रोटरी क्लब का राज्य स्तरीय राजस्थानी भाषा पुरस्कार समारोह का समापन

29oct rotatri
ओम एक्सप्रेस न्यूज बीकानेर। राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति, श्री गोपालकृष्ण व्यास ने कहा कि राजस्थानी भाषा में संवाद प्रवाह की अनूठी विशेषता है तथा उस भाषा के साहित्य के सृजन, संरक्षण संवर्धन में साहित्य सेवियों का योगदान महत्वपूर्ण है। श्री व्यास रविवार को यहां रोटरी भवन में रोटरी क्लब, बीकानेर के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय राजस्थानी भाषा पुरस्कार के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने एवं अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया। रोटे. राजेश चूरा ने ईश प्रार्थना एवं विजय हर्ष ने चुतुर्दिक कसौटी का स्मरण कराया। श्री व्यास ने अपने बालपन में नानी से सुने गये ”नान्या थारौ पालणौ ढळयो सामी साळ आवत जावत नानोसा थानै झोटा देता जाय’ का सस्वर सुनाते हुए कहा कि राजस्थानी के लोकगीतों को आज विकृत रूप में प्रस्तुत करने का चलन चिंताजनक है। उन्होंने मरुबाई, तालरिया मगरिया, केसरिया बालम आदि गीतों की चर्चा करते हुए बताया कि अल्लाह जिलाई बाई जिन्होंने देश व्यापी बनाया, उसी प्रकार के समर्पण की आज जरुरत है।

उन्होंने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों एवं जिलों में मांड, घूमर, गणगौर एवं अन्य गीतों के विविध रूपों का सामूहिक आयोजन संकलन एवं संग्रह करने तथा उनके शाब्दिक साम्यता को प्रयास करने पर बल दिया। श्री व्यास ने स्मृतिशेष भरत व्यास के साथ राजस्थानी भाषा के अनेकों विद्वानों का नामोच्चारण करते हुए उन्हें और उनके सृजन को श्रद्धापूर्वक नमन किया तथा कहा कि रोटरी क्लब बीकानेर इस भाषा में समारोह के माध्यम से साहित्य सेवियों का सम्मान करना अनुकरणीय है। समारोह के अध्यक्ष एवं रोटरी क्लब के डिस्ट्रीक्ट गवर्नर श्री राजकुमार भूतोडिय़ा ने दुनिया के 208 देशों में रोटरी क्लब एवं इसके सदस्य प्रतिबद्धता से शिक्षा, स्वास्थ्य आदि सेवाओं में सक्रिय हैं। उसी कड़ी में बीकानेर के इस क्लब द्वारा राजस्थानी भाषा में सम्मान की परम्परा बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने आह्वान किया कि क्लब के सदस्य ”खूब कामाओ-खूब लगाओ तथा राजस्थानी भाषा का मान बढ़ाओ। समारोह में डॉ. गिरिजाशंकर शर्मा, बीकानेर को 51 हजार रुपये का ”कला डूंगर कल्याणी’ राजस्थानी शिखर पुरस्कार, श्री पवन पहाडिय़ा, डेह (नागौर) को 21 हजार रुपये का ”खींव राज मुन्नीलाल सोनी  राजस्थानी गद्य पुरस्कार एवं श्री रवि पुरोहित (श्रीडूंगरगढ़) को 11 हजार रुपये का ”बृज उर्मी अग्रवाल राजस्थानी पद्य पुरस्कार प्रदान किया गया।

अतिथियों ने उन्हें सम्मान राशि, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किये। अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम संयोजक श्री अरुण प्रकाश गुप्ता ने कहा कि भाषा केवल संवाद का वाहक नहीं बल्कि व्यक्तित्व को निखारने एवं मुखर करने का माध्यम है। उन्होंने पुरस्कार की पृष्ठ भूमि एवं प्रक्रिया दोहराते हुए कहा कि इसकी प्रेरणा साहित्य सेवियों के सुजन से ली गई है। उन्होंने राजस्थानी भाषा में विद्यार्थियों के लिए प्रारंभ की गई। वाद विवाद प्रतियोगिता के महत्व की चर्चा करते हुए कहा कि इस वर्ष प्रस्तुत बच्चों की अभिव्यक्ति से यह विश्वास बना है कि आनेवाली पीढ़ी हम से भी ज्यादातर बुद्धिमान होगी। समारोह में श्री विजय कुमार हर्ष ने मुख्य अतिथि का श्री मनीष तापडिय़ा ने अध्यक्ष का श्री मनमोहन कल्याणी ने डॉ. गिरिजा शंकर शर्मा का, श्री दिनेश आचार्य ने पवन पहाडिय़ा का एवं सुनील गुप्ता ने श्री रवि पुरोहित का परिचय कराया। डॉ. गिरिजा शंकर शर्मा ने सम्मान के लिए सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर डॉ. अज़ीज़ अहमद सुलेमानी ने भी अपने विचार-व्यक्त किये। क्लब के अध्यक्ष श्री किशन मूंधड़ा ने सभी अतिथियों के प्रति आभार ज्ञापित किया।