भंवरसिंह भाटी ने की अध्यक्षता, गुणवत्तापूर्ण व उद्देश्यपरक शिक्षा पर दिया जोर

जयपुर। राज्य परियोजना निदेशालय (रूसा) एवं उच्च शिक्षा विभाग द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रारूप पर चर्चा करने के लिए बुधवार को जयपुर में संगोष्ठी आयोजित की गई। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने गुणवत्तापूर्ण व उद्देश्य पूरक शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि पाठ्यक्रम एवं उद्देश्य में साम्यता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष प्रवेश प्रक्रिया समय पर पूर्ण कर शिक्षा सत्र को 1 जुलाई से प्रारम्भ करने का कार्य किया, जिससे पाठ्यक्रसमय पर पूर्ण करवाया जा सकेगा। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख किया और कहा कि राज्य सरकार द्वारा बजट में घोषित 35 राजकीय महाविद्यालय खुलने से राज्य के विद्यार्थियों को लाभ होगा।

इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का आभार जताया। उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए विद्यार्थियों हेतु नि:शुल्क कक्षाएं प्रारम्भ की गई हैं। साथ ही एएपी और आरएसीई जैसे नवाचार प्रारम्भ किए गए हैं। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में एक हजार पदों पर भर्ती की जाएगी।
शासन सचिव (उच्च शिक्षा) वैभव गालरिया ने बहुसंकाय वाले शिक्षण संस्थानों की आवश्यकता बताते हुए कहा कि हमारी शिक्षा ऐसी हो, जो विद्यार्थियों को रोजगार दिलाने में उपयोगी हो। बेरोजगारी ससे समाज में असंतोष पैदा हो सकता है, अत: शिक्षा नीति मे ंइस पहलु पर ध्यान देना होगा।

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राजस्थान कौशल एवं आजीविका विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ललित के पंवार ने शिक्षा के साथ कौशल को जोडऩे की आवश्यकता बताते हुए विश्वविद्यालय के कौशल पाठ्यक्रमों को स्कूल और कॉलेज शिक्षा से जोडऩे का सुझाव दिया।
हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति ओम थानवी ने शिक्षा के बजट को बढ़ाए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया तथा कहा कि गुणवत्तापूर्ण शोध को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
राजस्थान लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. बी. एम शर्मा ने भारत की शिक्षा व्यवस्था को विश्वस्तरीय मापदण्डों के अनुसार बनाए जाने का सुझाव दिया।

कॉलेज शिक्षा आयुक्त एवं विशिष्ठ शासन सचिव प्रदीप कुमार बोरड़ ने धन्यवाद ज्ञापित किया तथा संस्थाओं और व्यक्तियों को सामाजिक दायित्वों के साथ गुणवत्ता की ओर बढऩे का आह्वान किया।
संगोष्ठी में प्रो. सोमदेव, प्रो. शीला राय, प्रो. अशोक नागावत, प्रो. के. एस. शर्मा, प्रो. घनश्याम सिंह राठौड़, प्रो. रामलखन मीणा, प्रो. फिरोज अख्तर, मणिपाल विश्वविद्यालय के प्रो. वडेरा ने विचार रखे।
कार्यक्रम का संचालन संयुक्त निदेशक (रुसा) डॉ. उर्मिला तलवार ने किया। उन्होंने पावर पाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रारूप 2019 के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला।

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