पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का निधन, पूरे देश में शोक की लहर
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का निधन, पूरे देश में शोक की लहर
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का निधन, पूरे देश में शोक की लहर

शिलॉन्ग । पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का 84 वर्ष की अवस्था में सोमवार को निधन हो गया। कलाम आईआईएम शिलॉन्ग में भाषण दे रहे थे। इसी वक्त उनकी तबीयत बिगड़ गई। कलाम को अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनका निधन हो गया। कलाम के निधन का समाचार पाकर पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई।

पूर्व राष्ट्रपति सोमवार शाम करीब 6:30 बजे आईआईएम में एक व्याख्यान के दौरान गिर गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। राष्ट्रपति बनने से पहले कलाम को दुनिया भर में मिसाइल मैन के रूप में जाना जाता था। 25 जुलाई कलाम 2002 में भारत के राष्ट्रपति बने। 11वें राष्ट्रपति के रूप में उनका कार्यकाल 2007 तक रहा। भारत की मिसाइल तकनीक को विकसित करने में कलाम का अहम योगदान माना जाता है। कलाम चार दशक तक डीआरडीओ में वैज्ञानिक थे।

कलाम वर्ष 1962 में इसरो से जुड़े। कलाम ने स्वदेशी गाइडेड मिसाइल डिजायन की। उन्होंने अग्नि, पृथ्वी मिसाइल को स्वदेशी तकनीक से बनाया। 1997 में उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया।

भारत के पोखरण परमाणु परीक्षण में कलाम का प्रमुख योगदान था। पूर्व राष्ट्रपति बच्चों में काफी लोकप्रिय थे। कलाम कहा करते थे कि सपने सच करने के लिए सपना देखना जरूरी होता है। 2007 में राष्ट्रपति भवन से विदा होने के बाद वह सार्वजनिक जीवन में लगातार सक्रिय रहे। आए दिन वह देश के बड़े शिक्षा प्रतिष्ठानों में व्याख्यान देने के लिए जाया करते थे।

कलाम के निधन से देश को अपूरणीय क्षति हुई है। पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर सरकार 7 दिनों के शोक की घोषणा कर सकती है। कलान के निधन पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपनी शोक संवेदना प्रकट की है।