सवांददाता,के,के,कुशवाहा

आगरा। हाथरस की बेटी के साथ हुई दरिंदगी व निर्मम हत्या ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना के बाद से समाज के लोगों में रोष व्याप्त है तो उनका गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाथरस की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए दलितों की राजधानी कही जाने वाले शहर आगरा से आवाज बुलंद होने लगी है।

गुरुवार को हाथरस की इस निर्भया को इंसाफ दिलाने और उसके हत्यारों को फांसी की सजा की मांग को लेकर वाल्मीकि समाज सड़कों पर उतर आया। वाल्मीकि समाज ने शहर की सफाई व्यवस्था को ठप कर दिया और हाथों में झाड़ू लेकर पैदल मार्च किया। शहर भर में यही स्थिति देखने को मिली। बताते चले कि बुधवार को वाल्मीकि वाटिका के सामने समाज ने बैठक आयोजित कर विरोध प्रदर्शन के साथ पूरे शहर की सफाई व्यवस्था को ठप रखने का फैसला किया था।

ईदगाह चौराहे पर वाल्मीकि समाज के लोग भारी संख्या में एकत्रित हुए और देखते ही देखते काफिला सैकड़ों लोगों में बदल गया। हाथों में हाथरस की पीड़ित युवती का फोटो व बैनर लेकर लोग एमजी रोड पर निकल पड़े। इस दौरान सभी लोगों का एक ही नारा था की गुड़िया के हत्यारों को सिर्फ फांसी की सजा दो।

कमलानगर के कर्मयोगी एनक्लेव की ओर निगम के सफाई कर्मचारियों ने सफाई व्यस्था का कार्य छोड़कर प्रदर्शन किया और क्षेत्र का कूड़ा चौराहे पर ही डाल कर जाम लगा दिया। सफाई कर्मचारियों के प्रदर्शन व जाम लगाने की सूचना पर क्षेत्रीय पुलिस मौके पर पहुँची और लोगों को समझने का प्रयास किया लेकिन प्रदर्शनकारियों ने गुड़िया के हत्यारों को फांसी की सजा दिए जाने की घोषणा पर ही प्रदर्शन रोकने की बात कही। सफाई कर्मचारियों ने 2 अक्टूबर गांधी जयन्ती पर भी सफाई कार्य ठप करने की बात कही।

दूसरी ओर थाना एत्माद्दौला के यमुनापार में भी वाल्मीकि समाज के लोगों ने इस घटना के विरोध में प्रदर्शन किया। एत्माद्दौला स्मारक के अंदर लगे वाल्मीक सफाई कर्मचारियों ने भी कार्य का बहिष्कार कर दिया और समाज की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए आंदोलन में शामिल हुए। सफाई कर्मचारियों ने पुरातत्व विभाग को दी चेतावनी दी कि अगर समाज की बेटी मनीषा के हत्यारों को फांसी की सजा नहीं हुई तो एत्माद्दौला, रामबाग पार्क, मेहताब बाग सहित ऐतिहासिक इमारतों में कराया कार्य ठप कर दिया जाएगा जिसमे ताजमहल की सफाई व्यवस्था भी शामिल है। सफाई कर्मचारियों में ऐतिहासिक स्मारकों में 2 अक्टूबर गांधी जयंती सफाई कार्य न करने का फैसला लिया है।

वाल्मीक समाज व सफाई कर्मचारियों के नेताओं के आव्हान पर हुई हड़ताल के दौरान सफाई कर्मचारी व वाल्मिक समाज के लोग भारी संख्या में नगर निगम पहुंचे और वहां से गुड़िया को इंसाफ दिलाए जाने को लेकर शहीदी स्मारक तक पैदल मार्च निकाला।

फिलहाल वाल्मीकि समाज के लोगों ने साफ कर दिया है कि अगर समाज की इस बेटी को इंसाफ नहीं मिला और उसके हत्यारों को फांसी की सजा नहीं हुई तो फिर इससे उग्र आंदोलन किया जाएगा।