पुस्तक "जिन कदमों ने रचे रास्ते" तथा "आओ जाजम जमावां" का विमोचन  

बीकानेर । शब्दरंग साहित्य एवं कला संस्थान के तत्वावधान में पुरानी जेल रोड स्थित श्री ब्राह्यण स्वर्णकार पंचायती भवन में कवि कथाकार मनोज कुमार शर्मा के  काव्य संग्रह ”आओ जाजम जमावां” तथा कवि कथाकार राजाराम स्वर्णकार की कृति ”जिन कदमों ने रचे रास्ते” का लोकार्पण किया गया । कार्यक्रम में पुस्तकों के रचियता मनोज कुमार शर्मा तथा राजाराम स्वर्णकार ने अपनी रचनाएं भी सुनाई ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हिन्दी जगत के सुप्रसिद्ध कवि कथाकार करौली के जिला कलक्टर  मनोज कुमार शर्मा ने कहा कि ”जिन कदमों ने रचे रास्ते” में रचियता ने अपने अपने क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाली विभूतियों का निष्पक्ष मूल्यांकन किया गया है जो कि एक चुनौतिपूर्ण सृजन है । मुख्य वक्ता भवानी शंकर व्यास विनोद ने कहा कि ”आओ जाजम जमावां” में राजस्थानी भाषा में जीवन से जुडी 55 कविताएं है जो नये तेवर और मुहावरों के साथ लोकरंगों से सरोबार है । विनोद ने कहा कि पुस्तक ”जिन कदमों ने रचे रास्ते” में नगर की 31 विभूतियों पर केन्द्रित साहित्यिक रचनाएं है जिनमें प्रमाणिक संस्मरण, घटनाएं, रेखाचित्र, जीवनी के तत्वों का अनूठा समावेष है । कार्यक्रम के अध्यक्ष जयपुर के समाजसेवी सीताराम मथुरिया ने लोकार्पित कृतियों के रचनाकारों के साहित्यिक अवदान की सराहना की । विषिष्ट अतिथि राजस्थान राज्य अभिलेखागार के निदेषक डा. महेन्द्र खडगावत ने कहा कि ”जिन कदमों ने रचे रास्ते” अपने समय का महत्वपूर्ण दस्तावेज है । उन्होने कहा कि राजस्थानी काव्य संग्रह ”आओ जाजम जमावां” के रचियता का अपनी धरती, संस्कृति, साहित्य के प्रति अगाध जुडाव गौरवषाली है । कार्यक्रम में सान्निध्य प्रदान करने वाली हिन्दी राजस्थानी की वरिष्ठ कथाकार डा. आनन्द कौर व्यास ने कहा कि जिन कदमों ने रचे रास्ते पुस्तक अतीत, वर्तमान और भविष्य की शानदार संदर्भ पुस्तक है ।

कार्यकम में व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा, डाक अधीक्षक सुगन सिंह शेखावत, राजस्थान षिक्षा सेवा परिषद, जयपुर (रेसला) के प्रदेशाध्यक्ष राधेश्याम शर्मा, पीबीएम अस्पताल के पूर्व अधीक्षक डा. सीताराम गोठवाल, सार्थक मंच के अशोक सिंह ने भी अपने विचार रखे । शब्दरंग साहित्य एवं कला संस्थान के संयोजक अषफाक कादरी ने कवि कथाकार मनोज कुमार शर्मा एवं राजाराम स्वर्णकार का परिचय दिया । कार्यक्रम में कवि राजाराम स्वर्णकार के सम्मान में वरिष्ठ हास्य व्यंग्य कवि गौरीशंकर मधुकर, कवियित्री श्रीमती प्रमिला गंगल की काव्य रचनाएं सुनाई । कार्यक्रम में सखा संगम तथा कवि चौपाल द्वारा स्वर्णकार को सम्मानित किया ।

कार्यक्रम का आगाज कु. मीनाक्षी स्वर्णकार ने शंख ध्वनि से किया । श्री संगीत भारती के डा. मुरारी शर्मा के निर्देषन में मोनिका प्रजापत, जयश्री, सम्पत ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की । शुभाषीष तरफदार ने तबले पर संगत की ।

कार्यक्रम में  मुंबई के फिल्मकार मंजूर अली चंदवानी, वरिष्ठ चित्रकार मुरली मनोहर के. माथुर, वरिष्ठ रंगकर्मी बी. एल. नवीन, कवि सरदार अली पडिहार, शिक्षाविद बी. डी. जोशी, आकाशवाणी के वरिष्ठ उदघोषक यशपाल सिंह राठौड, सहायक डाक अधीक्षक सीताराम खत्री, पंचायत भवन के अध्यक्ष प्रेम रतन सोनी, श्री ब्राह्यण स्वर्णकार पेन्शनर्स सोसायटी के अध्यक्ष जुगराज सोनी, नगर आर्य समाज के मंत्री महेश आर्य, चित्रकार श्रीमती सुलोचना गोठवाल, चन्द्रशेखर जोशी, भगवानदास पडिहार, डा. अजय जोशी, पन्नालाल प्रेमी, नेमचन्द गहलोत, किशननाथ, श्यामसुन्दर हटीला, कासिम बीकानेरी, पत्रकार हरीष बी. शर्मा, श्री गोपाल स्वर्णकार, विष्णुदत्त स्वर्णकार, रामेष्वर बाडमेरा साधक, भगवती प्रसाद सोनाी, षिवकुमार सोनी, हनुमान कच्छावा, पवन गहलोत, ऋषि कुमार अग्रवाल, प्रभुदत्त सोनी, श्रीमती कलावती माथुर, श्रीमती झंवरा स्वर्णकार, अणचीदेवी ने अतिथियों का स्वागत सम्मान किया ।  कार्यक्रम का संयोजन युवा कवि कथाकार संजय आचार्य वरूण ने किया । कवि कथाकार राजेन्द्र जोशी ने धन्यवाद ज्ञापित किया ।