बीकानेर। पूर्व राष्टï्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिवस की पूर्व संध्या पर शिक्षक दिवस के रूप में विभिन्न आयोजनों के साथ मनाया गया। इस उपलक्ष्य में विभिन्न शैक्षणिक संगठनों व संस्थाओं द्वारा सरस्वती पुत्रों का सम्मान किया गया। साथ ही विद्यार्थियों ने प्रथम वंदनीय गुरुजनों का तिलक लगाकर व उपहार भेंट कर अभिनंदन किया। लायन्स क्लब मल्टीविजन शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर तृप्ति रेस्टारेंट में 12 शिक्षक पुत्रों का सम्मान किया। शिक्षकों को प्रतीक चिह्न, श्रीफल, सम्मान पत्र देकर उनका सम्मान किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता लॉयन सरोठ मरोठी, अध्यक्ष लॉयन्स क्लब मल्टीविजन ने करते हुए कहा कि शिक्षक उस दीपक की तरह है जो स्वंय जलकर दूसरों को प्रकाशमान करता है। आज शिक्षकों के सामने चुनौतियां बहुत है लेकिन उनका सामना करते हुए भी छात्रों के हितों को सर्वोपरि मानते हुए शत प्रतिशत परीक्षा परिणाम हेतु प्रयास करना होगा।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ. विमला ठुकवाल ने कहा कि आज शिक्षण के साथ साथ अन्य गतिविधियों मे भी शिक्षक की भूमिका बढ़ती जा रही है लेकिन उसके बावजूद भी शिक्षक को अपने मूलकर्तव्य को हमेशा ध्यान रखना होगा। शिक्षा ही मानव को सुरक्षा प्रदान करती है शिक्षा से ही मानव को उच्च पद की प्राप्ति होती है मानव को सुरक्षित रहने के लिए शिक्षा का ज्ञान अर्जित करना जरूरी है। प्रत्येक परिवार में एक सदस्य का शिक्षित होना जरूरी है तभी वह अपने पूरे परिवार को शिक्षित कर सकता है शिक्षा से ही मानव अन्याय एवं अत्याचार पर विजय प्राप्त कर सकता है ।

कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि डॉ. संगीता सक्सेना, प्रिंसिपल महिला पोलेटेक्निक कॉलेज ने कहा कि आज के दिन हम डॉ. राधाकृष्ण को याद कर उनके शिक्षा के संबंध में किये गये कार्यों को और आगे ले जाकर शत प्रतिशत परीक्षा परिणाम हासिल करना ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी । जोन चेयरपर्सन शशांक सक्सेना ने कहा कि मानव की सुरक्षा में शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है शिक्षित मानव राष्ट्र के विकास में विशेष सहयोग प्रदान करता है, शिक्षा ही मानव को आदर सत्कार करना सिखाती है। इससे पूर्व कार्यक्रम के प्रारंभ में मां सरस्वती के दीपक प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम का संचालन गणेश कलवानी ने किया।

यह रहे उपस्थित डॉ. मेघना शर्मा, डॉ. टी.जी. भटनागर, अरूण जैन, प्रमोद सक्सेना, नीरज भटनागर, सप्रेम जोशी, विजय शर्मा, उमाशंकर आचार्य, डॉ. पुष्पलता भटनागर, डॉ. अरूणा जांगिड़, रचना सोनी, विजय खडख़ोदिया, डा. मीना आसोपा।
इनका हुआ सम्मान श्रीमती विमला गहलोत, प्रो. नारायण सिंह राव, मंजरी जोशी, रामचंद्र माखन, पूजा शर्मा, मधु शर्मा, पदमा व्यास, राजेश श्रीवास्तव, डॉ. विभा पारीक, श्रीमती हरिया तंवर, जयकरण सिंह चारण, राधाकृष्ण भटनागर।(PB)