UK Parliament Debate on Farm Stirs

OmExpress News / New Delhi / दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को लेकर ब्रिटेन की संसद में हुई चर्चा पर केंद्र सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। सरकार ने विरोध दर्ज करवाते हुए कहा है कि यह दूसरे देश के मामलों में हस्तक्षेप है। साथ ही, मामले में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने ब्रिटेन के उच्चायुक्त को तलब भी किया। (India Condemns UK Parliament Debate)

Shree Bhanwar Maharaj

विदेश सचिव ने इसे वोट बैंक की राजनीति दिया करार

विदेश मंत्रालय ने जानकारी देते हुए कहा, ”विदेश सचिव ने ब्रिटेन के उच्चायुक्त को तलब किया और ब्रिटेन की संसद में भारत के कृषि सुधारों पर अवांछित, पक्षपातपूर्ण चर्चा पर कड़ा विरोध दर्ज कराया। विदेश सचिव ने ब्रिटेन के उच्चायुक्त से कहा कि ब्रिटिश संसद में भारत के कृषि सुधारों के बारे में चर्चा दूसरे लोकतांत्रिक देश की राजनीति में हस्तक्षेप है।” विदेश सचिव ने इसे वोट बैंक की राजनीति करार दिया।

बता दें कि ब्रिटिश संसद में किसान आंदोलन को लेकर 90 मिनट तक चर्चा की गई थी। हालांकि, इस चर्चा के दौरान कंजवेर्टिव पार्टी की सांसद ने साफ किया था कि यह भारत का आंतरिक मामला है। इस वजह से अन्य किसी भी देश की संसद में इस विषय पर बातचीत नहीं की जा सकती है।

एक तरफा चर्चा में झूठे दावे

इससे पहले, लंदन में भारतीय उच्चायोग ने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने के अधिकार और प्रेस की स्वतंत्रता के मुद्दे को लेकर कुछ ब्रिटिश सांसदों के बीच हुई चर्चा की निंदा की थी। उच्चायोग ने सोमवार शाम ब्रिटेन के संसद परिसर में हुई चर्चा की निंदा करते हुए कहा कि इस एक तरफा चर्चा में झूठे दावे किए गए हैं।

Natural Oil Bikaner

उच्चायोग ने एक बयान में कहा था कि बेहद अफसोस है कि एक संतुलित बहस के बजाय बिना किसी ठोस आधार के झूठे दावे किए गए। इसने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में से एक और उसके संस्थानों पर सवाल खड़े किए हैं। यह चर्चा एक लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर वाली ई-याचिका पर की गई। भारतीय उच्चायोग ने इस चर्चा पर अपनी नाराजगी जाहिर की है।