Mumbai Attacks Anniversary

OmExpress News / New Delhi / देश आज 26/11 आतंकी हमलों का शिकार हुए लोगों को याद कर रहा है। ठीक 12 साल पहले, आज के ही दिन पाकिस्‍तान से आए आतंकवादियों ने मुंबई में कई जगहों पर गोलियां बरसाईं थीं। इस आत्‍मघाती हमले में आतंक‍ियों ने ताज होटल को भी निशाना बनाया था। कई घंटों तक यहां आतंकवादियों ने होटल में ढूंढ-ढूंढकर निर्दोषों को मौत के घाट उतारा था। मुंबई हमलों की बरसी पर ताज होटल के पेरेंट ग्रुप टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने बेहद भावुक पोस्‍ट लिखी है। (Ratan Tata Pens Emotional Note)

Syntheis Digital Classes

इंस्‍टाग्राम पर लिखा ‘हमें याद है’

टाटा ने इंस्‍टाग्राम पर लिखा क‍ि ‘जिन लोगों ने दुश्‍मन पर जीत पाने में मदद की, हम उनके बलिदान को हमेशा याद रखेंगे।’ उन्‍होंने मुंबई स्पिरिट को भी सराहा और कहा कि हमारी एकता को हमें संभालकर रखने की जरूरत है। टाटा ने होटल ताज की एक तस्‍वीर शेयर करते हुए उसपर लिखा है ‘हमें याद है।’ इसके साथ अपने संदेश में वे लिखते हैं, “आज से 12 साल पहले जो विनाश हुआ, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकेगी।

लेकिन जो ज्‍यादा यादगार है, वो ये कि उस दिन आतंकवाद और विनाश को खत्‍म करने के लिए जिस तरह मुंबई के लोग सभी मतभेदों को भुलाकर एक साथ आए। हमने जिनको खोया, जिन्‍होंने दुश्‍मन पर जीत पाने के लिए कुर्बानियां दीं, आज हम जरूर उनका शोक मना सकते हैं। लेकिन हमें उस एकता, दयालुता के उन कृत्‍यों और संवदेनशीलता की भी सराहना करनी होगी जो हमें बरकरार रखनी चाहिए और उम्‍मीद है कि आने वालों में यह और बढ़ेगी ही।”

शहीदों को याद कर रहे लोग

रतन टाटा ने अपना संदेश ट्विटर पर भी पोस्‍ट किया है। नीचे कमेंट्स में लोग उस दिन आतंकियों से लोहा लेने वाले देश के बहादुर जवानों को याद कर रहे हैं। हमलों में जिंदा पकड़े गए इकलौते आतंकी अजमल कसाब को जिन कॉन्‍स्‍टेबल तुकाराम ओम्बले ने पकड़ा था, उन्‍हें लोग नमन कर रहे हैं। ओम्‍बले आतंकवादियों की गोली का शिकार हो गए थे। शहीदों में जॉइंट सीपी हेमंत करकरे, एसीपी अशोक कामटे, इंस्‍पेक्‍टर विजय सालस्‍कर, मेजर संदीप उन्‍नीकृष्‍णन समेत कई पुलिसकर्मी शामिल थे।

SP Sales Corporation Surat

समुद्र के रास्‍ते आए थे LeT के 10 आतंकवादी

26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी समुद्र के रास्ते यहां पहुंचे और गोलीबारी की जिसमें 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 166 लोग मारे गए थे तथा अनेक लोग घायल हुए थे। एनएसजी और अन्य सुरक्षाबलों ने नौ आतंकवादियों को ढेर कर दिया था तथा अजमल आमिर कसाब नाम के आतंकवादी को जिंदा पकड़ लिया गया था जिसे 21 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गई।