बीकानेर। शब्दरंग साहित्य एवं कला संस्थान की तरफ से वरिष्ठ गीतकार गौरीशंकर आचार्य “अरुण” की 81 वीं जन्म जयंती के अवसर पर उनके सृजन पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्य अतिथि पूर्व शिक्षामंत्री डॉ.बी.डी.क़ल्ला ने कहा अरुण साहब एक जिन्दादिल व्यक्तित्व के धनी थे उन्होंने अपनी शर्तों पर सृजन किया, उनको जो बात कहनी होती वह डंके की चोट कह दिया करते थे । विशिष्ठ अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार शिवराज छंगाणी ने बीते हुए लम्हों को याद करते हुए उनके सृजन सरोकार को ससाझा किया । अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार भवानीशंकर व्यास “विनोद” ने कहा कि सरकारी रिकॉर्ड से अरुणजी 81 वर्ष के बताए जा रहे हैं जबकि वे 86 वर्ष के हो चुके हैं । अतीत को याद करते हुए विनोद ने कहा उनके द्वारा स्थापित आध्या संस्था ने साहित्य की बारीकियों को समझाते हुए युवाओं को नव सृजन का अवसर दिया । उस समय की गोष्ठियां अपने आपमें एक इतिहास बन चुकी है । इससे पहले अतिथियों ने गौरीशंकर आचार्य के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए ।

स्वागत भाषण देते हुए कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने अरुणजी के व्यक्तित्व-कृतित्व को साझा किया । शिक्षाविद डॉ.ब्रजरतन जोशी ने अरुणजी की पुस्तक “शब्द बीज बोता हूं” पर विस्तार से चर्चा करते हुए उनकी रचना प्रक्रिया साझा की । युवा कवयित्री सुश्री मीनाक्षी स्वर्णकार ने अरुणजी के गीत एवं गजल “मेरा चेहरा मेरी कहानी है”, “किरणों के जल से मैं अपने अंधियारे धोता हूं” की सस्वर प्रस्तुति देकर तालियां बटोरी । सम्पादक, कवि-कथाकार अरुणजी के सबसे छोटे लाडले पुत्र संजय आचार्य “वरुण” ने अरुणजी की रचनाओं “दुनिया का बाजार खुला हर चीज बिकाउ है जी ले लो एवं राजस्थानी गजल का सस्वर वाचन कर माहौल को भाव विव्हल बना दिया ।

कार्यक्रम में वरिष्ठ चित्रकार मुरलीमनोहर माथुर, डॉ.अजय जोशी, इरशाद अजीज, युवा कवि बाबुलाल छंगाणी, प्रेरणा प्रतिष्ठान के प्रेमरतन व्यास, सखा संगम के चन्द्रशेखर जोशी, नागेश्वर जोशी, लीलाधर सोनी, कमल रंगा, मधु आचार्य , रामसहाय हर्ष, हरीश बी.शर्मा, श्रीमती उषाकिरण सोनी, सुनील गज्जाणी, डॉ.नमामीशंकर आचार्य, डॉ.गौरीशंकर प्रजापत, डॉ.नगेन्द्रनारायण किराडू, शैलेश आचार्य, व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा, असद अली असद, जगदीश प्रकाश आचार्य, “अमन”, झंवरा स्वर्णकार, कविता आचार्य, हनुमान कच्छावा, प्रमोदकुमार शर्मा आदि गणमान्यजन साक्षी बने । शब्दरंग साहित्य एवं कला संस्थान की तरफ से आगंतुकों का आभार राजाराम स्वर्णकार ने जताया । कार्यक्रम का शानदार संचालन युवा रंगकर्मी रोहित बोडा ने किया ।