बीकानेर। सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी से जुड़े जमीन की खरीद-फरोख्त के 18 मामलों की जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। इसी लिहाज से तहसीलदार सहित उन आठ लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया है जो वर्ष 2006-07 में कोलायत तहसील में नियुक्त थे।

महाजन फील्ड फायरिंग रेंज की अवाप्त जमीन के बदले हुए आबंटन और उसमें से कुछ जमीन का अनधिकृत व्यक्तियों की ओर से बेचान करने का मामला इसमें शामिल हैं। जिन लोगों को सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया है इनमें से छह अब रिटायर हो चुके हैं। सीबीआई के बुलावे की सूचना जिला कलेक्टर के माध्यम से इन सबको भिजवाई गई है।

11 अप्रैल को इन सबसे सीबीआई के लोधी रोड दिल्ली स्थित मुख्यालय में पूछताछ होगी। इतना ही नहीं इसके अगले दिन बीकानेर कलेक्टर कार्यालय के उस अधिकारी से पूछताछ की जाएगी जो कलेक्टर कार्यालय की स्थापना शाखा में वर्ष 2010 से 2013 के बीच इस प्रकरण को डील करते थे। पूरे प्रकरण की पत्रावली सहित उन्हें दिल्ली बुलाया गया है। कोलायत के तत्कालीन तहसीलदार प्रकाशचंद्र भटनागर के साथ ही तत्कालीन सात लिपिकों को बुलाया गया है।

इनमें मोहनदान, कैलाशचंद्र, चैनाराम, शक्तिसिंह, बगड़ावतसिंह , गोपाल, जुगलकिशोर शामिल हैं। इनमें शक्तिसिंह व जुगलकिशोर को छोड़ सभी रिटायर हो चुके हैं। इनके अलावा कलेक्ट्रेट के धर्मेन्द्र कुमार पत्रावली के साथ जाएंगे। दरअसल ये पूरा मामला बीकानेर के कोलायत इलाके में 275 बीघा जमीन की खरीद से जुड़ा हुआ है।

पिछले साल तहसीलदार की शिकायत के बाद राज्य पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी और उसी आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कराया था। जिसके बाद गजनेर और कोलायत थाना क्षेत्र के जमीन आबंटन से जुड़े मामलों की राज्य सरकार के आग्रह पर केन्द्र ने सीबीआई को जांच सौंपी है। सीबीआई को 20 अगस्त 2017 को सौंपे गए इस मामले में में कुल 18 एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें से 16 गजनेर पुलिस थाना और दो कोलायत पुलिस थाना क्षेत्र से जुड़ी है।