बीकानेर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा मंगलवार को कोलायत पंचायत समिति सभागार में जल शक्ति अभियान के तहत किसान मेला आयोजित हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी उत्सव कौशल थे। उन्होंने कहा कि मरूस्थलीय क्षेत्र के लोग बूंद-बंूद पानी की कीमत समझते हैं। जल संरक्षण के लिए यह परम्परागत स्त्रोत हैं तथा इनका अनवरत उपयोग होता रहा है। उन्होंने कहा कि आमजन को पानी का मोल समझाने और इसे संरक्षित करने के प्रति जागरुकता के उद्देश्य से केन्द्र सरकार द्वारा जल शक्ति अभियान चलाया जा रहा है। इसकी मॉनिटरिंग के लिए अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया जल संकट को लेकर चिंतित है। अगर हम समय रहते सावचेत नहीं हुए, तो भविष्य में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

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विशिष्ट अतिथि कोलायत पंचायत समिति प्रधान जयवीर सिंह भाटी ने कहा कि जल संरक्षण के मामले में कोलायत क्षेत्र के वरिष्ठ किसान, वैज्ञानिकों से कम नहीं हैं। पानी का समुचित उपयोग इनसे सीखा जा सकता है, लेकिन युवा पीढ़ी इससे विमुख हो रही है। यह चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि सतत दोहन से भूजल स्तर गिरता जा रहा है। हमें पानी का उपभोग पूरी सावधानी से करना होगा, जिससे कि आने वाली पीढिय़ों के लिए पर्याप्त पानी बचाया जा सके।


मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए डॉ. प्रकाश सिंह शेखावत ने किसानों को कम पानी की फसलें लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि किसानों को ऐसी तकनीकें अपनानी होंगी, जिनमें जल बचत हो। उन्होंने समय पर निराई-बुबाई करने, खरपतवार नष्ट करने, फलदार पौधे लगाने तथा प्लास्टिंग मल्चिंग पद्धति का उपयोग करने की सलाह दी। इस अवसर पर डॉ. ए. आर. नकवी, डॉ. बीडीएस नाथावत तथा प्रगतिशील किसान मूलाराम ने भी विचार रखे।

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इससे पहले अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर मेले की शुरूआत की। कृषि विज्ञान केन्द्र प्रभारी डॉ. दुर्गा सिंह ने जल शक्ति अभियान तथा मेले के उद्देश्य के बारे में बताया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुशील कुमार ने किया। इस दौरान प्रो. रामधन जाट, प्रो. जे. पी. लखेरा, डॉ. बी. एस. मिठारवाल, डॉ. उपेन्द्र मील, कैलाश शर्मा आदि मौजूद रहे। इस अवसर पर खेती पर आधारित चित्र प्रदर्शनी लगाई गई।

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