सफर का दूसरा दौर
देश में मोदी सरकार-2 की विधिवत शुरुआत हो गई
है। नरेंद्र मोदी ने दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ
ली। उनके साथ उनके मंत्रिमंडल के कई सदस्यों ने
भी शपथ ली। शपथ लेने से पहले मोदी ने महात्मा
गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को
श्रद्धांजलि दी। उसके बाद वॉर मेमोरियल पहुंचकर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित
किए। इस तरह प्रधानमंत्री ने संदेश दिया कि उनके शासन में भी राष्ट्रपिता को
यथोचित समान मिलता रहेगा। अपने इस कदम के जरिये उन्होंने चुनावी माहौल
में पैदा हुई इस आशंका को निर्मूल कर दिया कि दूसरी बार पूर्ण बहुमत से साा में
आई बीजेपी महात्मा गांधी से जुड़े प्रतीकों और नीतियों को खास तवज्जो नहीं देगी।
यह भी कि अटल जी की सबको साथ लेकर चलने और अपने विरोधियों को भी गले
लगाने वाली सोच इस सरकार का दिशा निर्देशक तत्व बनी रहेगी। प्रधानमंत्री का
वॉर मेमोरियल के आगे सिर झुकाना राष्ट्र की सुरक्षा को लेकर उनकी सरकार की
प्रतिबद्धता के अलावा इस संकल्प का भी द्योतक है कि भारतीय सुरक्षाकर्मियों को
हर तरह की सहूलियत और इज्जत बशी जाएगी। प्रधानमंत्री ने न सिर्फ देश बल्कि
दुनिया भर के महत्वपूर्ण लोगों के साथ अपनी खुशी और उपलिध साझा की। शपथ
ग्रहण समारोह में करीब आठ हजार मेहमानों को आमंत्रित किया गया था।
बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहमद अदुल हमीद, श्रीलंका के राष्ट्रपति एम सिरीसेना,
किर्गीजिस्तान के राष्ट्रपति एस जीनबेकोव, यांमार के राष्ट्रपति यू विन मिंट,
मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली,
भूटान के प्रधानमंत्री डॉ. एल शेरिंग और थाइलैंड के विशेष प्रतिनिधि जी बूनरैक के
साथ विभिन्न राज्यों के मुयमंत्री, मुय विपक्षी दल कांग्रेस सहित विभिन्न राजनीतिक
दलों के नेता और उद्योग, फिल्म तथा खेल जगत के महारथी इस समारोह में शामिल
हुए। बिसटेक सदस्य देशों के नेता इसके खास आकर्षण रहे। बंगाल की खाड़ी से
जुड़े सात देश भारत, बांग्लादेश, यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल और भूटान इस
संगठन में शामिल हैं। पिछले कुछ वर्षों में बिसटेक को मजबूती से खड़ा करने में
भारत का अहम योगदान रहा है। नरेंद्र मोदी की वापसी से इसे और फलने-फूलने का
मौका मिलेगा। यह शपथ ग्रहण समारोह प्रधानमंत्री और उनके सहयोगियों के साथसाथ
पूरे देश के लिए एक खास अवसर था। भारत में ऐसा पहली बार हुआ जब एक
पार्टी के पूर्ण बहुमत वाली कोई गैर कांग्रेसी सरकार लगातार दूसरी बार साा में आई
है। यह महज एक चुनावी जीत नहीं, सामाजिक-आर्थिक विकास की एक यात्रा है,
जिसके सूत्रधार नरेंद्र मोदी बने। देश की 130 करोड़ जनता ने उन्हें दोबारा चुनकर
इस यात्रा को जारी रखने का निर्देश दिया है। मंत्रिमंडल के चयन में प्रधानमंत्री ने
कई पुराने चेहरों को फिर से मौका दिया है तो कुछ नए सहयोगी भी शामिल किए हैं।
उमीद करें कि जो काम, जो सपने पहले कार्यकाल में अधूरे रह गए वे इस दौर में
जरूर पूरे होंगे।