बीकानेर । जिला लोक शिक्षा समिति बीकानेर के तत्वावधान में 52वां अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का मुख्य समारोह स्थानीय राजकीय महारानी बालिक उ.मा.वि. बीकानेर के सभागार में शनिवार को आयोजित किया गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री नारायण चौपड़ा, महापौर, नगर निगम, बीकानेर थे। अध्यक्षता अतिरिक्त कलक्टर(प्र.) ए.एच. गौरी ने की तथा विशिष्ट अतिथि अतिरिक्त कलक्टर(नगर) श्री शेलेन्द्र देवड़ा थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन एवं माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर सरपंचों को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि महापौर चौपड़ा ने अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि हमें 52वें अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर संकल्प लेना होगा कि हम अपने समाज, पड़ौसी, गाँव, प्रदेश एवं देश को साक्षर बनाने का काम करेंगे ।
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हमें साक्षरता से आगे बढ़ते हुए सतत शिक्षा की ओर कदम बढ़ाने चाहिए। उन्होंने ने कहा कि साक्षरता के महत्व को आमजन तक पहुँचा कर देश को सम्पूर्ण साक्षर बनाने में पढ़े-लिखे लोगों को अधिक भूमिका निभानी होगी। विकास की बात के साथ साथ साक्षरता को मध्य नजऱ रखना होगा । उन्होंने कहा कि राष्ट्र के निर्माण का आधार शिक्षा ही है। विकास के लिए महिला एवं पुरूष दोनों को साक्षर करने की जिम्मेदारी हम सब की है।


कार्यक्रम अध्यक्ष श्री गौरी ने कहा कि साक्षरता के क्षैत्र में राजस्थान ने उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने कहा कि हमें दुनिया की साक्षरता के बराबर आना होगा। उन्होंने कहा कि दुनिया में 86.3 प्रतिशत साक्षरता है जबकि भारत में 73 प्रतिशत एवं राजस्थान में 67.1 प्रतिशत साक्षरता है , इस दूरी को हमें दुनिया भर की साक्षरता के बराबर लाने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में साक्षरता का प्रतिशत बढ़ा है। गौरी ने साक्षरता कर्मियों का आहवान करते हुए कहा कि साक्षरताकार्मिको ंको लगन एंव निष्ठा से काम करने की जरूरत है। पंचायत स्तर पर साक्षरता कक्षाएँ संचालित हो एवं महात्मा गाँधी पुस्तकालय एवं वाचनालय के माध्यम से अधिकाधिक संख्या में नवसाक्षर जुड़े। उन्होंने जन-प्रतिनिधियों का भी आहवान करते हुए कहा कि वे नियमित रूप से साक्षरता अभियान की समीक्षा करें , साक्षरता कर्मियों को सहयोग करें। विशिष्ट अतिथि देवड़ा ने कहा कि जिले की साक्षरता प्रतिशत 65.13 है। जिसमें भी महिलाओं का साक्षरता प्रतिशत 53.23 है। जिले में महिलाओं का साक्षरता प्रतिशत बढ़ाने के लिए साक्षर भारत अभियान से महिलाओं को जोडऩा होगा , जिले के तमाम पढ़े-लिखे लोग इस अभियान में कार्य करेंगे, असाक्षरों को साक्षर बनाऐंगे , तभी हमारा जिला साक्षर होगा।

