पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी हरचंद ने बताया, उनके पिता के पासपोर्ट में नाम के साथ जुड़ा ‘राम’ शब्द हटा दिया था.
नई दिल्ली. 2008 में पाकिस्तान (Pakistan) से भारत आए हिंदू शरणार्थी (Hindu Refugees) हरचंद का कहना है कि पाकिस्तान में 1986 में जब उनके पिताजी ने पासपोर्ट (Passport) बनवाने के लिए अप्लाई किया तो उनके नाम मिट्ठू राम के पीछे से ‘राम’ हटा दिया गया था. उनके पासपोर्ट में सिर्फ मिट्टू लिखा गया. हरचंद कहना है कि पाकिस्तानी राम नाम से इतना डरते हैं कि चाहे वह राम मंदिर की बात हो या फिर नाम के साथ राम जुड़ा, वह राम नाम खौफ खाते हैं.

हरचंद ने बताया कि 2008 में पाकिस्तान से तमाम प्रताड़ना झेलने के बाद वह भारत आए और आज भी उनके कई रिश्तेदार पाकिस्तान से भारत आना चाहते हैं. लेकिन वीजा ना मिलने के कारण वह यहां नहीं आ पा रहे हैं. हरचंद ने बताया कि उन्हें आज भी इस बात का डर है कि उनके पिताजी के नाम से राम नाम का शब्द हटा दिया गया था. उन्होंने बताया कि आज भी पाकिस्तान में रह रहे रिश्तेदारों से जब उनकी बात होती है तो वह बताते हैं कि जब से अयोध्या राम मंदिर का फैसला आया तब से पाकिस्तान में रहने वाले तमाम हिंदुओं को प्रताङित किया जा रहा है.

नागरिकता बिल से मिली खुशी

हरचंद ने नागरिकता संशोधन बिल आने से खुशी जताई. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से आकर हम हिंदुस्तान में तो बस गए, लेकिन आजतक पहचान नहीं मिल सकी. लेकिन अब हमें भारतवासी होने की उम्मीद जगी है. हरचंद ने कहा कि नागरिकता बिल पास होने से जो अस्तित्व की लड़ाई थी वह अब खत्म होगी और पाकिस्तानी होने के नाम का जो ठप्पा उनके साथ जुड़ा हुआ था वह मिट जाएगा.

पाकिस्तान ने हिंदू शरणार्थी मिट्ठू राम के पासपोर्ट से हटाया था राम का नाम

पाकिस्तानी राम नाम से खाते हैं खौफ

हरचंद ने कहा कि अब वह खुद को गर्व से भारतीय कह सकेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि एक आदमी की पहचान उसके नाम से होती है. लेकिन पाकिस्तान में चाहे नाम के साथ राम लिखा हो या फिर राम मंदिर के आगे राम लिखा हो पाकिस्तानी राम नाम से इतना खौफ खाते हैं कि वह राम का नाम नहीं सुनना चाहते.
A.g