बीकानेर। दस डिग्री तापमान में कंपकंपाती ठंड के बीच जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने गुरूवार अलसुबह शहर में 5 किलोमीटर पैदल चलकर देखी साफ-सफाई व्यवस्था, वहीं शहर में ड्रेनेज सिस्टम, सड़कों की स्थिति का भी धरातल स्तर पर जायजा लिया।
शहर की गलियों में घूमकर व्यवस्थाओं का जायजा लेते जिला कलक्टर को एक बार तो लोगों ने पहचाना ही नहीं पर जैसे ही लोगों को जिला कलक्टर के भ्रमण का पता चला वे उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत करवाने लगे। जिला कलक्टर ने विभिन्न स्थानों पर सार्वजनिक जल व्यवस्था में व्यर्थ बह रहा पानी देखा, तो ओवरलोडेड वाहन से भी रूबरू हुए। कहीं, सफाईकर्मी अलाव जलाकर तापते दिखे। इन सबके बीच में सर्दी में घर से बाहर स्कूल ड्रेस में खड़े बच्चों से स्कूल लगने का समय जाना तो वहीं शहर के अंदरूनी भाग में सरकारी भूमि पर चल रही अवैध डेयरी को भी हटाने के लिए डेयरी संचालक से की समझाईश।


जिला कलक्टर का ध्यान पानी की कुण्डी में तैर रहे मच्छरों पर भी था तो वे निरीक्षण के दौरान प्रतिबन्धित पॉलीथीन का उपयोग न करने की समझाईश करते भी नजर आए। जिला कलक्टर का यह औचक निरीक्षण सुबह 6:45 कोटगेट से प्रारंभ हुआ जो 9 बजे तक मुख्य डाकघर पहुंच कर थमा। इस दौरान आयुक्त नगर निगम प्रदीप के गवांडे भी साथ थे।


जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम गुरूवार सुबह कोटगेट क्षेत्र से साफ-सफाई का निरीक्षण करते हुए दाउजी मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने देखा कि जगह-जगह गंदगी का ढेर लगा है और कई स्थानों पर जमा प्लास्टिक में आग लगी हुई है। उन्होंने तुरंत रूककर सफाईकर्मी को बुलाया और आग लगाए जाने का कारण पूछा। सफाईकर्मी जिला कलक्टर के सवाल का कोई जवाब नहीं दे सका, दूर से गुजर रहे एक अन्य सफाईकर्मी की ओर ईशारा किया। इस पर आयुक्त नगर निगम ने सम्बंधित कर्मचारी को आवाज लगाकर पूरे मामले की जानकारी लेनी चाही। कुछ देर तो सफाईकर्मी माजरा ही नहीं समझ पाए।

पता चलने पर दोनों ने ही कचरे के ढेर में आग लगाने के लिए आस-पास के लोगों को जिम्मेदार ठहराना शुरू कर दिया। इस पर जिला कलक्टर ने आसपास खडे़ लोगों को इस तरह की कार्यवाही नहीं करने की समझाइश की तथा सफाईकर्मियों को भी इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए पाबंद किया।


