”आचार्य महाप्रज्ञ बॉनमेरो ट्रांसप्लांट यूनिट का हुआ उद्घाटन

बीकानेर। आचार्य तुलसी रीजनल कैंसर चिकित्सा एवं अनुसंधान केन्द्र के तत्वावधान में आचार्य तुलसी शान्ति प्रतिष्ठान, गंगाशहर द्वारा ”आचार्य महाप्रज्ञ बॉनमेरो ट्रांसप्लांट यूनिट’ का उद्घाटन शनिवार को सुबह 9:03 पर किया गया। इस अवसर पर आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए भामाशाह-समाजसेवी हीरालाल मालू ने कहा कि समाज-संघ का ऋण उतारने के लिए पूरे जीवन भर हमेशा तत्पर रहूंगा। उन्होंने कहा कि समाजकल्याण के लिए बनाई गई योजना को पूरा करने के लिए मैं केवल मात्र निमित बनता हूं और इन्हें पूरा करने के लिए पूरे तन-मन-धन से तैयार रहूंगा। उन्होंने कहा कि मेरी धर्मपत्नी शायरदेवी और बेटी भावना ने जनकल्याणकारी योजनाओं में भागीदारी के लिए हमेशा मेरा उत्साहवद्र्धन किया है। भामाशाह मालू ने समारोह में घोषणा करते हुए कहा कि आमजन की सहायता के लिए अगर कोई भी योजना आचार्य तुलसी शान्ति प्रतिष्ठान बनाता है तो मैं और पूरा परिवार हमेशा सहयोग देगा।


आचार्य तुलसी शान्ति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष जैन लूणकरण छाजेड़ ने कहा कि अस्थि प्रत्यारोपण में अन्य शहरों में 10 से 20 लाख रूपये का खर्च आता है परन्तु बीकानेर मेडिकल कॉलेज एवं पीबीएम अस्पताल के सहयोग से आचार्य तुलसी शान्ति प्रतिष्ठान यह प्रत्यारोपण 2.50 से 5.00 लाख रूपये में करवाने का निर्णय लिया है। अध्यक्ष छाजेड़ ने बताया कि आचार्य तुलसी शान्ति प्रतिष्ठान ने इस बॉनमेरो सेन्टर में सभी तरह की सुविधाएं पहुंचाने का प्रयास किया है। हमारा ध्येय है कि चिकित्सा एवं सेवा के क्षेत्र में विश्व स्तर पर यह सेन्टर उदाहरणार्थ प्रस्तुत हो। अध्यक्ष छाजेड़ ने बताया कि इस यूनिट में साल भर में 48 रोगियों के ही ट्रांसप्लाट हो सकेंगे। छाजेड़ ने बताया कि बॉनमेरो चिकित्सा में सहयोग के लिए एक कॉरपोरेशन फण्ड बनाने की योजना है। इस बात पर 5 रोगियों का इलाज भामाशाह मूलचन्द डागा द्वारा तथा 5 भावना सेठिया के द्वारा व एक जुगराज नाहर ने इलाज के लिए आचार्य तुलसी शान्ति प्रतिष्ठान को सहयोग राशि देने की घोषणा की।


समारोह में स्वागत भाषण देते हुए डॉ. आर.पी. अग्रवाल ने कहा कि अगर नियत साफ हो और जज्बा हो तो किसी भी काम को पूरा किया जा सकता है। बीकानेर में बॉनमेरो यूनिट की स्थापना होना गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि यूनिट के योजना से लेकर निर्माण तक भामाशाह, आचार्य तुलसी शान्ति प्रतिष्ठान तथा डॉक्टरों ने मिलकर एक टीम के अनुसार काम किया और इसे इतना विशाल रूप देकर फलीभूत किया यह अविस्मरणीय है। इस बॉनमेरो यूनिट से बीकानेर ही नहीं पूरे देश के लोगों फायदा मिलेगा।
तेरापंथी सभा, गंगाशहर के अध्यक्ष डॉ. पी.सी. तातेड़ ने शायरदेवी हीरालाल मालू का परिचय देते हुए कहा कि यह एक विराट व्यक्तित्व के धनी है। मालू परिवार हमेशा से ही पीडि़त मानवता की सेवा के लिए तत्पर रहता है। उन्होंने कहा कि सेवा करना ठीक नहीं है लेकिन पीडि़तजनों की सेवा बिना किसी लालसा से करना कठिन है। जो दूसरों के आंसू पीता है पूरे जहां से उन्हें प्यार मिलता है। मालू परिवार पूरे देशभर में पीडि़तों की सहायता के लिए बनाई गई योजनाओं में अपनी सहभागिता निभाता है।
समारोह को सम्बोधित करते हुए डॉ. पंकज टांटिया ने कहा कि ”आचार्य महाप्रज्ञ बॉनमेरो ट्रांसप्लाट यूनिटÓÓ वल्र्ड क्लास की फेसेलिटी से नवीन तकीनीक के माध्यम से निर्मित हुई है। इतनी विशाल और अत्याधुनिक यूनिट देशभर में विश्व विख्यात होगी और इससे पीडि़तों को काफी सहायता प्रदान होगी। उन्होंने कहा कि बॉनमेरो ट्रांसप्लांट एक ऑपरेशन नहीं है बल्कि ब्लड का ट्रांसप्लांट होता है। मरीज के 15 दिनों तक बॉनमेरो को बंद किया जाता है तथा उसके बाद उसे वापस चालू करके उसके शरीर से बेक्टीरिया को सौ प्रतिशत समाप्त किया जा सकता है। इससे ब्लड ग्रुप चैंज हो जाता है। डॉ. टांटिया ने बताया कि इतना विशाल बॉनमेरो पूरे भारत में केवल साउथ के बाद अब बीकानेर में स्थापित हुआ है यह हमारे लिए गौरव की बात है।


