CBI Raid on Haryana's Ex CM Hudda

एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को गलत तरीके से जमीन आवंटित करने के मामले में मारा छापा

OmExpress News / अनूप कुमार सैनी / रोहतक / रोहतक में सीबीआई की टीम ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं गढ़ी-सांपला-किलोई हलके के विधायक भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के आवास पर शुक्रवार की अलसुबह सीबीआई की टीम ने छापा मारा। सीबीआई की टीम ने उनके शहर के डी-पार्क स्थित घर पर छापा मार जांच में जुट गई है। घर में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा व उनके सांसद पुत्र दीपेन्द्र सिंह हुड्डा भी मौजूद हैं। घर के अंदर न तो किसी जाने दिया जा रहा है और न ही किसी को बाहर निकलने दिया जा रहा है। Haryana Ex CM Hudda

बताया जा रहा है कि सीबीआई ने यह छापा साल 2005 में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को गलत तरीके से जमीन आवंटित करने के मामले में मारा है। इस बीच सूत्रों से पता चला है कि सीबीआई ने हुड्डा के खिलाफ एक नया मामला भी दर्ज किया है। बता दें कि सीबीआई ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और एजेएल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है।

यही नहीं, हाल ही में हरियाणा के राज्यपाल नारायण आर्य ने बहुचर्चित एजेएल मामले में सीबीआई को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ अभियोग चलाने की मंजूरी दी थी। पूर्व मुख्यमंत्री पर एजेएल को उसके अखबार नैशनल हेरल्ड के लिए पंचकूला में नियमों के खिलाफ जमीन अलॉट करने का आरोप है। मौजूदा बीजेपी सरकार ने साल 2016 में यह मामला सीबीआई के सुपुर्द कर दिया था।

सीबीआई के छापे की कार्रवाई की सूचना शहर मेें आग की तरह फैल गई। सूचना मिलते ही कांग्रेस के कार्यकर्त्ता उनके आवास पर पहुंचने शुरू हो गए। सीबीआई के छापे के विरोध में कांग्रेसी कार्यकर्त्ताओं ने भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और हंगामा किया।

भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के रोहतक आवास के अलावा सीबीआई द्वारा दिल्‍ली व एनसीआर में 30 अन्‍य ठिकानों पर भी एक साथ छापे मारे जा रहे हैं। कांग्रेसी कार्यकर्त्ताओं ने सीबीआई छापों को राजनीतिक विद्वेष की भावना की कार्यवाही करार दिया है। उनका कहना था कि जीन्द चुनावों में भाजपा प्रत्याशी की हार की झुंझलाहट में भाजपा सरकार ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है।  Haryana Ex CM Hudda

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हरियाणा विधानसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर एवं बेरी हल्के के विधायक डा. रघुवीर सिंह कादियान का कहना था कि सीबीआई की छापेमारी सिर्फ जीन्द उपचुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को प्रचार करने से रोकने के लिए यह सब ड्रामा रचा गया है। भाजपा किसी भी तरीके से जींद का उपचुनाव जीतना चाहती है।

बताया जाता है कि सीबीअाई ने भूमि घोटाला मामले में यह कार्रवाई की है। सीबीआई की एक टीम सुबह दो गाड़ियों में सवार होकर डी पार्क क्षेत्र में स्थित भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के घर पहुंची और दरवाजा खुलवा कर सीधे अंदर घुस गई। सीबीआई टीम ने पूरे परिसर को सील कर दिया। सीबीआई टीम के सदस्‍यों ने घर के अंदर न तो किसी को जाने दिया अौर न ही किसी को निकलने दिया। इससे पहले भी सीबीआई की टीम 5 बार भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मकान पर जांच कर चुकी है।

सूत्रों के अनुसार कथित भूमि घोटाले से जुड़े केस में सीबीआई दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 30 से ज़्यादा ठिकानों पर छापे मार रही है। बताया जाता है ये ठिकाने भूपेंद्र सिंह हुड्डा से जुड़े हुए हैं। सीबीआई के अधिकारी पूरे घर की तलाशी ले रहे हैं और घर में माैजूद लोगों से पूछताछ की जा रही है। घर के अंदर मौजूद पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से भी पूछताछ किए जाने की सूचना है। सीबीआई ने पूरे मकान को अपने घेरे में ले रखा है।

सीबीआई ने ताले खुलवाने के लिए दो कारीगर बुलाए, करीब 10 अलमारियों को खुलवाया

इसी बीच हुड्डा के अंदर कोई ताला खुलवाने के लिए एक कारीगर को ले जाया जा रहा है। हुड्डा के मकान में सीबीआइ ने ताले न खुलने पर कारीगर को बुलाया। वहां ताला खोलने वाले दो कारीगरों को बुलाया। कारीगर कुलदीप और दारा सिंह को मकान के अंदर ले जाया गया। दोनों ने मकान से बाहर अाने के बाद बताया कि सीबीआई टीम ने उनसे करीब 10 अलमारियों के ताले खुलवाए।

