बीकानेर। जिला कलक्टर डॉ. एन के गुप्ता ने कहा कि बालिकाओं के सर्वांगीण विकास के मद््््देनजर उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखते हुए, उनके संरक्षण के लिए बनाए गए कानूनों एवं नियमों की पालना सुनिश्चित की जाए। जिला कलक्टर ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना की जिला टास्क फोर्स बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि योजना के निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए पूर्ण सजगता से कार्ययोजना के तहत कार्य किया जाए। इस योजना का उद््देश्य प्रत्येक बेटी को पढ़ाना व आगे बढ़ाना है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पूर्णकालिक सचिव एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राहुल चैधरी ने बताया कि प्राधिकरण के माध्यम से, न्यायालयों में बालिकाओं व महिलाओं से सम्बन्धित विचाराधीन प्रकरणों में राहत दिलवाने, बेटे और बेटियों के लिए समान सम्पति का अधिकार सुनिश्चित करवाने, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार करना आदि प्रयास किए जा रहे हैं।


योजना के लक्ष्य- सहायक निदेशक महिला अधिकारिता मेघारतन ने बताया कि योजना के तहत जिले की एसआरबी में 2 पॉइन्ट तक प्रतिवर्ष सुधार करना, संस्थागत प्रसव में कम से कम 1.5 प्रतिशत प्रतिवर्ष बढ़ोतरी करना, वर्ष 2018-19 में माध्यमिक शिक्षा में बालिका नामांकन में वृद्धि करना, जिले के समस्त विद्यालयों में बालिकाओं के लिए पृथक शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित करना, 5 वर्ष से कम कुपोषित व एनीमिया ग्रस्त बालिकाओं के पोषण स्तर में सुधार लाना, पॉक्सो एक्ट का प्रभावी क्रियान्वयन व बालिकाओं के लिए सुरक्षित वातावरण का निर्माण करना आदि लक्ष्य रखे गए हैं।


कार्य योजना- बैठक में 13 विभिन्न विभागों को योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सौंपे गए दायित्वों के सम्बन्ध में विचार-विमर्श किया गया। इसके तहत प्रत्येक शहरी वार्ड, शहरी निकाय कार्यालय, राजस्व ग्राम तथा पंचायत पर ‘गुड्डा-गुड््डी बोर्डÓ का डिसप्ले कर प्रतिमाह उसे अद्यतन किया जाए, जिससे आमजन अपने क्षेत्रा की बाल लिंगानुपात की स्थिति से अवगत हो सकें। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बेटी जन्मोत्सव का आयोजन एवं थाली बजाना, मातृृ शिशु सुरक्षा कार्डों का शतप्रतिशत वितरण करना, बालिकाओं, किशोरियों, गर्भवती व धात्राी के स्वास्थ्य की जांच तथा पोषण स्तर की मॉनिटरिंग करवानी सुनिश्चित की जाए। सामूहिक विवाहों में 8वां फेरा के तहत कन्या भ्रूण हत्या निषेध की शपथ दिलाना, बाल विवाह रोकथाम सुनिश्चित करना, पीसीपीएनडीटी एक्ट का प्रभावी क्रियान्वयन, प्रत्येक विद्यालय में बालिका मंच की स्थापना, ड्रॉप आउट बालिकाओं का चिन्हीकरण व पुन: नामांकन करवाना, बालिका छात्रावासों की मॉनिटरिंग करना शामिल है। इसके साथ ही बालिका गृह, पालना गृह आदि का समुचित संचालन, महिलाओं एवं बालिकाओं के विरूद्ध अपराधों की रोकथाम करना, महिलाओं को स्वरोजगार प्रशिक्षण दिलवाना, प्रतिभावान बालिकाओं व महिलाओं को सम्मानित व प्रोत्साहित करवाना आदि बिन्दुओं पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। बैठक में उप निदेशक महिला एवं बाल विकास रचना भाटिया, सीएमएचओ डॉ. देवेन्द्र चैधरी, डॉ. प्रभा भार्गव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक एल डी पंवार, समाज कल्याण अधिकारी नारायणी, एडीईओ सुनील बोड़ा सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।