्य एवं रचनाकार की उपाध्यक्ष रचना सरन के स्वसुर कृष्ण सरन माथुर के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त किया गया। विश्व की प्रथम सम्पूर्ण संवादात्मक हिंदी की ई पत्रिका “इंदु कलश” का लोकार्पण प्रख्यात कवि चिंतक प्रज्ञानपुरुष पण्डित सुरेश नीरव जी के कर कमलों से हुआ। पत्रिका की विशेषता संस्थापक अध्यक्ष सुरेश चौधरी ने बताई , यह प्रवेशांक अभी प्रयोग के रूप में बनाया गया है। अगले माह से पत्रिका में एक घरेलू पत्रिका के सारे कॉलम दिए जाएंगे। पत्रिका को आम जन के लिए रचनाकार के पटल पर डाल दिया गया है।

काव्य गोष्ठी में रूस से प्रगति टिपनिस और श्वेता सिंह उमा , लंदन से आशुतोष कुमार, दिल्ली से संतोष सम्प्रिति , ममता श्रीवास्तव, हैदराबाद से ज्योति नारायण, नासिक से सुनीता माहेश्वरी, कोरबा से रमाकांत श्रीवास, कोलकाता से विद्या भंडारी, कृष्ण कुमार दुबे, रविप्रताप सिंह( शब्दाक्षर के राष्ट्रीय अध्यक्ष), मौसमी प्रसाद, सुशीला चनानी रहीं, संचालन पानीपत से सोनिया अक्स सनम एवं कोलकाता की नीता अनामिका ने किया।
माता श्री की स्मृति में लगातार 23 वीं गोष्ठी एक नया रिकॉर्ड स्थापित कर रही है। ई पत्रिका को और रोचक एवं सर्वग्राही बनाने का कार्य चल रहा है – यह सुरेश चौधरी ने बतलाया।