– विश्वविद्यालय जल वितरण योजना का शिलान्यास एवं रेन वाटर स्टोरेज टैंक का लोकार्पण कार्यक्रम

बीकानेर, 31 जनवरी। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग मंत्री डाॅ. बी.डी.कल्ला और उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने रविवार को महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के लिए जल वितरण योजना का शिलान्यास एवं रेन वाटर स्टोरेज टैंक का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर ऊर्जा एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉक्टर बी डी कल्ला ने कहा कि महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय में सभी विभागों की स्थापना हो, इसके लिए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत से निवेदन कर शीघ्र ही यहां सभी फैकल्टी खोलने का आग्रह किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि विभागों में रिसर्च का कार्य हो, इसके लिए भी सार्थक प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय को भी दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की तर्ज पर प्रशासनिक सेवा प्रवेश परीक्षा के लिए भी कक्षाएं लगानी चाहिए। इस विश्वविद्यालय से निकलने वाले छात्र-छात्राएं भी भारतीय प्रशासनिक सेवा और राजस्थान प्रशासनिक सेवा में अपना स्थान बनाए इसके लिए भी विश्वविद्यालय को ऐसे विषय और खोलने चाहिए जो वर्तमान में प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिलाने के लिए मील का पत्थर साबित हो सके।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय में फाइन आर्ट से जुड़े सभी विषय की कक्षाएं लगे इसके लिए भी विश्वविद्यालय को सार्थक प्रयास करना चाहिए। विशेषकर फाइन आर्ट में मूर्तिकला, चित्रकला, और संगीत की कक्षाएं प्रारंभ करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बीकानेर में जल्द ही 550 करोड़ रुपए की लागत से दो रिजरवायर और 15 उच्च जलाशय सहित बीकानेर के विभिन्न क्षेत्रों में पानी की पाइप लाइन डालने का कार्य भी किया जाएगा। इस कार्य के हो जाने से बीकानेर में आने वाले 40 वर्षों तक पेयजल की समस्या का समाधान हो सकेगा।

विश्वविद्यालय परिसर में पाताल तोड़ कुए बने
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में ही पाताल तोड़ कुआं का निर्माण भी करवाया जाएगा। इसके लिए पहले भूजल विभाग के अभियंताओं से पानी की उपयोगिता और गहराई की जानकारी लेने का सर्वे करवाया जायेगा ताकि विश्वविद्यालय को हरा-भरा करने और पीने के पानी में यह विश्वविद्यालय आत्मनिर्भर बन सके। उन्होंने कहा कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग जल्द ही एक कार्य योजना के तहत बीकानेर में भी नए कुएं बनाने का कार्य करेगी। साथ ही वर्तमान में जो पुराने कुएं है, उन्हें रिवाईज करवाया जायेगा ताकि नहर बंदी के दौरान इन कुआं से पेयजल आपूर्ति निर्बाध रूप से हो सके।
पवन चक्की से विद्युत उत्पादन पर भी हो कार्य
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय में वाटर हार्वेस्टिंग के तहत वर्षा जल संचय का कार्य किया है। इसके साथ ही सौर ऊर्जा में भी विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा किया गया कार्य सराहनीय है। अब विश्वविद्यालय को चाहिए कि वे यह भी परीक्षण करें कि पवन चक्की के माध्यम से विद्युत उत्पादन हो सकता है या नहीं। अगर तकनीकी रूप से यह सही हो तो विश्वविद्यालय को चाहिए कि दिन में सौर ऊर्जा और रात को पवन चक्की के माध्यम से विद्युत का उत्पादन करें। पानी और विद्युत के उपयोग हो जाने से यह विश्वविद्यालय जल्दी एक ग्रीन यूनिवर्सिटी के रूप में पूरे देश में अपनी पहचान बना पाएगा।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि बीकानेर के लोगों की लम्बे समय से मांग थी कि बीकानेर में विश्वविद्यालय बने। उन्होंने कहा कि 2003 में जब अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री बने तो यहां के लोगों की मांग पर ध्यान दिया गया। इस विश्वविद्यालय को स्थापित करवाने में ऊर्जा मंत्री डाॅ.बी.डी.कल्ला का विशेष योगदान रहा है। इस विश्व विद्यालय के विकास के लिए प्रयासरत हैं। विश्वविद्यालय के प्रारंभ होने के बाद अलग-अलग संकाय खोले गए है। उन्होंने कि विश्व विद्यालय में पेयजल की जो समस्या थी, उसके निराकरण के लिए 167 लाख रूपये की लागत से पेयजल योजना स्वीकृत की गई थी, उसका आज शिलान्यास हुआ है। शीघ्र ही इसके पूरा होने से पेयजल की समस्या दूर होगी। उन्होंने कहा कि मुक्ता प्रसाद नगर से महाराजा गंगासिंह विश्व विद्यालय तक पाइप लाइन डालने के कार्य का शिलान्यास आज हुआ है। इसके पूरा होते ही पीने के पानी की समस्या का स्थाई समाधान हो जायेगा। इसके साथ वर्षों के जल संचय के लिए टैंक का भी लोकापर्ण हुआ है। टैंक में 1 लाख लीटर वर्षा जल संग्रहण हो सकेगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के विभिन्न भवनों की छतो से इससे जोड़ा गया है।

