स्व.रामरतन कोचर की 37वीं पुण्यतिथि

बीकानेर जागरूक, संघर्षशील, शिक्षा और मसीहा इन चार शब्दों में स्व. रामरतन कोचर का परिचय समाहित है। यह बात ऊर्जा एवं जन स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने मंगलवार को कोचर सर्किल पर स्व. रामरतन कोचर की 37वीं पुण्यतिथि के अवसर पर कही। डॉ. कल्ला ने कहा कि बीकानेर में मेडिकल कॉलेज खोले जाने के लिए स्व. रामरतन कोचर द्वारा किये गये संघर्ष किसी से छुपे नहीं हैं। वे आजादी की लड़ाई में बढ़-चढ़ कर भाग लेने वालों में से थे और इसके चलते उन्हें जेल भी जाना पड़ा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और संघर्ष जारी रखा।

स्व. रामरतन कोचर स्मारक समिति के विजय कोचर ने बताया कि स्व. रामरतन कोचर की 37वीं पुण्यतिथि पर हिन्दुस्तान टाइम्स के राजस्थान ब्यूरो चीफ डॉ. राकेश गोस्वामी को पत्रकारिता क्षेत्र में सम्मानित किया गया। समारोह में फूला देवी ब्राह्मण, रतनी देवी, प्रेमलता मारु, दुर्गा सोनी तथा चूरू की संत निरंकारी मिशन को कुल सात सिलाई मशीनें वितरित की गई। इस्माइल छींपा, रफीक अली तथा धूड़ाराम को ट्राईसाइकिल वितरित की गई। कोचर ने बताया कि समारोह में पाबू पाठशाला के 35 बच्चों को शाला पौशाक तथा एक व्हील चैयर प्रदान की गई। समारोह का शुभारम्भ मगन कोचर व टीम ने मंगलाचरण से किया तथा संचालन जितेन्द्र कोचर व सरोज कोचर ने किया।

समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता चक्रवर्ती श्रीमाली ने कहा कि ऊर्जा व उत्साह के स्रोत स्व. कोचर ने समाजसेवा के साथ देश सेवा में अग्रणीय योगदान दिया है। वास्तविकता में दलितों के उत्थान एवं गरीबों के कल्याण के लिए उन्होंने महत्ती कार्य किये। उनके कई स्मरण पढ़े जिनसे ज्ञात होता है कि वे सदैव राजनैतिक चाटुकारिता के विरोधी रहे।

कार्यक्रम के वरिष्ठ अतिथि वेटनरी कुलपति डॉ. विष्णु शर्मा ने कहा कि स्व. रामरतन कोचर के व्यक्तित्व चरित्र की झलक उनकी अगली पीढिय़ों में भी दिखाई देती है जो उनकी याद में प्रतिवर्ष ऐसे आयोजन कर गरीबों, असहायों की सेवा का कार्य कर रहे हैं। कार्यक्रम में जानकीनारायण श्रीमाली ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

पत्रकारिता क्षेत्र में सम्मानित होने वाले हिन्दुस्तान टाइम्स के राजस्थान ब्यूरो चीफ डॉ. राकेश गोस्वामी ने मीडिया तब और अब पर विस्तार से वक्तव्य दिया। डॉ. गोस्वामी ने कहा कि स्व. कोचर के सामाजिक, राजनैतिक व धर्म के साथ-साथ जो हमारे तीन अंग हैं व्यवस्थापिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका उनके व्यक्तित्व में वो चरित्र हमें दिखाई देते हैं और प्रजातंत्र का चौथा स्तम्भ है मीडिया वो भी उनके व्यक्तित्व में समाहित है। सुप्रसिद्ध समाजसेवी, स्वतंत्रता सेनानी एवं पूर्व विधायक स्व. कोचर ने उस जमाने में भी पत्रकारिता का डंका बजाया था। लोगों की आवाज को कलम से प्रवाहित किया था।

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स्वागत भाषण में वरिष्ठ पत्रकार व स्व. रामरतन कोचर स्मारक समिति के संतोष जैन ने स्व. कोचर के जीवनवृत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्व. रामरतन कोचर ने दलितों के उद्धार के लिए अनेक कार्य किये जिसके चलते उन्हें अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा लेकिन वे अपने दृढ़ निश्चय के चलते विचलित नहीं हुए। उन्होंने दलित उद्धार के लिए, उनकी आवाज बुलंद करने के लिए पत्रिका शुरु की। इसके अलावा गरीब, मजदूर किसानों की हक की लड़ाई के लिए गणराज्य पत्रिका का भी संचालन किया। अकाल के समय उन्होंने राजस्थान रिलीफ सोसायटी का गठन कर किसानों व ग्रामीणों के लिए तन-मन-धन से कार्य किया। यही कारण है कि वे जनमानस में आज भी लोकप्रिय हैं और भाईजी के नाम से जाने जाते हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वल्लभ कोचर ने सभी का आभार व्यक्त किया।

इन्होंने दी पुष्पांजलि
स्व. रामरतन कोचर स्मारक समिति के सुमित कोचर ने बताया कि कार्यक्रम में अतिथियों सहित आगन्तुकों ने रामरतन कोचर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। जिसमें मुख्यत: जयचंद लाल डागा, चम्पालाल डागा, बिशनाराम सियाग, पत्रकार लूणकरण छाजेड़, हेम शर्मा, भवानी जोशी, ओम दैया, अपर्णेश गोस्वामी, पवन भोजक, गिरीराज खैरीवाल, डॉ. सीएस श्रीमाली, राजेश भोजक, आजम अली, गुलाम मुस्तफा, कन्हैयालाल बोथरा, बुलाकीदास देवड़ा, द्वारकाप्रसाद पचीसिया, नरेन्द्र कोचर, घेवरचंद मुसर्रफ, सुरेन्द्र कोचर, डॉ. पी के सरीन, जतन दूगड़, चारु नाहटा, मधुबाला, एडवोकेट मोहब्बत अली, इन्द्रचन्द सेठिया, संजय कोचर, विमल कोचर, इसरार हसन कादरी, चम्पकमल सुराना, डॉ. धनपत कोचर, अशोक सुराणा, कन्हैयालाल कल्ला, बाबू जयशंकर जोशी, सोहन नायक, हारुन राठौड़, अम्बाराम इणखिया, विजय सोनी, गोपी बिश्नोई, विनोद भोजक, पं. उत्तम शर्मा, सुरेन्द्र भदानी, विनोद बोथरा, सुमतिलाल बांठिया, बच्छराज भूरा सहित बड़ी संख्या में गणमान्यजन मौजूद रहे।