OmExpress News / New Delhi / पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत की दो दिवसीय पश्चिम बंगाल यात्रा शनिवार को शुरू हो गई है। अपनी यात्रा के दौरान, वह राज्य के युवाओं से मिलेंगे। ये वह युवा होंगे जो स्पेस रिसर्च, नासा, मैक्रोबायोलॉजी, मेडिकल साइंस में बाहर से उपलब्धियां प्राप्त करके भारत लौटे हैं और मेक इन इंडिया या आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियान में अपना योगदान दे रहे हैं। (RSS Chief Mohan Bhagwat)

बता दें, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले गृह मंत्री भी 19 दिसंबर को दो दिनों के लिए राज्य के दौरे पर जाएंगे। भागवत की यह यात्रा गृह मंत्री अमित शाह के बंगाल दौरे से पहले है। इसलिए यह यात्रा बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

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नड्डा के काफिले पर हमला

गौरतलब है कि भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा भी कुछ दिन पहले अपने बंगाल दौरे पर थे, इस दौरान उनके काफिले पर हमला हुआ। नड्डा के काफिले में शामिल बीजेपी नेताओं, बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और पश्चिम बंगाल बीजेपी चीफ दिलीप घोष की कार पर हमला किया गया।

नड्डा के काफिले पर हमले के बाद अब अमित शाह जाएंगे पश्चिम बंगाल

हालांकि जे पी नड्डा ने इसपर कहा की उनकी गाड़ी बुलेटप्रूफ थी इसलिए उन्हें इस हमले से कोई चोट नहीं पहुंची। जिसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने घटना की निंदा की। हमले को देखते हुए अमित शाह के बंगाल शेड्यूल को तेजी से फाइनल किया गया। गृह मंत्री 19 और 20 दिसंबर को बंगाल में रहेंगे।

शाह ने गुरुवार को ट्वीट किया, ”आज बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी पर हुआ हमला बहुत ही निंदनीय है, उसकी जितनी भी निंदा की जाए वो कम है। केंद्र सरकार इस हमले को पूरी गंभीरता से ले रही है। बंगाल सरकार को इस प्रायोजित हिंसा के लिए प्रदेश की शांतिप्रिय जनता को जवाब देना होगा।”

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अगले ट्वीट में उन्होंने कहा, ”तृणमूल शासन में बंगाल अत्याचार, अराजकता और अंधकार के युग में जा चुका है। टीएमसी के राज में पश्चिम बंगाल के अंदर जिस तरह से राजनीतिक हिंसा को संस्थागत कर चरम सीमा पर पहुंच गया है, वो लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले सभी लोगों के लिए दु:खद भी है और चिंताजनक भी।”

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इसके बाद गृहमंत्रालय ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से राज्य की कानून-व्यवस्था और शांति बनाए रखने के लिए तृणमूल कांग्रेस सरकार की ओर से उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट मांगी है। गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से भी रिपोर्ट मांगी है। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने कह दिया है कि केंद्र को इसका हक नहीं है।