तेज सर्दी में पैदल चलते-चलते जिला कलक्टर को मोहल्ला चूनगरान के पास ही एक पतली गली में बिल्कुल टूटी-फूटी सड़क दिखाई दी। आस-पास के लोगों से उन्होंने इसकी जानकारी ली तो पता चला कि पिछले चार महीने से इस गली की सड़क ऐसी ही टूटी हुई है। थोड़ा और चलने पर कुछ बंद मकानों की चारदीवारी में भी कचरा भरा दिखाई दिया। सफाईकर्मी ने बताया कि इन मकानों में कचरा आस-पास के लोग ही डालते हैं। बिनाणी चौक में जिला कलक्टर ने देखा कि सार्वजनिक जल व्यवस्था से व्यर्थ पानी बह रहा है और इससे सड़क पर भी कीचड़ हो रहा है। उन्होंने आयुक्त नगर निगम को निर्देश दिए कि जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी अभियंताओं से बात कर शहर में सभी सार्वजनिक जल व्यवस्था की टोंटी आदि को ठीक करने का अभियान चलाकर शीघ्र ही सभी जगह नल ठीक किए जाए,ं तथा जहां जरूरत हो वहां बदली जाए। जिला कलक्टर ने शहर में खाली पड़े प्लॉटों में कचरा फैला दिखने पर नगर निगम आयुक्त को इन प्लॉटों के मकान मालिकों को चारदीवारी निर्माण के लिए करें पाबंद करने के निर्देश दिए।
साफ-सफाई देखने का यह क्रम शहर के ऐतिहासिक दम्माणी चौक में पहुंचा, जहां ऐतिहासिक छतरी के पाटे को देखकर निहारा। लेकिन दूसरी तरफ कलक्टर को बड़ी संख्या में आवारा पशु भी खड़े दिखे। पास ही बनी पानी की कुंडी में मच्छर और गंदगी को देखकर कुमारपाल हतप्रभ रह गए। जिला कलक्टर निरीक्षण कर ही रहे थे कि आस-पास के निवासियों ने जिला कलक्टर को पहचान लिया और चौक में पशुओं की समस्या के बारे में बताने लगे। गौतम ने कहा कि आवारा पशुओं की समस्या का निदान शीघ्र ही किया जाएगा। साथ ही मौहेल्ले के निवासी यह तय कर बता दें कि पानी की कुण्डी बनी है और पास में जो टूटी-फूटी चौकी है इसका क्या उपयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि सर्वसम्मति से अगर वाचनालय बनाने का प्रस्ताव लाया जाए तो प्रशासन इस पर विचार कर यहां एक अच्छे वाचनालय का निर्माण करवा सकता है, जिससे यहां पानी में इकट्ठे होने वाले मच्छरों से भी निजात मिल सकेगी।


बच्चियों से बात कर जाना स्कूल का समय

निरीक्षण के दौरान जिला कलक्टर ने शहर की अंदरूनी गलियों में कुछ छोटे बच्चे-बच्चियों को स्कूल गणवेश में देखा। उन्होंने बच्चों से बातचीत करते हुए स्कूल का नाम जाना और स्कूल खुलने का समय पूछा। जस्सोलाई में घर के बाहर स्थित सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर डेयरी का संचालन कर रहे युवक को बुलाकर जिला कलक्टर ने अतिक्रमण हटाने की समझाईश की। उन्होंने कहा कि यदि डेयरी नहीं हटाई गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सड़क तोड़ने के पैसे होंगे वसूल

जिला कलक्टर जस्सोलाई से आगे गोपीनाथ भवन की तरफ बढे़ जहां उन्हें सड़क का एक बड़ा हिस्सा टूटा हुआ दिखाई दिया। मकान में बैठे व्यक्ति को आयुक्त नगर निगम ने बुलाकर पूछा कि यह सड़क किसने तोड़ी है। मकान मालिक ने बताया कि सीवरेज कनेक्शन के लिए सड़क उसके द्वारा तोड़ी गयी है। जिला कलक्टर ने आयुक्त को निर्देश दिए कि जितनी सड़क इन्होंने तोड़ी है उसे ठीक करवाने में जितना पैसा नियमानुसार होता है वह वसूल किया जाए अथवा मालिक उन्हीं मानदण्डों में टूटी हुई सड़क को ठीक कर दे जिस तरह से निगम, न्यास अथवा सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा ठीक की जाती है। अगर गुणवत्तापूर्वक सड़क का पेचवर्क नहीं होता है तो सड़क ठीक करवाने के पैसे वसूल कर निगम द्वारा सड़क को ठीक करवाया जाए तथा मकान मालिक के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करवायी जाए।


