24 jan2018Lord-mahaveera-Bhikshu
ओम एक्सप्रेस न्यूज बीकानेर। मर्यादा, आज्ञा में रहने से ही हमारा अपना, समाज का, धर्मसंघ का विकास होता है। मुनिश्री शान्तिकुमार ने 154वे मर्यादा महोत्सव के पावन पर्व के उपलक्ष्य में कहीं। मुनिश्री शान्तिकुमार ने फरमाया आचार्य भिक्षु द्वारा मर्यादा काक निर्माण हुआ और इसी के आधार पर यह मर्यादा का महोत्सव आयोजित होता है।
मुनिश्री विमलविहारी ने फरमाया कि तेरापंथ धर्मसंघ की नीवें मर्यादा, अनुशासन, आज्ञा, सेवा जैसी मजबूत आधारशिला पर रखी गई है। यहां एक गुरू, एक आज्ञा ही सबके लिए प्राणधार है। मुनिश्री ने फरमाया कि मर्यादा में रहने वाला व्यक्ति अपना विकास करता है। शासनश्री मुनिश्री मुनिव्रत जी व मुनिश्री गिरिश कुमार ने मर्यादा महोत्सव के सम्पूर्ण इतिहास पर प्रकाश डाला और बताया की मर्यादा की क्यो आवश्यकता हुई। मुनिश्री श्रेयांश कुमार ने मर्यादा महोत्सव के पावन अवसर पर सुमधुर गीतिकाओं का संगान किया। तेरापंथ सभा के कोषाध्यक्ष भैरूदान सेठिया ने अपने वक्तव्य में कहा कि मर्यादा महोत्सव की तीन चीजें होती है।

पहला मर्यादाओं का होना दूसरा एक गुरू की आज्ञा शिरोधार्य और तीसरा मर्यादाओं का निरन्तर अन्तराल से नवीनीकरण व श्रमरण होना। अणुव्रत समिति गंगाशहर के अध्यक्ष डॉ. सुभाष घीया ने बताया कि किस आचार्य द्वारा कितने मर्यादा महोत्सव मनाये गये इसकी पूरी विस्तार पूर्वक जानकारी दी।

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तेरापंथ युवक परिषद्, गंगाशहर के अध्यक्ष आसकरण बोथरा ने अपने वक्तव्य में धर्मसंघ में सेवा का महत्व पर प्रकाश डाला। अभातेयुप के सदस्य व आचार्य तुलसी शान्ति प्रतिष्ठान के ट्रस्टी मनीष बाफना ने अपने वक्तव्य में मर्यादा महोत्सव का महत्व बताया व इसको मनाने के कारण बताये। त्रिदिवसीय कार्यक्रम के पावन अवसर पर महिला मण्डल, कन्या मण्डल, इन्द्रचन्द नाहटा, कन्हैयालाल बोथरा, विमलादेवी बुच्चा, चैनरूप छाजेड़, इन्द्रचन्द छाजेड़, चैन्नई से समागत महेन्द्र सिंघी, धर्मचन्द सामसुखा ने गीतिकाओं के माध्यम से अपने भाव व्यक्त किये।

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कार्यक्रम का कुशल संचालन मुनि विनीत कुमार, मनोज सेठिया, श्रीमती प्रेम बोथरा ने किया। समारोह में तेरापंथी सभा के मंत्री अमरचन्द सोनी, तेरापंथ महिला मण्डल, तेरापंथ युवक परिषद्, किशोर मण्डल, कन्यामण्डल, अणुव्रत समिति, तेरापंथ प्रोफेशनल के पदाधिकारी व अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।