चण्डीगढ़, 5 अगस्त – हरियाणा पुलिस ने नागरिकों विशेषकर हाल ही में सेवानिवृत्त हुए सरकारी कर्मियों को एडवाइजरी जारी करते हुए उन्हें मोबाइल फोन पर आने वाली कॉल से सतर्क रहने और बैंक संबंधित निजी जानकारी किसी अनजान को न बताने का अनुरोध किया है, क्योंकि ऐसा करने से वे सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले लाभ के बहाने साइबर फ्राॅड का शिकार हो सकते हैं।
नागरिकों को साइबर जालसाजों से सतर्क रहने की सलाह देते हुए एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर, हरियाणा, श्री नवदीप सिंह विर्क ने आज यहां बताया कि साइबर अपराध का एक नया चलन सामने आया है, जिसमें ऐसे जालसाज लॉकडाउन प्रतिबंधों का फायदा उठाते हुए सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों को टारगेट कर रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले पेंशनरी लाभ के बहाने उन्हें ठगने का प्रयास कर सकते हैं। ऐसे जालसाजों का मानना है कि रिटायर सरकारी कर्मियों को टेक-सैवी (तकनीकी जानकार) न होने के कारण आसानी से ठगा जा सकता है।
साइबर अपराध के तरीकेे बारे बताते हुए, एडीजीपी ने कहा कि साइबर जालसाज सबसे पहले सेवानिवृत्त कर्मियों के बारे में कुछ बुनियादी व्यक्तिगत जानकारी जुटाते हैं और फिर सरकारी खजाना विभाग के नाम से अपने टारगेट को फोन करते हैं। इसके बाद, वे फोन पर जन्मतिथि, सेवानिवृत्ति की तिथि और अधिकारी की अंतिम पोसिं्टग आदि का सही उल्लेख कर पीड़ित का विश्वास जीतने की कोशिश करते हैं। विश्वास में लेने के बाद, ऐसे जालसाज पेंशन से संबंधित डेटा अपडेट करने के लिए बैंक खाता नंबर, पासवर्ड और लेन-देन का विवरण जैसी व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करके साइबर ठगी का प्रयास करते हैं।
– साइबर क्राइम से निपटने की क्षमता होगी तीन गुणा
श्री विर्क ने बताया कि हरियाणा सरकार ने बढ़ते साइबर अपराध की समस्या को गंभीरता से लिया है। प्रदेश में जल्द ही छः और नए साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन आने वाले हैं, जो फरीदाबाद, रोहतक, करनाल, अंबाला, हिसार और रेवाड़ी में स्थापित होंगे। ये पंचकूला और गुरुग्राम में वर्तमान में मौजूद दो साइबर अपराध पुलिस थानों के अतिरिक्त होंगे तथा साइबर अपराध से लड़ने के लिए हरियाणा पुलिस की मौजूदा क्षमता को तीन गुना तक बढ़ा सकेंगें।