बीकानेर। देश की आजादी के आंदोलन में शामिल रहे वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी हीरालाल शर्मा का अंतिम संस्कार शनिवार को गोगागेट स्थित दाधिच समाज के मोक्षधाम में राजकीय संम्मान के साथ किया गया। इस मौके पर दिवंगत स्वतंत्रता सेनानी के सम्मान में पुलिस के सशस्त्र जवानों ने उन्हे 21 तोपों की सलामी दी। अंतिम यात्रा से पहले उनके पवनपुरी स्थित आवास में अंतिम दर्शनों के लिये रखी गई तिरंगे में लिपटी पार्थिव देह को श्रंद्धाजिल देने के लिये कृतज्ञजनों की भीड़ उमड़ी।

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राज्य सरकार की ओर से जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम और पुलिस अधीक्षक प्रदीप मोहन शर्मा ने भी उनकी पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धाजंलि दी। जिला प्रमुख श्रीमति सुशीला सींवर समेत अनेक गणमान्यजनों एवं जनप्रनिनिधियों ने उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। पवनपुरी से रवाना हुई उनकी अंतिम यात्रा मोक्षधाम पहुंची जहां पुलिस गार्ड द्वारा उन्हें अंतिम सलामी दी गई।

इसके बाद वहां मौजूद सैकड़ों लोगों ने नम आंखों से भावभीनी विदाई दी। जानकारी में रहे वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी हीरालाल शर्मा को दो दिन पहले सीने में दर्द की तकलीफ होने के कारण पीबीएम की कॉर्डियोलॉजी हास्पीटल में भर्ती कराया गया था, जहां शुक्रवार की देर रात उनका निधन हो गया। इस दुखद खबर से जिलेभर में शोक की लहर छा गई।

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शनिवार को निकाली गई स्वतंत्रता सेनानी की अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लागे शामिल हुए। राजकीय सम्मान से उनकी अत्येंष्टी के समय डॉ. तनवीर मालावत, नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष मकसूद अहमद, श्रीमती सुनीता गौड़, एडवोकेट विनोद शर्मा, पार्षद आदर्श शर्मा, बीकानेर स्वतंत्रता सेनानी आश्रित संघ के अध्यक्ष शांतिलाल शर्मा, जानकी नारायण श्रीमाली, एडवोकेट जगदीश शर्मा, मगनसिंह राजवी, डॉ. निर्मल कुमार सोनी सोनी, सोमचंद सिंघवी, जिया उर रहमान आरिफ, जमनलाल गजरा, मोहनलाल जाजड़ा, मदन शर्मा, पारासर नारायण शर्मा तथा सुरेश गुप्ता, भगवती प्रसाद गौड़ सहित चिकित्सक, वकील तथा मीडिया के प्रतिनिधि समेत बड़ी तादाद में गणमान्य लोग शामिल थे।
स्वतंत्रता सेनानी की पार्थिव देह को उनके बड़े पुत्र डॉ. ओमप्रकाश शर्मा और उनके पड़पोते यशवर्द्धन दाधीच ने मुखाग्नी दी। शर्मा के तीन पुत्र एवं तीन पुत्रियों सहित भरा-पूरा परिवार है।