श्री जवाहर विद्यापीठ भीनासर का हीरक जयंती महोत्सव सम्पन्न

बीकानेर श्री जवाहर विद्यापीठ भीनासर के हीरक जयंती महोत्सव के दूसरे दिन रविवार को टी.एम.ऑडिटोरियम में टी.टी.ग्रुप के संयोजक रिखबचंद जैन ने कहा कि जैनाचार्यों में तुलनात्मक देखें तो साहित्य सृजन में श्री जवाहरलाल जी म.सा. का अद्भुत साहित्य है। उनके साहित्य आज भी विशिष्ट स्थान रखते हैं। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में उन्होंने कहा कि जीवन को स्वर्गमय, अहिंसामय बनाया जाना चाहिए।

हर काम में हिंसा करना पाप है। अहिंसा से चलें और रास्ते में हिंसा आए तो दोष नहीं लगेगा। उन्होंने कहा कि जवाहरलाल जी म.सा. के क्रांतिकारी विचार थे। राष्ट्र धर्म बड़ा होता है लेकिन मानव धर्म सबसे बड़ा होता है। समता जन कल्याण प्रंयास बैंगलोर के संयोजक रिधकरण सिपानी ने कहा कि हम जीवों की सेवा करते हैं इसके साथ-साथ मानव सेवा भी करनी चाहिए। धर्म के अलावा सेवा करनी ही चाहिए। विशिष्ट अतिथि अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी जैन संघ के पूर्व अध्यक्ष शांतिलाल साण्ड बैंगलोर ने कहा कि सही दिशा के लिए जीवन के गुणों को ग्रहण करना पड़ेगा। जनसेवा, गरीबों की सेवा, मानव की सेवा दिल, दिमाग में लगाकर करें।

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समाज को शिक्षा के क्षेत्र में और आगे बढ़ाने की बात भी उन्होंने कही। मुख्य वक्ता गौतम पारख, राजनांदगांव ने कहा कि जवाहरलाल जी म.सा. का जीवन एक तरह से वज्रघात सहन करने जैसा रहा। गौर करने वाली बात यह है कि उन्होंने अपने संयम को सुरक्षित रखते हुए जीवन जीया। ऐसे संत विरले ही होते हैं जिन्होंने हमेशा नई राह लोगों को दी। प्रो. सुमेरचंद जैन ने त्याग, सेवा, संघ समर्पण की भावना जगाने की बात कही। मंच पर उपस्थित वक्ताओं श्री अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी जैन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयचंदलाल डागा, साधुमार्गी जैन संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, संस्था के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं ट्रस्टी कन्हैयालाल बोथरा, संस्था के महामंत्री व ट्रस्टी सुमति लाल बांठिया, कोषाध्यक्ष शिखरचंद सुराणा ने भी विचार रखे।

इस मौके पर संस्था भवन के नवीनीकरण एवं नवनिर्माण में सर्वाधिक 11 लाख रुपए की राशि प्रदान करने वाले दानवीर रिखबचंद जैन शॉल भेंटकर, प्रशस्ति पत्र देकर स्वागत, अभिनंदन किया गया। इससे पहले समता बहु मण्डल बीकानेर की सदस्याओं द्वारा मंगलाचरण किया गया। सभी का आभार संस्था के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं ट्रस्टी कन्हैयालाल बोथरा ने जताया। कार्यक्रम का संचालन हेमंत सिंगी ने किया।

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