चिकित्सा संयोजक तथा आचार्य तुलसी शान्ति प्रतिष्ठान के सहमंत्री जेठमल बोथरा ने बताया कि फरवरी 2014 में इस यूनिट की घोषणा हुई तथा 2016 में यह मूर्तरूप लेना शुरू हो गया था। इतने विशाल बॉनमेरो यूनिट की स्थापना के लिए पीबीएम प्रशासन ने पूरा सहयोग दिया तथा भामाशाहों के आर्थिक सहयोग से यह सपना साकार हुआ। आचार्य तुलसी शान्ति प्रतिष्ठान ने सभी के साथ इस विशाल बॉनमेरो यूनिट को मूर्तरूप देकर जनकल्याण के लिए पीबीएम प्रशासन को सुपुर्द किया है। इससे बीकानेर चिकित्सा के क्षेत्र में एक हब बनता जा रहा है।
डॉ. सुरेन्द्र बेनीवाल ने बताया कि यह भवन पूरे उत्तर भारत में सबसे विशाल तथा अत्याधुनिक तरीके से बनाया गया है। इससे मरीजों को काफी सुविधा मिलेगी। इस अस्पताल में शुरूआत में एक साथ चार मरीजों को इलाज संभव हो सकता है। मरीजों की उचित देखरेख के लिए नई तकनीक के कॉटेज बनाए गए है। डॉ. पीन्टू नाहटा ने बॉनमेरो यूनिट को तैयार करने के लिए पूरी टीम को बधाई दी तथा बीकानेर में अत्याधुनिक बॉनमेरो यूनिट की स्थापना होना स्वर्णिम इतिहास बताया।
समारोह के दौरान फोर्टिज गुडग़ांव के डॉ. राहुल भार्गव ने एक एमओयू साईन किया जिससे वे बीकानेर में पहुंचकर यहां के मरीजों का इलाज करेंगे। यह बीकानेर के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।
समारोह के दौरान भामाशाह शायर देवी मालू का मंजू आंचलिया, शान्ता भूरा, मधु छाजेड़, नयनतारा छलाणी तथा शारदा डागा ने, समाजसेवी हीरालाल मालू का जयचंद लाल डागा, विजय कोचर, सुमेरमल दफ्तरी, पारसमल छाजेड़, हंसराज डागा, डॉ. पी.सी. तातेड़, बसंत नौलखा ने, डॉ. एम.बी. अग्रवाल का विनोद बाफना, मनोहर नाहटा, विमल चौपड़ा ने, डॉ. राहुल भार्गव का जेठमल बोथरा, आसकरण बोथरा, मनीष बाफना, डालचन्द भूरा, शान्तिलाल सुराणा, महेन्द्र जैन, राजेन्द्र बोथरा ने, डॉ. संदीप जसुजा का अमरचन्द सोनी, सुशील बैद, केशरीचन्द मालू, पूनमचन्द राखेचा, जयचंदलाल सुखाणी, अशोक धारीवाल, किशन बैद ने शॉल, स्मृति चिन्ह, माला व जैन पताका पहनाकर सम्मान किया। समारोह के दौरान उषा देवी का महिला मण्डल की बहनों ने तथा सुधा भूरा का संतोष बोथर व कन्या मण्डल ने, आर्किटेट सुरेन्द्र कुमार बैरी का किशोर मण्डल की पूरी टीम ने तथा जतन नौलखा का विनीत बोथरा, कन्हैयालाल रामपुरिया ने स्मृति चिन्ह, माला व जैन पताका पहनाकर सम्मान किया गया।
समारोह में मंचस्थ अतिथियों का बैच लगाकर स्वागत किया गया। समारोह की विधिवत् शुरूआत कन्या मण्डल के द्वारा नवकार महामंत्र के सामूहिक उच्चारण के साथ हुई। इसके पश्चात् महिला मण्डल द्वारा अणुव्रत गीत का संगान किया गया। समारोह में डॉ. रंजन माथूर, डॉ. लियाकत अली गौरी समेत बीकानेर, गंगाशहर, भीनासर आदि स्थानों से सैंकड़ों गणमान्य जन पहुंचे। डॉ. एम.आर. बरडिय़ा ने आज्ञार ज्ञापित किया। इससे पूर्व ”आचार्य महाप्रज्ञ बॉनमेरो ट्रांसप्लांट यूनिट भवन में रतन छलाणी, हेमराज गुलगुलिया, धर्मेन्द डाकलिया द्वारा जैन विधि से पूजन किया गया। मंच का सफल संचालन जैन लूणकरण छाजेड़ ने किया।(PB)