जिला साक्षरता एवं सतत शिक्षा अधिकारी श्री अशोक कुमार सोलंकी ने कार्यक्रम के आरंभ में अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि बीकानेर जिला अब समतुल्य शिक्षा कार्यक्रम की ओर बढत बना रहा है , जिले की प्रत्येक ग्राम में साक्षरता कक्षाओं का संचालन एवं महात्मा गाँधी पुस्तकालय एवं वाचनालय भी संचालित हुए है। उन्होंने कहा कि 52वां अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस हमें समाज और देश के प्रति नेक कार्य करने की प्रेरणा देता है। साक्षरता प्राप्त करने की कोई उम्र नहीं होती उन्होंने कहा कि साक्षरता के माध्यम से ही आज हमारे समाज एवं देश के हर क्षेत्र मे उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे है। समारोह में संयोजकीय व्यक्तव्य देते हुए सहायक परियोजना अधिकारी राजेन्द्र जोशी ने कहा कि हम सबको मिल कर समतुल्यता कार्यक्रम की योजना बनाकर कार्य करना है । आज महिलाओं के असाक्षर होने के कारण उनके परिवार को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है , इसके लिए उन्हें स्वंय साक्षर होना पड़ेगा तथा अपने आस पास के लोगों को भी साक्षर होने के लिए जागरूक करना पड़ेगा । जोशी ने कहा कि पहला अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 1966 में मनाया गया था तथा यह पूरे विश्व मे आज के दिन मनाया जाता है। इसी के तहत हमारे जिले में भी गत 03 दशक से भी अधिक समय से यह दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि साक्षरता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 30संरपचों, 32 केन्द्राधीक्षकों, 33 वीक्षकों एवं 30 स्वंयसेवी शिक्षकों के साथ 150 साक्षरता कर्मियों एवं केन्द्रीय कारागृह के अधीक्षक परमेन्द्र सिंह, डॉ. सोनिया शर्मा, डॉ. रेणुका व्यास, श्रीमती अंशु मेहता, श्री प्रदीप सिंह राजपुरोहित, राजाराम(सरपंच, दियातरा), गीता देवी(सरपंच, जसरासर), श्रीमती पूनम कंवर(सरपंच, गिरिराजसर), मनोहर सिंह (सरपंच, चानी), बलेदव सिंह(सरपंच, खारबारा), गोविंद सिंह सहित अनेक लोगों को सम्मानित किया गया।


इससे पूर्व मुख्य अतिथि श्री चौपड़ा सतत शिक्षा अधिकारी श्री अशोक कुमार सोलंकी, सहायक परियोजना अधिकारी राजेन्द्र जोशी ने शुभांरभ करते हुए सरस्वती के चित्र के आगे दीप प्रज्ज्वलित किया । जिला लोक शिक्षा समिति की ओर अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया । कार्यक्रम के साथ साथ रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।
कार्यक्रम में हेतराम, भंवरलाल सारस्वत, उपनिदेशक सामाजिक अधिकारिता विभाग एल.डी. पंचार सहित अनेक लोग उपस्थित थे। सांस्कृतिक कार्यक्रम में घूमर(पैरोडी) ”लडली लूमा झूमालेडी एंल्गिन स्कूल द्वारा एवं पैराडी- महारानी स्कूल द्वारा, सामूहिक नृत्य – ‘कहते हमे प्यार से इन्डिया वालेÓ सूरसागर स्कूल द्वारा, सामूहिक गीत केन्द्रीय विद्यालय न.1 द्वारा, भवई नृत्य, मुस्कान सुराणा, हीरालाल सोभाग्यमल रामपुरिया विघानिकेतन द्वारा, सामूहिक नृत्य ”मेरा देश बदल रहा है बारह गुवाड़ स्कूल द्वारा, सामूहिक नृत्य बाफना स्कूल द्वारा , पंजाबी भांगड़ा नृत्य- मेलबार्न स्कूल द्वारा , सामूहिक लोक नृत्य – ”म्हारो बीकाणों- मातृ सेवा सदन स्कूल द्वारा , देश भक्ति गीत पर सामूहिक नृत्य ” संदेसे आते हैÓÓ सेवा आश्रम के मूक बधिर विद्यार्थियों द्वारा सहित विभिन्न विद्यालयों के छात्र – छात्राओं ने लोकनृत्य , सामूहिक नृत्य , साक्षरता – गीत , देश भक्ति गीतों पर लगभग 175 कलाकारों ने शानदार प्रस्तुतियाँ दी । कार्यक्रम का संचालन करते हुए कवियत्री-आलोचक डॉ.रेणुका व्यास ने साक्षरता और विकास के विषय को प्रस्तुत किया।(PB)