Case files against Tableeghi Jamaat

OmExpress News / New Delhi / देश में कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच दिल्ली में तब्लीगी जमात कार्यक्रम में हजारों लोग शिरकत करने पहुंचे थे। इस कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे तकरीबन दो दर्जन से अधिक लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण पाया गया है। यही नहीं कई लोग जो इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे थे, उनकी मौत हो गई है। Tableeghi Jamaat

कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले कई लोग देश के अलग-अलग राज्यों में वापस लौट गए हैं, जिसके बाद संक्रमण का खतरा अब और बढ़ गया है। वहीं इस पूरे मामले पर अब राजनीति तेज हो गई है। सरकार, पुलिस, प्रशासन और आयोजक एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।

धर्म के नाम पर लॉकडाउन को दिखाया ठेंगा

बता दें कि तबलीगी जमात ने ये हरकत ऐसे समय में की है, जब भारत कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहा है, प्रधानमंत्री ने इसे प्रकोप को रोकने के लिए 21 दिन का लॉकडाउन घोषित कर रखा है। देश में कुल बारह सौ से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं और तीस से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। लेकिन, लाख चेतावनियों के बावजूद यहां धार्मिक नेताओं के इशारे पर भीड़ दिन-रात एक जगह जमा रही और फिर यहां से निकलकर देश के कई राज्यों में कोरोना संदिग्धों को संक्रमण फैलाने का मौका दिया।

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213 देशों में 15 करोड़ सदस्य

दरअसल तबलीगी जमात की स्थापना एक बड़े धार्मिक आंदोलन के लिए की गई थी। दुनिया के 213 देशों में इस जमात के लोग बताए जाते हैं, जो समय-समय पर इस्लाम के प्रचार-प्रसार के लिए दुनियाभर का रुख करते हैं। एक अनुमान के मुताबिक इस वक्त दुनिया भर में इस जमात के करीब 15 करोड़ सदस्य हैं, जिनमें पाकिस्तानी क्रिकेटर सईद अनवर जैसे लोग भी शामिल हैं। इस जमात में शामिल हुए कई लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। जबकि कई लोगों की मौत भी हो गई है। Tableeghi Jamaat

दिल्ली सरकार की चूक, कोई कार्रवाई नहीं की गई

इस पूरे मामले में दिल्ली सरकार की भी चूक सामने आती है। मरकज में इतनी बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा थे, बावजूद इसके सरकार की ओर से 24 मार्च तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इतनी बड़ी संख्या में यह जलसा हो रहा था लेकिन दिल्ली सरकार के किसी पदाधिकारी, मंत्री ने इसको लेकर कोई गंभीरता जाहिर नहीं की। जब पुलिस की ओर से मरकज को नोटिस भेजा गया, उसके बाद प्रशासन और आयोजक हरकत में आए।

आयोजकों की चूक

अहम बात यह है कि पूरे देश में कोरोना के संक्रमण के चलते लोग अपने सार्वजनिक कार्यक्रम को रद्द कर रहे थे। यहां तक कि 10 मार्च को होली के त्योहार को भी नहीं मनाने की अपील की गई। लेकिन बावजूद इसके जमात के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। हजारों की संख्या में लोग यहां तक 24 मार्च को जब पुलिस ने नोटिस भेजा, उसके पहले मरकज की ओर से भीड़ को कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। Tableeghi Jamaat

केजरीवाल सरकार ने 16 मार्च को 20 से अधिक लोगों के एक जगह पर इकट्ठा हुए होने पर पाबंदी लगाई थी। यही नहीं 21 मार्च को 5 लोगों से अधिक के इकट्ठा होने पर रोक लगाई गई थी। बावजूद इसके आयोजकों ने भीड़ को खत्म करने के लिए प्रशासन से संपर्क नहीं किया।

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दिल्ली पुलिस की चूक, बगल में पुलिस स्टेशन

अहम बात यह है कि जिस जगह पर यह कार्यक्रम हो रहा था, उसके ठीक बगल में पुलिस स्टेशन है, लेकिन फिर भी पुलिस की ओर से इस बाबत कोई कार्रवाई नहीं की गई। यहां लोगों की भीड़ इकट्ठा होती रही और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। पुलिस आयोजकों को नोटिस भेजने का काम करती रही, बजाए इन लोगों को यहां से हटाने के। बहरहाल हर कोई उम्मीद कर रहा है कि यहां से अन्य जगहों पर गए लोगों से संक्रमण अधिक ना फैले।

कई लोगों की मौत

बता दें कि जमात में शामिल 33 लोगों में से 24 के सैंपल कोरोना पॉजिटिव आया है। सबसे बड़ी बात ये है कि मरकज में आ चुके 10 लोग कोरोना के मरीज बन गए और उन्होंने दम तोड़ दिया, जिनमें से अकेले तेलंगाना के 6 लोग शामिल हैं। जबकि, जमात में शामिल हुआ फिलीपींस का एक नागरिक भी पहले ही दम तोड़ चुका है। Tableeghi Jamaat

तबलीगी जमात के मौलाना साद और अन्य के खिलाफ केस दर्ज

कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के बीच जिस तरह से दिल्ली में तबलीगी जमात की ओर से जलसे का आयोजन किया गया, उसके बाद कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। मौलाना साद और तबलीगी जमात के अन्य पदाधिकारियों के खिलाफ एपिडमिक एक्ट 1897 और आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। इन लोगों के खिलाफ सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करने की वजह से एफआईआर दर्ज की गई है।

गौरतलब है कि निजामुद्दीन मरकज में 1500 से 1600 लोगों के होने से हड़कंप मच गया था। इनमें से 334 को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और 700 को क्वारंटाइन केंद्र भेजा गया है निजामुद्दीन स्थित मरकज में मलेशिया, इंडोनेशिया, सऊदी अरब, किर्गिस्तान सहित 2,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने 1 से 15 मार्च तक तब्लीग-ए-जमात में हिस्सा लिया था। यहां से देश के अलग-अलग हिस्सों में गए लोगों में भी कोरोना के मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने जानकारी दी थी कि सभी की स्क्रीनिंग चल रही है, मरकज़ में ठहरे 24 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं।