‘स्ट्रीट टू स्कूल’ अभियान से जुड़े चिकित्सक, बच्चियों को स्कूल भेजने का उठाया बीड़ा
‘स्ट्रीट टू स्कूल’ अभियान से जुड़े चिकित्सक, बच्चियों को स्कूल भेजने का उठाया बीड़ा
‘स्ट्रीट टू स्कूल’ अभियान से जुड़े चिकित्सक, बच्चियों को स्कूल भेजने का उठाया बीड़ा

रंग लाए जिला कलक्टर के प्रयास, अभिभावकों के चेहरे पर झलकी खुशी
बीकानेर। झुग्गी-झौंपडियों में रहने वाली चालीस बच्चियों के लिए रविवार का दिन बेहद विशेष था। इन बच्चियों और इनके गरीब अभिभावकों ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ये बच्चियां स्कूल की यूनीफॉर्म पहनकर और कंधों पर स्कूल बैग टांगकर स्कूल जा पाएंगी। इन बच्चियों की पहली, दूसरी या तीसरी तक की नहीं बल्कि कम से कम बारहवीं तक की पढ़ाई संभव हो पाएगी। यदि इनका स्वास्थ्य प्रतिकूल होता है तो इलाज भी निःशुल्क हो पाएगा। जब रविवार को यह सपना, साकार होने लगा तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इन अभिभावकों को भी अब विश्वास होने लगा कि ये छोटी-छोटी बच्चियां भी पढ़-लिखकर डॉक्टर, इंजीनियर या कलक्टर बन पाएंगी।
ऐसा ही कुछ दृश्य देखने को मिला रविवार को वेटरनरी विश्वविद्यालय के ऑडिटॉरियम में, जहां जिला कलक्टर आरती डोगरा की पहल पर प्रारम्भ हुए ‘स्ट्रीट टू स्कूल’ अभियान के तहत ‘डॉक्टर्स फॉर डाटर्स’ कार्यक्रम का आगाज़ हुआ। अभियान के तहत चिन्हित बच्चियां, जिन्हें कुछ ही दिन पूर्व स्कूल भिजवाया गया था, उन बच्चियों को शहर के चालीस निजी चिकित्सकों ने पढ़ाई और देखरेख के दृष्टिकोण से ‘गोद’ लिया। अब इन बच्चियों की पढ़ाई और इससे संबंधित संपूर्ण व्यय इन चिकित्सकों द्वारा वहन किया जाएगा। पूरे राज्य में नवाचार के रूप में प्रारम्भ हुए इस कार्यक्रम के दौरान इन चालीस बच्चियों को चालीस चिकित्सकों ने स्कूल बैग, यूनीफॉर्म और अन्य स्टेशनरी सामग्री प्रदान कर एडॉप्ट किया तो जिला कलक्टर ने स्वयं गुलाब का फूल देकर इनका आभार जताया।
प्रधानमंत्राी का स्वप्न, बीकानेर में उतरा धरातल पर
इस अवसर पर सांसद अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि प्रधानमंत्राी नरेन्द्र मोदी ने ‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ का जो नारा दिया, उसे बीकानेर के जिला प्रशासन ने सही मायने में धरातल पर उतारा है। उन्होंने कहा कि जिला कलक्टर की पहल पर शुरू हुए इस कार्यक्रम के दूरगामी परिणाम सामने आएंगे। इस अभियान ने चालीस बच्चियों का बचपन लौटाया है। इन्हें गली से उठाकर स्कूल तक पहुंचाया है तथा स्वास्थ्य की दृष्टि से जोड़कर बेहद अनुकरणीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि ‘नर सेवा नारायण सेवा’ की भावना से शुरू किए गए इस कार्यक्रम से दूसरों को प्रेरणा मिलेगी।
किसी का जीवन संवारना है पुनीत कार्य
