बीकानेर। मुक्ति संस्था बीकानेर के तत्वावधान में अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम के तहत शनिवार को प्रधानमंत्री महोदय के नाम जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट बीकानेर को ज्ञापन दिया गया।
ज्ञापन कार्यक्रम के संयोजक साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार ने बताया कि शनिवार को सैकड़ो की संख्या में राजस्थानी भाषा समर्थक जिला कलक्टर कार्यालय में  एकत्रित हुए । जिला कलक्टर कार्यालय से अटल सेवा केन्द्र तक राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए नारे लगाते हुए रैली के रूप में ज्ञापन सौंपा ।

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इस अवसर पर जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट कुमार पाल गौतम को लगभग एक हजार दो सौ से अधिक लोगों द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन लेने के बाद गौतम ने कहा कि वह पुरज़ोर अभिशंषा सहित प्रधानमंत्री महोदय को भिजवा दूँगा।
मुक्ति संस्था के सचिव कवि कथाकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि लगभग दो वर्ष पहले प्रारंभ की गयी राजस्थानी भाषा मान्यता संकल्प यात्रा के दौरान हजारों लोगों ने संकल्प लेते हुए केन्द्र सरकार से आग्रह किया कि वह तुरंत राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए संसद में प्रस्ताव पारित करें।
वरिष्ठ साहित्यकार बुलाकी शर्मा ने कहा कि आगे आने वाले लोकसभा चुनाव से पहले केन्द्र सरकार को राजस्थानी भाषा को मान्यता देनी चाहिए।

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केन्द्रीय साहित्य अकादमी नई दिल्ली में राजस्थानी भाषा परामर्श मंडल के संयोजक मधु आचार्य “आशावादी ” ने कहा कि भारतीय भाषाओँ के बराबर खड़ी  राजस्थानी बहुत ही समृद्ध भाषा है, राजस्थानी भाषा को केन्द्रीय साहित्य अकादमी ने बहुत पहले मान्यता दे रखी है। शिष्टमंडल में शामिल विनोद सारस्वत, एन डी रंगा एवं मईनूदीन कोहरी ने कहा कि राजस्थानी भाषा बोलने और लिखने वाले नागरिकों की संख्या सम्पूर्ण विश्व में मौजूद है।

शोधार्थी डॉ नमामी शंकर आचार्य, कवि चन्द्रशेखर जोशी एवं इसरार हसन कादरी ने कहा कि वर्तमान समय में युवा वर्ग में राजस्थानी भाषा के प्रति अनुराग बढता जा रहा है जिसके कारण यह मान्यता की हकदार है।
रैली में आम नागरिकों ने राजस्थानी भाषा की मान्यता के पक्ष में अनेकों नारे लगाकर सरकार से मान्यता की माँग की “कैयदौ आ डंके री चोट पैली भाषा पछै वोट”, सगळी भाषावां नै मानता, राजस्थानी नैं टाळौ  क्यूं । । म्हारी जबान पर ताळौ क्यूं ? जैसे अनेक नारों से बीकानेर व आस-पास के गांवों से युवा वर्ग बडी संख्या में पब्लिक पार्क पहुंचा व अपनी भाषा मान्यता के लिए नारे लगाकर सरकार से अनुरोध किया ।

शनिवार को हनुमान कच्छावा, अजय कंवर बारहठ, विजय कंवर, प्रशांत जैन, रंगा राजस्थानी, राजेश चौधरी, मुकेश रामावत, कैलाश जनागल, नागेश्वर जोशी, ऋषि कुमार अग्रवाल, मुकुन्द लाल व्यास, नरसिंह सोनी, भगवानाराम कुमावत, डॉ मोहम्मद फारूक , भंवर लाल बडगूजर, ओम दइया मोहनलाल कुमावत सहित  सैकड़ो की संख्या में राजस्थानी भाषा प्रेमियों में उत्साह देखा गया जो कि ज्ञापन देने के लिए सुबह से ही पहुँचने लगे ।