बीकानेर । कार्तिक के चातुर्मास सपन्न होने के साथ ही सोमवार को देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह का कार्यक्रम आयोजित हुए। मान्यता अनुसार सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु चार माह के शयन के पश्चात् आज ही के दिन जागते है जिसे पूरे भारत में देव उठनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन भगवान विष्णु सालिगराम रूप में तुलसी से विवाह करते है। आज ही भीष्म पंचक भी प्रारंभ हुआ जो कार्तिक पूर्णिमा पर समाप्त होगा। घरों में महिलाओं ने सांयकाल में तुलसी की पूजा की और लाल चुनरी ओढ़ाई, दीपक कर पूजा अर्चना की। चार माह के चातुर्मास में साधु संतों व सन्यासियों ने एक स्थान पर रहकर पूजा पाठ किये एवं अपने अपने आराध्य देवों का नाम लिया। चातुर्मास विहार पूर्ण होने के बाद संन्यासी अब आगे के गुरू के दिये दिशा निर्देशों की पालना करेंगे। विद्वानों ने महाकविकालीदास को उनकी जयन्ती पर एवं अनुयायियों ने अपने आराध्य देव संत नामदेव, एकनाथ रनाडे का स्मरण किया। हल्की हल्की सर्द हवाओं का मौसम, बैंड बाजे की मधुर स्वर लहरियों, डीजे साउंड सिस्टम पर झूमते नाचते बाराती, घोडी रथ पर बैठे दूल्हे राजा, विवाह पंडाल में सज्जी धज्जी दुल्हनियां, बरातियों का स्वागत, तोरण वंदन के बाद वर माला का आयोजन, खूबसूरत से सज्जे विवाह पंडाल, रोशनी से नहाए विवाह स्थल पर सात फेरो के बाद विदाई समारोह ऐसा खूबसूरत नजारा देवउठनी एकादशी पर शहर में हुवे विवाह समारोह में दिखाई दिया। वही सुथार, माली ओर सेन समाज का सामुहिक विवाह का आयोजन किया।

सुथार समाज का सातवां विवाह समारोह मुरलीधर व्यास नगर , माली समाज का गोपेश्वर नगर ओर सेन समाज का शिव वेली गंगाशहर में आयोजित कार्यक्रम में राजनीति समाजिक उधोगपति, पत्रकार, सहित अनेक लोगों ने नवदम्पति जोड़ो को आशीर्वाद दिया।सुथार समाज सामुहिक विवाह प्रणेता कन्हैया बरड़वा ने बताया इस अवसर पर मुख्यातिथि भंवर कुलरिया, पूनम कुलरिया, दानवीर भामाशाह सिलवा नोखा वरिष्ठ अतिथि रामदेव माकड़ शिवबाड़ी थे। विशेष अतिथि के रूप में वरिष्ठ नेता देवी सिंह भाटी, कोलायत विधायक और कोग्रेस प्रत्याशी भंवर सिंह भाटी ने पहुंचकर वर वधू को आशीर्वाद दिया। आयोजन में तुलसी शालिग्राम के अलावा 15 जोड़ो का विवाह भव्य आयोजन किया गया। कार्यकारणी पदाधिकारी अध्यक्ष हनुमान प्रसाद डोयल, मंत्री शिवप्रकाश डोयल, कोषाध्यक्ष छगनलाल छड़ीया,की टीम के अथक प्रयास से सामुहिक विवाह का सफ़ल आयोजन किया गया।  मेढ़ स्रवणकार समाज का रानीबाजार स्थिति भवन में  शहर में हुए सामूहिक विवाह समारोह में शादी के जोड़ों को गठबन्धन में जोडऩे से पूर्व सालिगराम तुलसी विवाह का कार्य सपन्न किया गया।

देवउठनी एकादशी पर महिलाओं एवं पुरूषों ने सुबह ब्रह्ममुर्हूत में उठकर स्नान आदि से निवृत होकर भगवान सूर्य को अध्र्य देकर व्रत का संकल्प लिया वहीं भगवान विष्णु के बेल पत्र, समी पत्र और तुलसी चढ़ाई। सपूर्ण दिन भूखे रह कर पूजा पश्चात व्रत खोला। मान्यता के अनुसार देव उठनी के दिन ना सोने की किवदन्ति का अनुशरण करते हुए धर्म प्रेमी लोगों ने रात भर जागकर भजन कीर्तन किये और भगवान विष्णु का स्मरण किया। शादी समारोह की रही धूम चार माह बाद सावों पर विराम हटने के साथ ही सोमवार को देवउठनी एकादशी पर शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शहनाईयों की गूंज सुनाई देने लगी। सामूहिक विवाह के आयोजन भी विभिन्न समाज में हुए। विश्वकर्मा सुथार समाज, सैन समाज, मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज सहित अन्य समाज में भी शादी विवाह की धूम रही। इसके चलते बाजार में भारी भीड़ रही, मुय मार्ग बारातों से अटे रहे और आवागमन बाधित हुआ, वाहनों की लबी कतारें लग गई। सावे का असर सोमवार को छुट्टी के दिन का अहसास दिला रहे थे।
छारगढ़ में हुए मंगल कार्य सपन्न छारगढ़ (आरएल आचार्य)। देवउठनी एकादशी पर इलाके भर में अनेक मंगल कार्य सपन्न हुए, रोजड़ी धाम संकटमोचन हनुमान मंदिर व गणेश धाम एवं मुरली मनोहर मंदिर में मंत्रोच्चारण के साथ सालिगराम व तुलसी का विवाह सपन्न हुआ। अनेक शुभ कार्य भी मुहूर्त के साथ शुरू हुए।(PB)