मुंबई हमले के गुनहगारों को सजा जरूर मिलनी चाहिए : ओबामा
मुंबई हमले के गुनहगारों को सजा जरूर मिलनी चाहिए : ओबामा
मुंबई हमले के गुनहगारों को सजा जरूर मिलनी चाहिए : ओबामा

नई दिल्ली ।  अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पाकिस्तान को दिये कड़े संदेश में कहा है कि उस देश में आतंकवाद की सुरक्षित पनाहगाह स्वीकार्य नहीं हैं और मुंबई आतंकवादी हमले में शामिल रहे लोगों को न्यायिक प्रक्रिया का सामना करना चाहिए। अपनी भारत यात्रा से पहले ओबामा ने कहा कि अमेरिका ऐसे भविष्य के लिए भारत के साथ काम करता रहेगा जो सभी को महती सुरक्षा, समृद्धि और सम्मान उपलब्ध कराता हो।

आतंकवादी संगठनों के खिलाफ लड़ाई में अपने देश के रख को कठोर बताते हुए उन्होंने कहा, ‘मैंने यह साफ कर दिया है कि भले ही अमेरिका आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए पाकिस्तान के साथ काम करता हो, लेकिन पाकिस्तान के अंदर सुरक्षित पनाहगाह स्वीकार्य नहीं हैं और मुंबई आतंकी हमले में शामिल रहे लोगों को न्यायिक प्रक्रिया का सामना करना चाहिए।’ ओबामा की ये टिप्पणी ऐसे समय में महत्वपूर्ण मानी जा रहीं हैं जब भारत ने पिछले कुछ दिनों से 26 नवंबर, 2008 के मुंबई हमले को अंजाम देने वालों को सजा दिलाने के लिए पाकिस्तान की गंभीरता को लेकर नये सिरे से सवाल खड़े किये हैं।

भारत की अपनी तीन दिनी यात्रा को लेकर आशान्वित ओबामा ने कहा कि उन्हें इस बात का गर्व है कि वह इस देश की दो बार यात्रा करने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति होंगे। उन्होंने भारत को ‘स्वाभाविक साझेदार’ की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि वह इस यात्रा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ काम करने के अवसर के तौर पर देखते हैं जिसमें ठोस प्रगति हो और इतिहास में हमारे देशों के बीच नये युग की शुरूआत हो।

अपनी पिछली भारत या़त्रा के अपने दृष्टिकोण को याद करते हुए उन्होंने कहा, ‘यह बात सही है कि हमेशा प्रगति उतनी तेज नहीं हुई जितनी हमने उम्मीद की थी, लेकिन हम अमेरिका-भारत के रिश्तों को हर क्षेत्र में गहन करने में सफल रहे हैं।’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि मोदी का निर्वाचन और दोनों देशों के संबंधों में नया अध्याय लिखने की उनकी प्रतिबद्धता दोनों देशों को साझेदारी में और उर्जा भरने का अवसर देती है।

उन्होंने कहा, ‘जाहिर है कि कई बार भारत और अमेरिका असहमत रहेंगे। लेकिन मुझे विश्वास है कि आपसी सम्मान की भावना में हम किसी मतभेद में भी काम कर सकते हैं।’’ ओबामा ने कहा, ‘‘हमें सुनिश्चित करना होगा कि हमारे करने और कहने में समानता हो।’ उन्होंने कहा कि दोनों देश व्यापार, निवेश और उच्च तकनीक में साझेदारियों के अवरोधकों को मिलकर कम कर सकते हैं। अमेरिकी कंपनियां ऐसे बुनियादी ढांचे के निर्माण में मदद के लिए तैयार हैं जो भारत के विकास की अगली लहर का उत्प्रेरक होगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने मोदी की विशेष रूप से तारीफ करते हुए कहा, ‘चाय बेचने वाले से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक उनकी असाधारण कहानी भारतीय लोगों के सफल होने के दृढ़संकल्प को झलकाती है।’ उन्होंने कहा कि मोदी की सोच उन बड़ी चीजों को लेकर साफ है जो वह भारत के लिए अर्जित करना चाहते हैं।(भाषा )