इससे पूर्व दोनों ही मंत्री ने महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय में रेन वाटर हार्वेस्टिंग टैंक का लोकार्पण तथा एक करोड़ 67 लाख रुपए की लागत से बनने वाले पेयजल वितरण योजना का शिलान्यास किया। इस कार्य के तहत महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय को अब हिमालय का पानी उपलब्ध हो पायेगा। साथ ही विश्वविद्यालय में जरूरत के मुताबिक पानी आपूर्ति के विभिन्न कार्य संपादित होंगे।
इस अवसर पर महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलपति विनोद कुमार सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय में पिछले 17 वर्षों से पीने के पानी की समस्या के समाधान हेतु निरन्तर प्रयास किए जा रहे थे। जन स्वास्थ्य अभ्यात्रिकी मंत्री डा. बीडी कल्ला के प्रयास से गत वर्ष सितम्बर में विश्वविद्यालय एवं जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा एमओयू हुआ था। इसके तहत विश्वविद्यालय के लिए पृथक से पाइप लाइन डालने के कार्य का शुभारंभ दोनों मंत्रियों द्वारा किया है। इस परियोजना विश्वविद्यालय में पीने के पानी का स्थाई समाधान होगा तथा ग्रीन विश्वविद्यालय का सपना साकार होगा। उन्होंने कहा कि 20 लाख रूपये की लागत से रैन वाटर स्टोरेज टैंक का लोकापर्ण भी आज हुआ है। उन्होंने कहा कि महाराजा गंगासिंह विश्वविश्व विद्यालय विद्युत क्षेत्र में आत्मनिर्भता की ओर अग्रसर है। विश्वविद्यालय परिसर में 100 किलोवाट क्षमता का ग्रीन सौलर कोरिडोर स्थापित किया जा चुका है, जिससे लगभग 12 हजार यूनिट विद्युत उत्पादित की जा रही है। साथ ही विश्वविद्यालय की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए 500 किलोवाट क्षमता का सौलर प्लान्ट लगाने की योजना प्रस्तावित है।
क्या है इस पेयजल वितरण योजना में-महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय की जलापूर्ति मुक्ता प्रसाद नगर स्थित न्यू माॅस्टर हैड वक्र्स द्वारा 3 इंच पाइप लाइन के माध्यम से की जा रही है, जो विश्वविद्यालय की जल की मांग के अनुरूप जलवहन के लिए अपर्याप्त है। जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा साढे 4 किलोमीटर की 4 इंच डीआई की नई पाइप लाइन डाली जायेगी। इस परियोजना पर 167 लाख रूपये खर्च होंगे।
इस अवसर पर कार्यक्रम प्रभारी बिठ्ठ बिस्सा ने महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के आॅनलाइन उपाधि एवं पदक वितरण कार्यक्रम की जानकारी दी और बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा कोविड-19 के दिशा-निर्देशों की पालना सुनिश्चित करते हुए श्रीगंगानगर, हनुमानगढ जिले के शोधार्थियों एवं पदक धारकों को पदक एवं उपाधि वितरण किये। उन्होंने कोविड काल में विद्यार्थियों को आॅनलाइन शैक्षणिक कार्य करवाने के प्रयास की भी जानकारी दी। उन्होंने और अधिक संविदा कार्मिक के पद स्वीकृत करने तथा मौजूद संविदा कार्मिको का मानदेय बढ़ाये जाने की आवश्यकता जताई।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय वित्त नियंत्रक संजय धवन ने आभार व्यक्त किया। परीक्षा नियंत्रक डाॅ. जे.एस. खीचड़, शोध निदेशक प्रो. राजाराम चोयल सहित विभिन्न संकायों के संकायाध्यक्ष, जन स्वास्थ्य अभ्यांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियन्ता विनोद गौड़, अधीक्षण अभियंता दीपक बंसल, प्राचार्य एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।