पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत का 67वां जन्मदिवस मनाया

जयपुर/बीकानेर।राजस्थान की राजनीति में कांग्रेस के कद्दावर नेता का दर्जा पा चुके पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने जन्मदिन के मौके पर एक तीर से कई निशाने लगाने के प्रयास किए। गहलोत ने जहां मजाक में ‘हमारा मुख्यमंत्री कैसा हो, अशोक गहलोत जैसा हो’ बोलकर ठहाका लगाया, वहीं जनता से मिले प्यार और सम्मान के लिए उनका धन्यवाद भी किया। गहलोत ने अपने सिविल लाइन स्थित आवास पर समर्थकों के बीच कहा कि यह वे यही सोचते हैं कि कैसे अपने जीवन की आखिरी सांस तक आपके इस प्यार की पूंजी को बनाए रखें? गहलोत ने इस अवसर पर एक सवाल के जवाब में कहा कि यह कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं है, यह केवल मीडिया की उपज है जो कभी किस नेता के लिए कभी किस नेता के लिए कहता रहता है।

गहलोत ने कहा कि लोगों में अपने लिए मिले प्यार व सम्मान के लिए वे आभारी हैं। आपको बता दें कि यूं तो राजनीति में अच्छी तरह से स्थापित नेता अपनी ताकत का अहसास कराने का कोई मौका नहीं चूकते, लेकिन फिर भी नेताओं का जन्मदिन शक्ति प्रदर्शन के साथ ही लोगों में अपने प्रति सम्मान और प्यार की भावना का इजहार करने के लिए बड़ा मौका होता है।

कुछ ऐसा ही नज़ारा पूर्व मुख्यमन्त्री और एआईसीसी के महासचिव अशोक गहलोत के जन्मदिन पर जयपुर में दिखा। बुधवार को गहलोत के 67वें जन्मदिन पर उनके सरकारी आवास पर कार्यकर्ता, समर्थक और आम आदमियों का पूर्व मुख्यमन्त्री को बधाई देने के लिए जाम लग गया।
उनके जन्मदिन के मौके पर यहां पर तकरीबन तीन हज़ार से ज्यादा लोग और पार्टी के कई बड़े चेहरे गहलोत को बधाई देने पहुंचे। इस दौरान गहलोत ने मीडिया से बात करते हुए लोगों के स्नेह और सम्मान को ही अपने जीवन की असली पूंजी करार दिया।
इसके साथ ही कांग्रेस के हाल ही में गुजरात प्रभारी बने गहलोत ने इसे शक्ति प्रदर्शन मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह शक्ति प्रदर्शन की बात तो सिर्फ मीडिया की उपज है। उन्होंने कहा कि मीडिया कभी हमारे नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी, कभी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट और कभी नेता सुरेश चौधरी के आयोजनों को शक्ति प्रदर्शन की संज्ञा देता है।

पूर्व मुख्यमन्त्री के समर्थन में नारे लगने पर गहलोत ने कहा कि यह तो होता रहता है और लोग मौजूदा मुख्यमन्त्री की पूर्व मुख्यमन्त्री के कार्यकाल से तुलना करते हैं। गहलोत ने यह बयान दिया तो साथ ही नारा भी दोहरा दिया, जिस पर मीडिया के साथ खुद गहलोत भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए।
गहलोत ने अपने जन्मदिन पर आए कार्यकर्ताओं का आभार जताते हुए कहा कि राजनीति में आने के बाद लोगों का यह प्यार ही उनकी पूंजी हैं। उन्होंने कहा कि वे यही सोचते हैं कि कैसे अपने जीवन की आखिरी सांस तक इस पूंजी को बनाये रखें। गहलोत ने कहा कि वे यही सोचते हैं कि कैसे लोगों की और अपनी पार्टी की सेवा कर सकें।

गहलोत के इस प्रदर्शन से एक ओर जहां पीसीसी अध्यक्ष सचिन पायलट के लिए चिंता की बात है, वहीं रामेश्वर डूडी सहित उन नेताओं को भी राजनीतिक रूप से चिंतित होना लाजमी है, जो स्वयं को पार्टी का चेहरा बनाने के लिए कमर कस रहे हैं।

इस अवसर पर अपने समर्थकों की भारी भीड़ से गदगद गहलोत ने पार्टी को साफ संदेश दे दिया कि अभी भी वे ही प्रदेश में कांग्रेस की ओर से जननेता हैं, उनके होते हुए आने वाले काफी समय तक पार्टी को सर्वमान्य नेता की जरूरत नहीं है।

बेसहारों को फल वितरित कर मनाया पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत का जन्मदिन, मन्दिर, चर्च, दरगाह में अमन चैन की दुआ मांगी 

गहलोत के 67 वें जन्मदिन पर पूर्व महापौर भवानीशंकर शर्मा के नेतृत्व में गणमान्यजनों ने शांति वृद्धाश्रम और ‘मुक बधिर’ सेवा आश्रम- में वृद्धों एवं मुक बधिर बच्चों को फल वितरित कर गहलोतजी के लिए स्वास्थ्य की मंगलकामनाएं की । पूर्व महापौर के नेतृत्व में शहर कॉंग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हीरालाल हर्ष, फल सब्जी मंडी के अरविन्द मिढ्ढा, राजेश आचार्य, चन्द्रप्रकाश गहलोत, प्रेमरतन जोशी पट्टू, ऋषि व्यास, अमजद खान, बजरंग सुथार और राजाराम स्वर्णकार ने चेतन महादेव मन्दिर में शिवजी का रुद्राभिषेक करते हुए देश में अमन चैन की दुआ मांगी । शहर में नौगजा पीर, गुरुद्वारा श्री गुरु नानक दरबार और चर्च में प्रार्थना करते हुए अशोक गहलोत के संगठन के प्रति निष्ठा, अच्छी कार्यशैली की सराहना करते हुए  स्वास्थ्य  की कामना की । सभी ने मंगलकामनाओं सहित गंगाजुबिलि पिंजरा प्रोल में गायों को गुड खिलाकर पूर्व मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य एवं दीर्घायु की कामना की ।