नापासर। देश में जहाँ एक तरफ लोग अपनी बेटियों की शादी में लाखों-करोड़ो रूपये खर्च कर करके गरीब लड़कियों के परिवार वालों के सामने तमाम मुश्किल खड़े कर रहें हैं वहीँ दूसरी ओर  बीकानेर डूंगर महाविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ने अपनी शादी के दिन अनूठी पहल करते हुए दहेज लेने से मना कर दिया।

दूल्हा-दुल्हन दोनों ही पीएचडी कर रखी है। इस पहल के बाद शादी में आए मेहमानों ने दोनों को आर्शीवाद दिया। दूल्हे का कहना कि दहेज जैसी कुरीतियों के कारण कई घर बर्बाद हो गए। इसे समाज में जड़ से उखाड़ फेंकना है। बिना दहेज के शादी कर दूल्हा-दुल्हन ने सामाजिक बुराई को त्यागने का संदेश दिया है। दूल्हा व दुल्हन का मानना था कि दहेज जैसी कुरीति में फंस कर आज भी सैकंड़ों परिवार बर्बाद हो रहे हैं। जबकि शादी तो सात फेरों का पवित्र बंधन है। जिसमें लेन-देन की शर्त रखना बेमानी है।

साथ ही लड़कियों की भू्रण हत्या का मुख्य कारण भी दहेज को माना गया है। दरअसल “पांच लाख लड़कियां हर साल माँ के पेट में मार दी जाती हैं सिर्फ दहेज़ की वजह से। जानकारी के अनुसार नापासर थाना क्षेत्र में रहने वाले डूंगर कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष डॉ. भागीरथ मूंड जो वर्तमान में भाजपा युवा मोर्चा देहात के जिलाध्यक्ष हैं। मूंड की शादी रानीबाजार स्थित चौपड़ा कटला में रहने वाली लड़की डॉ. उर्वशी के साथ हुई है। शादी के सात फेरों के बाद डॉ. मूंड ने दहेज के नाम पर कुछ भी सामान लेने के लिए दुल्हन पक्ष को साफ तौर पर इंकार कर दिया। इसके बाद वे बिना दहेज लिए दुल्हन को लेकर विदा हो गए। इधर, जब शादी में आए मेहमानों को पता चला तो उन्होंने भी दूल्हा-दुल्हन को आर्शीवाद देकर नई पहल की सराहना की।