महापौर नारायण चौपड़ा ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में किसी एक व्यक्ति का जीवन संवार दे तो यह बेहद पुनीत कार्य होता है। लाभ प्राप्त करने वाला इस उपकार को कभी नहीं भूलता। उन्होंने कहा कि बच्चियों को शिक्षार्जन के साथ उन्हें संस्कार वान बनाने के प्रयास करने चाहिए। बीकानेर पश्चिम विधायक डॉ गोपाल कृष्ण जोशी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने अपने बजट में प्रत्येक पांच किलोमीटर के दायरे में सीनियर सैकण्डरी स्कूल खोलने की घोषणा की है, जब यह घोषणा साकार हो जाएगी और गांव-गांव में स्कूल खुल जाएंगे तो शिक्षा का स्तर सुधरेगा। उन्होंने शत-प्रतिशत सरकारी स्कूलों में शौचालय बनाने के लिए भी भामाशाहों को पहल करने की बात कही।
बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना आवश्यक
बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्रा की विधायक सिद्धि कुमारी ने कहा कि बालिका शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देना बेहद आवश्यक है। भावी पीढ़ी को पढ़ा-लिखाकर योग्य बनाना आज की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ‘डॉक्टर्स फॉर डाटर्स’ बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने की एक पहल है, जो भविष्य में बेहद लाभदायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि इन बच्चियों के अभिभावक भी डॉक्टर्स का सहयोग करें तथा इन्हें पढ़ाने के सपने को साकार करने में भागीदार बनें।
हर परिवार उठाए एक बेटी को पढ़ाने का जिम्मा
इस अवसर पर जिला कलक्टर ने कहा कि यदि हर परिवार एक बेटी को पढ़ाने का जिम्मा उठा ले तो ‘बेटी पढ़ाओ’ का नारा, वास्तव में साकार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘डॉक्टर्स फॉर डाटर्स’ अभियान में पहल करने वाले चालीस चिकित्सक, बच्चियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। प्रशासन द्वारा वर्तमान में चालीस बच्चियों के साथ इस अभियान की शुरूआत की गई है लेकिन जल्दी ही इस संख्या को बढ़ाकर एक सौ एक तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि सरकार एवं प्रशासन द्वारा हर वर्ष ‘ड्रॉप आउट’ बच्चों को पुनः स्कूल भेजने के प्रयास किए जाते हैं लेकिन इस बार बाल अधिकारिता विभाग एवं उरमूल की चाइल्ड लाइन के संयुक्त तत्वावधान् में ठोस कार्रवाई की गई।
एक-एक बच्चे पर दिया जा रहा है ध्यान
डोगरा ने कहा कि प्राथमिक सर्वेक्षण तथा इसके बाद चिन्ह्ति बच्चों को नियमित स्कूल आने के लिए प्रेरित करना बेहद मुश्किल था। इसे ध्यान रखते हुए बाल अधिकारिता विभाग के अधिकारी नियमित रूप से एक-एक बच्चे के घर गए। बाल संरक्षण इकाई के सदस्यों ने एक-एक अभिभावक को समझाया कि बच्चों को पढ़ाना क्यों जरूरी है। जिन स्कूलों में इन बच्चों को दाखिला दिया गया, उन स्कूलों में इनका अलग रजिस्टर संधारित किया गया तथा जिस दिन कोई बच्चा स्कूल नहीं आता तो उसके घर पहुंचकर इसका कारण मालूम किया जाता।
आभारी हूं, चिकित्सकों ने उठाया बीड़ा
