बीकानेर। प्रतिष्ठित वैज्ञानिक एवं ग्लोकल विश्वविद्यालय सहारनपुर के वाइस चांसलर डॉ. ओ के हर्ष का कहना है कि भारत में शिक्षा का आधार महज रोजगार पाना बनता जा रहा है जबकि ऑस्ट्रेलिया में 12वीं की मूलभूत शिक्षा के बाद ही तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर युवा खुद का कार्य करने लग जाते हैं।

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भारत में भी तकनीकी शिक्षा के माध्यम से रोजगार के अवसर पैदा करने की जरूरत है। डॉ. हर्ष होटल हीरालाल में मास मीडिया सेंटर और आजाद परिवार की ओर से उनके सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। पिछले दिनों आस्ट्रेलिया में स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू इंगलैंड की ओर से उन्हें विशिष्ट एलुम्नी अवार्ड प्रदान किए जाने के अवसर पर यह अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया था। आस्ट्रेलिया में 13 वर्ष तक पढ़ाने के बाद पांच देशों में अपनी सेवाएं देने वाले चार विश्वविद्यालयों में कुलपति रहे डॉ. हर्ष ने बताया कि भारत में 22वीं सदी के हिसाब से शिक्षा के स्तर को सुधारने की जरूरत है। भारत में मूल्यपरक शिक्षा को बढ़ावा दिया जा सकता है जिससे बेरोजगारी की समस्या को दूर किया जा सकता है।

हर्ष ने बताया कि आध्यात्म और विज्ञान का गहरा नाता है। धार्मिक तौर पर किए जाने वाले व्रत और उपवासों को विज्ञान भी प्रमाणित करता है। एक उदाहरण के तौर पर उन्होंने बताया कि कैसे एकादशी के व्रत का और पूर्णमासी या अमावस्या का मानव शरीर पर प्रभाव पड़ता है। डॉ. हर्ष ने बताया कि उनको डॉक्ट्रेट की उपाधि मिलना उनके जीवन के सबसे यादगार पलों में से एक था क्योंकि उसी समारोह में अटल बिहारी वाजपेयी को भी मुझसे पहले डॉक्टरेट की मानद उपाधि से नवाजा गया था। समारोह के दौरान आजाद परिवार के किशन कुमार आजाद ने कहा कि व्यक्ति का जमीन से जुड़ा होना गौरव की बात है कि बीकानेर समाज में ओके हर्ष जैसी प्रतिभाएं देश की प्रतिष्ठा को बढ़ाती है। मास मीडिया के संस्थापक श्याम शर्मा ने बताया कि डॉ. हर्ष ने अपनी सरलता, सादगी और विद्वता की त्रिवेणी के आधार पर अपने बहुआयामी व्यक्तित्व का निर्माण कर सश्क्त पहचान बनाई है।

अध्ययन, अध्यापन, और अनुसंधान के प्रति इनका समर्पण सभी के लिए प्रेरणादायी है। समारोह की अध्यक्षता जार बीकानेर के अध्यक्ष शिवचरण शर्मा ने की जबकि विशिष्ठ अतिथि के रूप में विष्णु गहलोत मौजूद थे। समारोह में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव राजकुमार किराडू, बीकानेर शहर जिला कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हीरालाल हर्ष, वरिष्ठ पत्रकार नीरज जोशी, दिलीप भाटी, ओम दईया, महेन्द्र सिंह शेखावत, विजेंद्र व्यास, शिव कुमार व्यास, शीला व्यास, विजय कुमार, नंदलाल शर्मा ने डॉ. हर्ष के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें बीकानेर का गौरव बताया। इसके अतिरिक्त डॉ. हर्ष के भाई, बहन व बहनोई ने भी उनसे जुड़े संस्मरण साझा किए। कार्यक्रम में वास्तुविद किशन गोपाल सारस्वत, होटल हीरालाल के निदेशक रोहित गहलोत सहित शहर के गणमान्य लोग मौजूद थे