बीकानेर। पाक्षिक समाचार पत्र कोहिनूर (Kohinoor) की 52वीं वर्षगांठ पर रॉयल गार्डन में आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए साहित्यकार डॉ. राम बजाज ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जब कहीं आस-पास भी न था तब प्रिंट मीडिया का अपना एक अलग ही स्थान था। के.डी. हर्ष को मैने निर्भीक पत्रकार के रूप में देखा है।

आज तक बिना विलम्ब के यह पत्र अपने निर्धारित समय प्रकाशित होता रहा है। मुख्य अतिथि समाजसेवी नेमचन्द गहलोत ने कहा कि इस युग में अखबार निकालना बड़ा ही दुरूह कार्य है। कोहिनूर के 53वें वर्ष में प्रवेश पर शुभकामनाएं देता हूं। विशिष्ठ अतिथि एडवोकेट हीरालाल हर्ष ने कहा कि समय के उतार-चढ़ाव की परवाह किए बिना निष्पक्ष समाचार हेतु इस कोहिनूर की पहचान है। के.डी. हर्ष ने अपनी पूरी जिन्दगी इस अखबार को न्यौछावर कर पत्रकारिता जगत में अच्छा मुकाम प्राप्त किया।

विशिष्ठ अतिथि अरविन्द मिड्ढा ने कहा समय बदलता रहता है मैंने इस अखबार को सुर्खियों के साथ पाठकों को पढते देखा है। सखा संगम के अध्यक्ष एन.डी.रंगा, कथाकार राजाराम स्वर्णकार, साहित्यकार जुगल पुरोहित, पत्रकार शिव सोनी, पत्रकार ओम दैया, भंवरलाल बडगूजर, रामेश्वर बाडमेरा, कैलाश टॉक, तुलसीराम मोदी आदि वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। कोहिनूर के सम्पादक के.डी.हर्ष ने कहा कि मुझे व इस अखबार को वर्षों से बीकानेर की जनता का अपार स्नेह मिलता आ रहा है। जब भी मुश्किल घड़ी आई मेरे अखबार के सहयोगियों ने मुझे अपार स्नेह दिया। प्रकाशन के 53वें वर्ष में प्रवेश कर चुके नए अंक का लोकार्पण भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन युवा हास्य कवि बाबुलाल छंगाणी ने किया।