इस दौरान जिला कलक्टर ने कहा कि अभियान की रूपरेखा निर्धारण के दौरान गत दिनों चिकित्सकों की बैठक बुलाई गई तथा चिकित्सकों को इस अभियान के बारे में बताया गया। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की बेहद खुशी हुई कि चिकित्सकों ने इस पुनीत कार्य में सहयोग का बीड़ा उठाया। उन्होंने बताया कि शिक्षा के साथ-साथ इनकी चिकित्सकीय देखभाल का जिम्मा भी इन चिकित्सकों ने उठाया है। इन बच्चियों को एक कार्ड जारी किया जाएगा। इस कार्ड के माध्यम से चिन्ह्ति निजी नर्सिंग होम में इनका निःशुल्क इलाज होगा तथा जो उपचार इन सेंटर्स पर संभव नहीं होगा, वह उपचार पीबीएम अस्पताल में भी निःशुल्क करवाया जाएगा।
निःशक्त बच्ची के लिए मंच से उतरे अतिथि
समारोह के दौरान जब अतिथियों को पता चला कि रावतों का मोहल्ला की रहने वाली बालिका यशस्वती पांव से विकलांग है और वह मंच पर नहीं चढ़ सकती, तो जिला कलक्टर आरती डोगरा एवं ‘एडोप्टर’ चिकित्सक डॉ अशोक ओझा सहित विभिन्न अतिथिगण मंच से नीचे आए और बच्ची को स्कूल ड्रेस व बैग आदि प्रदान किए। यह दृश्य भावनाओं को छूने वाला था, पूरा सभागार कौतूहल और सम्मान के साथ तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। जब तक बच्ची को बैग व यूनीफॉर्म दी गई, सभागार में बैठे सभी लोगों ने बच्ची की हौसला अफजाई के लिए अपनी सीट से खड़े रहे। कार्यक्रम के दौरान ‘एडॉप्टर’ चिकित्सक भावुक हो गए। बच्चियों को शिक्षण सामग्री देने मंच पर पहुंचे डॉक्टरों ने बच्चियों से उनका नाम, पता और स्कूल की जानकारी ली तो कईं डॉक्टर खुद को रोक नहीं पाए। वे बच्चियों को गोदी में उठाकर मंच से नीचे ले गए।
फंटास्टिक, मारबलस, अद्भूत, अनूठा, चमत्कारिक, अनोखा, एंटिक
पूरे कार्यक्रम की विशेषताएं तो बहुत रही, जैसे सांसद से लेकर महापौर, विधायक तथा अन्य उपस्थित लोग, अपने संबोधन में जिला कलक्टर से कह रहे थे कि हमें भी इस नेक और फंटास्टिक कार्यक्रम से सीधे तौर पर जोड़ें। सांसद देश की संसद से इन बच्चियों को कुछ दिलाने और भविष्य संवारने की बात कर रहे थे तो नगर के प्रथम नागरिक महापौर ने इस कार्यक्रम को मारब्लस एवं अद्भुत करार देते हुए पूरे राष्ट्र व राज्य में अनूठा बताया। विधायक डॉ गोपाल जोशी ने कहा कि जिला कलक्टर ने एक चमत्कारिक व अनोखा काम किया है, बालिका शिक्षा के साथ गरीबी उन्मूलन में मील का पत्थर साबित होगा, यह कार्यक्रम। विधायक सिद्धि कुमारी ने कहा कि यह एक एंटिक कार्यक्रम है या यह यूं कहें कि एक ख्याली विचार को अमली जामा पहनाया है यहां कि मिरेकल कलक्टर ने, तो भी कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
इस अवसर पर उपखण्ड अधिकारी नमित मेहता, प्रशिक्षु आईएएस आलोक रंजन, सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आर ए बम, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ देवेन्द्र चौधरी, डॉ अनिल वर्मा, समाज कल्याण विभाग की सहायक निदेशक कविता स्वामी, पीसीपीएनडीटी के जिला समन्वयक महेन्द्र सिंह चारण, डॉ के सी नायक, डॉ प्रभा भार्गव, पार्षद आदर्श शर्मा, जालम सिंह भाटी, महावीर रांका सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि, अधिकारी, चिकित्सक तथा बच्चियों के अभिभावक मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन रविन्द्र हर्ष ने किया।