पॉलिथीन की थैली को डाला कचरा पात्र में
निरीक्षण के दौरान जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम ने बीके स्कूल तिराहे पर देखा कि पास ही में संचालित नमकीन की दुकान के मालिक ने एक बड़ी थैली में सब्जी का बचा हुआ कचरा व दुकान का अपशिष्ट एक बड़ी सी प्लास्टिक की थैली में भरकर सड़क पर फंेक दिया। गौतम ने थैली को उठाया और कचरा पात्र तलाशा। इस बीच इस सारी कार्रवाई को दुकान मालिक तथा आस-पास खड़े लोगों ने देख लिया। इस दौरान एक व्यक्ति ने बताया कि कचरे से भरी प्लास्टिक की थैली को उठाकर कचरा पात्र तक ले जाने वाला व्यक्ति कोई और नहीं जिला कलक्टर है। इतना सुनते ही दुकानदार अपनी दुकान से भाग कर दूर खड़ा हो गया। जिला कलक्टर ने जब तक कचरा पात्र में थैली को डाला तब तक आस-पास खड़े लोगों ने दुकानदार को कलक्टर के समक्ष पेश कर दिया। गौतम ने नसीहत दी कि भविष्य में इस तरह से प्लास्टिक की थैली में कचरा डालकर सड़क पर नहीं फेेंक और कचरा पात्र का इस्तेमाल करें।
ओवरलोड वाहनों से हुए रूबरू
कोटगेट के पास से पैदल चलकर साफ-सफाई करने के निरीक्षण का यह सिलसिला जब सैटेलाइट अस्पताल तक पहुंचा तो वहां पर जिला कलक्टर को चारे से भरे ओवरलोड वाहन व उंट गाड़े दिखे। दो-तीन बार तो जिला कलक्टर व आयुक्त नगर निगम का सड़क पर चलना दुश्वार हो रहा था। जिला कलक्टर ने सड़क के किनारे किसान धर्मकांटा के संचालक से जाकर बात की और समझाईश करते हुए कहा कि वाहनों को बेतरतीब सड़क पर खड़ा न होने दें। अगर सड़क पर इस तरह यातायात बाधित रहा तो संचालक के विरूद्ध कार्रवाई अमल में लायी जाएगी। जिला कलक्टर ने वहां खडे़ उंट गाड़ों के मालिक से चारे के भाव भी जाने।


यह किसी की भी बीट नहीं है
साफ-सफाई देखते-देखते जब जिला कलक्टर सैटेलाइट अस्पताल के पास मुख्य सड़क से गुजर रहे थे तो देखा कि पास में कुछ सफाईकर्मी खड़े बतिया रहे हैं तो उन्होंने पूछा साफ-सफाई नहीं कर रहे हो। इसी दौरान उनकी नजर मुख्य सड़क से जुड़ी एक गली में जमे कचरे पर गई, इस पर जिला कलक्टर ने पूछा कि यहां इतनी गंदगी है इधर साफ-सफाई कौन करता है? मौके पर खड़े सफाईकर्मियों ने बहुत ही सहजता से कहा कि यह गली किसी की भी बीट नहीं है।
सफाईकर्मी ताप रहे थे अलाव
५ किलोमीटर तक के इस सफाई निरीक्षण के दौरान जिला कलक्टर को करीब ७ स्थानों पर तो सफाईकर्मी एक-साथ बैठे अलाव तापते दिखायी दिए। सभी स्थानों पर जिला कलक्टर और आयुक्त नगर निगम द्वारा जब कहा गया कि सफाई न करके अलाव क्यों ताप रहे हो। कुछ सफाईकर्मी जो जिला कलक्टर को नहीं पहचान पाए वे तो संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए और जब समझ में आया कि जिला कलक्टर और आयुक्त निरीक्षण पर है तो बिना कोई जवाब दिए झाडू उठाकर सफाई में जुट गए।
नगर निगम भंडार का निरीक्षण किया
जिला कलक्टर ने चौखंूटी ओवरब्रिज के नीचे स्थित नगर निगम भंडार का निरीक्षण किया। भंडार में जमा कबाड़ पर नाराजगी जताते हुए जिला कलक्टर ने आयुक्त को इकठ्ठा कबाड़ का निस्तारण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कबाड़ को समय पर निस्तारित किया जाए ताकि राजस्व प्राप्त हो सके।(PB)