बीकानेर। हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत में ‘मेहंदी का’ महत्वपूर्ण मांगलिक स्थान है। विवाह और अन्य मांगलिका उत्सव पर मेंहदी को लेकर बालिकाओं-महिलाओं में एक अलग तरह का उत्साह देखते ही बनता है। पुष्करणा सावे की परंपरााओं में इस परम्परा का निवर्हन समाज आज भी कर रहा है। यह केन्द्रिय भाव आज दोपहर पुष्करणा विकास मंच द्वारा पांच दिवसीय साहित्यिक-सांस्कृतिक महोत्सव के तीसरे दिन नालंदा पब्लिक सी. सै स्कूल के सृजन सदन में आयोजित मेहंदी प्रतियोगिता के आयोजन में उभरकर सामने आई। मेंहदी प्रतियोगिता के इस महत्वपूर्ण आयोजन में निमिश लखनपाल, डॉ. सन्तोश व्यास एवं मीनाक्षी पुरोहित के आतिथ्य में सम्पन्न हुआ।


आयोजन की अध्यक्षता करते हुए जोधपुर डिस्कॉम के सहायक अभियंता निमिश लखनपाल ने कहा कि ऐसी प्रतियोगिताओं से महिला और बालिकाएं अपनी पंरपराओं से तो रूबरू होती ही है साथ ही वह प्रतियोगिता जीतने के लिए अच्छी से अच्छी मेंहदी का चिंत्राकन करने का प्रयास करती है। और ऐसे आयोजन उसकी इस प्रवृति को बल देता है। इसी क्रम में मीनाक्षी पुरोहित ने कहा कि मेंहदी हमारे जीवन से जुडी मांगलिक परम्परा है। साथ ही मेंहदी को लेकर सामजिक स्तर पर प्रतियोगिता का आयेाजन करवाना सुखद तो है ही साथ ही महत्वपूर्ण है।


मेंहदी प्रतियोगिता की निर्णायक रही श्रीमती अंजु राव, श्रीमती अनुपमा स्वामी एवं श्रीमती विजयलक्ष्मी गोयल तीनो निर्णायकों ने सर्वसम्मति से प्रतियोगिता में भाग ले रही प्रतिभागियों में से चयन कर सुश्री सुरेखा भादाणी को प्रथम, सुश्री दिव्या हर्ष को द्वितीय, एवं सुश्री मेघना व्यास को तृतीय स्थान के लिए विजेता घोषित किया वहीं सुश्री शालू ओझा एवं नंदिनी पुरोहित को प्रोत्साहन हेतु चयनित किया गया।(PB)