बीकानेर। जीवन में त्याग और तप का जितना महत्व है उतना किसी का नहीं है। त्याग की भावना ही जीवन में सुख और प्रसन्नता लाती है। यह बात समाजसेवी जगदीश अग्रवाल ने मालचन्द अग्रवाल फीणी वाले परिवार में चातुर्मास पूर्णाहुति के अवसर पर उपस्थितजनों के समक्ष कही।

अग्रवाल ने बताया कि दो जोड़ों ने (चार सदस्यों) ने चार माह तक चातुर्मास व्रत किया। इस व्रत में हर माह अलग-अलग वस्तुओं का त्याग किया जाता है। यह त्याग खाने-पीने के साथ-साथ आवश्यक संसाधनों का भी हो सकता है। चातुर्मास पूर्णाहुति के अवसर पर हवन व कीर्तन किया गया।