छापे की जानकारी मिलने के बाद रोहतक पहुंचे कई विधायक

बेरी से विधायक डा. रघुवीर सिंह का कादियान, पलवल के विधायक करण सिंह दलाल सहित कई वरिष्‍ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के घर के बाहर पहुंचे हैं। काफी संख्‍या में शहर के लोग हुड्डा के घर के बाहर मौजूद हैं और सीबाआई की कार्रवाई के बारे में पता लगाने की काेशिश कर रहे हैं।

कांग्रेस कार्यकर्त्ताओं का प्रदर्शन

भूपेंद्र सिंह हुड्डा के घर पर सीबीआई द्वारा छापे मिलने के बाद काफी संख्‍या में कांग्रेस और हुड्डा समर्थक जमा हो गए। उन्‍होंने घर के बाहर नारेबाजी करनी शुरू कर दी। वहां पहुंचे कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्त्ताओं का कहना था कि यह कार्रवाई भाजपा सरकार के इशारे पर राजनीति बदले के लिए की गई है। कार्यकर्त्ताओं ने भाजपा सरकार विरोधी नारेबाजी की और इस कार्रवाई को साजिश बताया।

सीबीआई ने इससे पहले 2016 में गुड़गांव के भूमि सौदों पर जस्टिस एसएन ढींगरा आयोग द्वारा रिपोर्ट सौंपने के दो दिन बाद हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के घर पर सीबीआई ने छापा मारा था। सीबीआई ने यह छापेमारी मानेसर के जमीन घोटाले और पंचकूला भूमि आबंटन मामले में मारा गया था। सीबीआइ ने हुड्डा के घर समेत करीब 24 ठिकानों पर छापेमारी की थी। उस समय सीबीआई ने हुड्डा के घर से कई दस्तावेज बरामद किए थे। बताया जाता है कि इनमेंके बैंक ट्रांजेक्शन के डॉक्यूमेंट भी शामिल थे। इनके अलावा सीबीआई ने जमीन से जुड़े भी कई दस्तावेज बरामद किए थे।

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बताया जा रहा है कि छापा हुड्डा सरकार के समय तीन गांवों की करीब 400 एकड़ जमीन अधिग्रहण के बाद बिल्डरों को बेचने का मामले में मारा गया था। सितंबर 2015 में इस मामले में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में अधिग्रहण की प्रक्रिया चली थी। इस संबंध में पहले गुड़गांव पुलिस ने मामला दर्ज किया था। बाद में राज्य सरकार ने इसे सीबीआई को सौंप दिया था। Haryana Ex CM Hudda

बीजेपी ने सत्ता में आने से पहले हुड्डा के शासनकाल को मुद्दा बनाया था और सत्ता हासिल करते ही विभिन्न मामलों की जांच करवाई। इनमें एजेएल का मामला भी था। मामले पर बीजेपी सरकार ने विजिलेंस विभाग को मई 2016 को जांच सौंपी थी। मामला हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) की शिकायत पर दर्ज हुआ था। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री इसलिए निशाने पर आए क्योंकि मुख्यमंत्री प्राधिकरण के पदेन अध्यक्ष होते हैं।

ऐसे किया गया जमीन आवंटन में ‘खेल’

आरोप है कि पूर्व मुख्यमंत्री ने 28 अगस्त 2005 को पद का दुरुपयोग करते हुए एजेएल को पंचकूला में जमीन का आवंटन बहाल किया। यह जमीन एजेएल को 30 अगस्त 1982 में आवंटित की गई थी। शर्त यह थी कि कंपनी छह महीने में जमीन पर कंस्ट्रक्‍शन करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो 30 अक्टूबर 1992 को पंचकूला के संपदा अधिकारी ने जमीन रिज्यूम कर ली। साथ ही 10 फीसदी राशि में कटौती कर बाकि राशि 10 नवंबर 1995 को लौटा दी गई। इसका एजेएल ने विरोध किया और राजस्व विभाग के पास अपील की। यहां भी एजेएल को राहत नहीं मिली।

सीबीआई छापा शुक्रवार सुबह शुरू हुआ

आरोप है कि एजेएल को साल 2005 में हुड्डा के मुख्यमंत्रित्वकाल में बड़ी राहत उस समय मिल गई जब हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के चेयरमैन होने के नाते तब के मुख्यमंत्री हुड्डा ने एजेएल को यह जमीन दोबारा से अलॉट करवाने का रास्ता तैयार कर दिया। बताया जाता है कि तब हुड्डा के तत्कालीन मुख्य प्रशासक ने तर्क दिया था कि पुरानी कीमत पर जमीन को आवंटित करना संभव नहीं है। बावजूद 28 अगस्त 2005 को पंचकूला की जमीन 1982 की दर पर ही एजेएल को अलॉट हो गई।